Bihar Election Phase 2 Voting: पश्चिम चंपारण में दूसरे चरण के मतदान की तैयारियां पूरी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के मतदान को लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पश्चिम चंपारण जिले में स्थित बेतिया सहित नौ विधानसभा सीटों पर कल वोट डाले जाएंगे। इन सीटों पर राजनीतिक मुकाबला काफी दिलचस्प और कड़ा माना जा रहा है। ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का वितरण निर्वाचन अधिकारियों द्वारा सुव्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है।
ईवीएम वितरण और मतदान केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था
बेतिया के पोलिंग केंद्रों पर सुबह से ही मतदान कर्मियों की चहल-पहल दिखाई दी। जिला प्रशासन ने ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को सख्त निगरानी में मतदान कर्मियों को सौंपा। प्रत्येक मतदान केंद्र पर सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीमों ने रूट मार्च भी किया ताकि मतदाताओं में भयमुक्त मतदान का माहौल बनाया जा सके।

नौ विधानसभा सीटों पर बने रोचक समीकरण
पश्चिम चंपारण जिले में कुल नौ विधानसभा सीटें हैं — बेतिया, नरकटियागंज, सिकटा, रामनगर, चनपटिया, बगहा, लौरिया, मैनाटांड़ और वाल्मीकिनगर।
2020 के चुनाव में इन नौ सीटों में से आठ पर एनडीए ने जीत दर्ज की थी, जबकि महागठबंधन को केवल एक सीट पर संतोष करना पड़ा था। मगर इस बार समीकरण बदलते दिख रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच तालमेल के बावजूद विपक्ष ने जन मुद्दों को लेकर मजबूत पकड़ बनाई है।
मतदाताओं में जोश, प्रत्याशियों में हलचल
मतदान से ठीक पहले प्रत्याशी अंतिम क्षणों तक अपने प्रचार में जुटे हैं। गांव-गांव और मोहल्लों में डोर-टू-डोर कैंपेन चलाया जा रहा है। बेतिया में स्थानीय मुद्दे जैसे सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार इस बार के चुनावी विमर्श का केंद्र बने हुए हैं। मतदाताओं में मतदान को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
प्रशासन ने बनाए विशेष निगरानी तंत्र
Bihar Election Phase 2 Voting: चुनाव आयोग ने इस चरण में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी दल तैनात किए हैं। ड्रोन कैमरों से निगरानी, वेबकास्टिंग और माइक्रो ऑब्जर्वर की नियुक्ति की गई है। प्रत्येक मतदान केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। संवेदनशील और अति-संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।

राजनीतिक दलों की रणनीति और जनता की अपेक्षा
एनडीए ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की संयुक्त सभाओं के माध्यम से जन समर्थन जुटाने का प्रयास किया है, वहीं महागठबंधन ने बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर मतदाताओं को प्रभावित करने की रणनीति अपनाई है।
जनता की नज़र इस बार उन प्रत्याशियों पर है जो क्षेत्र के विकास में ठोस पहल कर सकें।
2025 का चुनाव क्यों अलग है
विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार चुनाव 2025 का यह चरण पिछली बार से भिन्न है क्योंकि मतदाताओं की प्राथमिकताएं बदली हैं। युवाओं में रोजगार और शिक्षा को लेकर गहरी अपेक्षा है, वहीं महिलाओं में सुरक्षा और आत्मनिर्भरता से जुड़े मुद्दों को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
परिणाम तय करेंगे नई राजनीतिक दिशा
पश्चिम चंपारण की 9 सीटों का परिणाम बिहार की राजनीति की दिशा तय कर सकता है। यदि एनडीए फिर से इन सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत रखती है, तो उसे सरकार गठन में बढ़त मिल सकती है, लेकिन अगर महागठबंधन इन सीटों पर बढ़त बनाता है तो समीकरण पूरी तरह बदल जाएंगे।