Nagpur Crime News: खरबी रोड पर फिर सक्रिय हुए चोर, लगातार हो रही पानी की मोटर चोरी से नागरिकों में दहशत

नवम्बर 9, 2025

Nagpur Crime News:खरबी रोड पर फिर सक्रिय हुए चोर, लगातार हो रही पानी की मोटर चोरी से नागरिकों में दहशत

Nagpur Crime News: नागपुर शहर के खरबी रोड क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से पानी की मोटर चोरी की घटनाओं ने लोगों का चैन छीन लिया है। स्थानीय नागरिक अब अपने घरों और दुकानों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। हाल ही में शक्तिमाता नगर, खरबी रोड, धांडे डेयरी गली स्थित स्वामी रीजेंसी में लगी पानी की मोटर चोरी हो गई। इससे पहले भी कई घरों से मोटर चोरी हो चुकी है, जिससे नागरिकों में गहरा आक्रोश है।


लगातार बढ़ रही चोरी की घटनाएँ

खरबी रोड इलाके में यह पहली घटना नहीं है। कुछ समय पहले इसी क्षेत्र के “रॉक ऑन जिम” की पानी की मोटर भी अज्ञात चोरों ने उड़ा ली थी। वहीं, गोस्वामी डेयरी के पीछे श्री हरिओम भद्रे के घर की पानी की मोटर भी चोरी हो चुकी है।
इन लगातार हो रही चोरियों से यह स्पष्ट है कि इलाके में चोरी की घटनाएँ संगठित रूप ले रही हैं।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, रात के समय अंधेरे और पुलिस गश्त की कमी का लाभ उठाकर चोर घरों के बाहर लगी मोटरें, पाइप और अन्य उपकरण चोरी कर ले जा रहे हैं।


पुलिस में दर्ज हुई शिकायतें, पर कार्रवाई नहीं दिखी असरदार

हाल की घटना की रीतसर शिकायत नंदनवन पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई है। हालांकि, नागरिकों का कहना है कि अब तक पुलिस ने ऐसी किसी भी चोरी में ठोस परिणाम नहीं दिए हैं।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि शिकायतें तो दर्ज होती हैं, परंतु चोरों की गिरफ्तारी न होने से उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है।

एक निवासी ने बताया, “हर कुछ दिन में किसी न किसी का नुकसान हो रहा है, लेकिन पुलिस केवल रिपोर्ट दर्ज कर छोड़ देती है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो लोग खुद सुरक्षा के उपाय करने को मजबूर होंगे।”


Nagpur Crime News: भय और तनाव में जी रहे नागरिक

इन घटनाओं के बाद इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल है। लोग रात में घरों के बाहर रखी चीज़ों को लेकर चिंतित हैं। कई परिवारों ने अब मोटरों को घर के भीतर रखने की व्यवस्था शुरू कर दी है।
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि अगर पुलिस ने समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में यह समस्या और गंभीर हो सकती है।


नागरिकों की मांग – गश्त बढ़े, कैमरे लगें

क्षेत्र के रहवासियों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि इलाके में गश्त बढ़ाई जाए और महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँ। नागरिकों का मानना है कि सुरक्षा उपायों के अभाव में चोरों के हौसले बढ़ रहे हैं।
लोगों का कहना है कि अगर रात में नियमित पुलिस गश्त और निगरानी शुरू हो जाए, तो चोरी की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है।


स्थानीय प्रशासन पर उठ रहे सवाल

Nagpur Crime News: इन घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। नागरिकों का कहना है कि शिकायत दर्ज करने के बाद भी पुलिस की निष्क्रियता अपराधियों को खुली छूट दे रही है।
लोगों का आग्रह है कि पुलिस जल्द से जल्द इस गिरोह का पता लगाकर दोषियों को सख्त सजा दे, ताकि क्षेत्र में शांति बहाल हो सके।


अपराध रोकने के लिए सामुदायिक सहयोग जरूरी

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थितियों में स्थानीय लोगों को भी सतर्कता बरतनी चाहिए। पड़ोसी एक-दूसरे की मदद करें, संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत पुलिस को सूचना दें और अपने घरों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करें।

इस प्रकार प्रशासन और समाज के बीच सामंजस्य से ही इन अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com



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Mohan Bhagwat RSS“हिंदू होना भारत के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है” – डॉ. मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शनिवार को बेंगलुरु में दो दिवसीय व्याख्यानमाला का शुभारंभ किया। इस व्याख्यान श्रृंखला का विषय था — “राष्ट्रीय जीवन में संघ की दृष्टि और भूमिका”। भागवत जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “हिंदू होना केवल एक पहचान नहीं है, बल्कि यह भारत के प्रति जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व का प्रतीक है।” संघ को समझने के लिए तथ्य जरूरी, अफवाह नहीं अपने संबोधन की शुरुआत में डॉ. भागवत ने कहा कि पिछले एक दशक से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आती रही हैं, परंतु इनमें से अधिकांश धारणाएँ अधूरी या अफवाहों पर आधारित हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा, “संघ को दूसरों की बातों से नहीं जाना जा सकता। जो लोग संघ को समझना चाहते हैं, उन्हें स्वयं अनुभव करना होगा। जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक भ्रम फैलते रहेंगे।” भागवत जी ने यह भी याद दिलाया कि 2018 में दिल्ली में इसी उद्देश्य से व्याख्यानमाला आयोजित की गई थी ताकि संघ के बारे में प्रामाणिक और तथ्यात्मक जानकारी समाज तक पहुँचे। समर्थन या विरोध का आधार तथ्य होना चाहिए आरएसएस प्रमुख ने अपने वक्तव्य में कहा कि किसी भी संगठन के प्रति समर्थन या विरोध भावनाओं पर नहीं, बल्कि तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा, “संघ को समझे बिना उसकी आलोचना या समर्थन करना उचित नहीं। जो लोग संघ को जानते हैं, वे जानते हैं कि इसका उद्देश्य केवल राष्ट्र सेवा है।” भागवत जी के अनुसार, संघ किसी राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, समाज और राष्ट्र की एकजुटता के लिए कार्यरत संस्था है। “हिंदू” शब्द का गहरा अर्थ डॉ. मोहन भागवत ने कहा, “जब हम स्वयं को हिंदू कहते हैं, तो यह केवल धर्म की परिभाषा नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली, हमारी संस्कृति और हमारे राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव है।” उन्होंने समझाया कि हिंदुत्व का अर्थ किसी विशेष पूजा-पद्धति से नहीं, बल्कि उस जीवनदृष्टि से है जो सबके कल्याण और समरसता की भावना रखती है। भागवत जी ने कहा, “हिंदू होना मतलब यह मानना कि हम सब एक ही मातृभूमि के संतान हैं। भारत की सेवा, समाज की रक्षा और संस्कृति का संरक्षण ही सच्चा राष्ट्रधर्म है।” समाज के प्रति उत्तरदायित्व का भाव अपने वक्तव्य में उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह समाज में समरसता और सहयोग की भावना बनाए रखे। उन्होंने कहा, “संघ किसी व्यक्ति या संगठन के विरोध में नहीं, बल्कि सकारात्मक राष्ट्र निर्माण में विश्वास रखता है। हमें एक-दूसरे को समझने और जोड़ने की दिशा में कार्य करना चाहिए।” भागवत जी ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे परस्पर मतभेदों को छोड़कर देश के विकास के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा उसकी विविधता में बसती है, और यही विविधता राष्ट्र की शक्ति है। राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका डॉ. भागवत ने बताया कि संघ का उद्देश्य किसी राजनीतिक सत्ता का केंद्र बनना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग में राष्ट्रीय चेतना का विकास करना है। उन्होंने कहा, “संघ का काम व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण करना है। जब व्यक्ति अपने कर्तव्य को समझेगा, तभी समाज और राष्ट्र सशक्त बनेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत विश्व में एक नई भूमिका निभाने जा रहा है, और इस परिवर्तन के केंद्र में भारतीय संस्कृति की वही प्राचीन दृष्टि है — “वसुधैव कुटुंबकम्।” Short Summary (50 Words): बेंगलुरु में आयोजित व्याख्यानमाला में आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू होना केवल पहचान नहीं, बल्कि भारत के प्रति जिम्मेदारी का भाव है। उन्होंने संघ को समझने के लिए अफवाहों से नहीं, बल्कि तथ्यों से जुड़ने की अपील की और राष्ट्र निर्माण में एकता पर बल दिया।: “हिंदू होना भारत के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है” – डॉ. मोहन भागवत