Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण की नई पहल, सर्दियों से पहले सख्त कदम
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर सर्दियों में प्रदूषण की चपेट में आ गई है। हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है और लोग सांस लेने में परेशानी महसूस कर रहे हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए कई नीतिगत फैसले लिए हैं, जिनमें सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव, पार्किंग शुल्क में वृद्धि और बीएस-III वाहनों पर रोक जैसे कदम शामिल हैं।
कार्यालय समय में बदलाव से ट्रैफिक और धुआं घटाने की कोशिश
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि सर्दियों में सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करने के लिए कार्यालय समय में परिवर्तन किया जा रहा है। दिल्ली सरकार के दफ्तरों का नया समय 9:00 बजे से 5:00 बजे तक और नगर निगम के दफ्तरों का समय 10:00 बजे से 6:00 बजे तक तय करने की योजना है।
इस बदलाव से सुबह और शाम के व्यस्त समय में ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे वाहनों से निकलने वाला धुआं घटेगा और हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना बनेगी।
पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी: निजी वाहनों के उपयोग को हतोत्साहित करने की पहल
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने प्रदूषण नियंत्रण के तहत नई दरें तय की हैं। अब चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग शुल्क 40 रुपये प्रति घंटा, दोपहिया के लिए 20 रुपये और बसों के लिए 300 रुपये प्रति घंटा होगा।
यह व्यवस्था “ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान” (GRAP) के दूसरे चरण के दौरान लागू रहेगी। इस फैसले का उद्देश्य लोगों को निजी वाहन के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है।
पुराने और गैर-मानक वाहनों पर कड़ी रोक
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 1 नवंबर से दिल्ली में बीएस-III या उससे नीचे के सभी बाहरी माल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अब केवल बीएस-IV मानक के अनुरूप वाहन ही राजधानी में प्रवेश कर पाएंगे। इस कदम से सड़कों पर पुराने वाहनों से निकलने वाले प्रदूषक तत्वों की मात्रा कम होगी।

निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी
Delhi Air Pollution: दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने निर्माण स्थलों की निगरानी के लिए विशेष टीमों का गठन किया है।
इन टीमों को आदेश दिया गया है कि वे धूल नियंत्रण उपकरण, एंटी-स्मॉग गन और ग्रीन नेट की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
यदि किसी स्थल पर नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो उस पर तुरंत जुर्माना लगाया जाएगा और निर्माण कार्य रोक दिया जाएगा।

सार्वजनिक परिवहन को सशक्त बनाने पर जोर
दिल्ली सरकार ने डीटीसी और क्लस्टर बसों की अतिरिक्त सेवाएं शुरू करने का निर्णय लिया है ताकि लोग निजी वाहनों के बजाय बसों का उपयोग करें।
इसके अलावा, मेट्रो सेवाओं की आवृत्ति भी सर्दियों के दौरान बढ़ाई जाएगी ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके।
विशेषज्ञों की राय: दीर्घकालिक नीति की आवश्यकता
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए मौसमी उपायों से आगे बढ़कर दीर्घकालिक रणनीति अपनाने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि औद्योगिक प्रदूषण, पराली जलाने और वाहन उत्सर्जन को नियंत्रित किए बिना समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं है।

जनता की भूमिका भी महत्वपूर्ण
सरकार के कदमों के साथ-साथ नागरिकों की भूमिका भी अहम है। विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे निजी वाहनों का कम उपयोग करें, धूल फैलाने वाली गतिविधियों से बचें और वृक्षारोपण में योगदान दें।