Jharkhand SIR: निर्वाचन कार्यों में शिथिलता पर सख्त रुख
रांची। झारखंड में निर्वाचन कार्यों की पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि बूथ स्तर पर कार्यरत बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) यदि अपने दायित्वों का निर्वहन ठीक से नहीं करते हैं, तो उन्हें तत्काल निलंबित किया जाएगा और उनकी जगह नए बीएलओ की नियुक्ति की जाएगी।
बीएलओ पर कड़ी निगरानी और अनुशासनात्मक कार्रवाई
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि बीएलओ के कार्य की नियमित समीक्षा की जाए।
जो बीएलओ मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में टालमटोल कर रहे हैं, उनकी रिपोर्ट उनके पैतृक विभाग को भेजी जाए ताकि उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन जैसे संवेदनशील कार्य में किसी भी स्तर की लापरवाही लोकतंत्र की जड़ को कमजोर करती है, इसलिए सभी अधिकारियों को सतर्क रहना अनिवार्य है।
मतदाता सूची के सटीक अद्यतन के लिए 2003 की सूची से मैपिंग
निर्वाचन आयोग की दिशा-निर्देशों के अनुरूप इस बार मतदाता सूची को वर्ष 2003 की सूची से मैप करने की प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है।
रवि कुमार ने कहा कि जितने अधिक मतदाताओं की “पैरेंटल मैपिंग” पुरानी सूची से हो जाएगी, उतना ही उन्हें इन्यूमरेशन फॉर्म भरने में सुविधा होगी।
इस कदम का उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाना और पुराने मतदाताओं की पहचान को अद्यतन करना है ताकि भविष्य के चुनावों में किसी प्रकार की भ्रम या त्रुटि की संभावना न रहे।
जिला अधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण के निर्देश
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी अपने क्षेत्र का प्रत्यक्ष निरीक्षण करें।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जहां भी मतदाता सूची में विसंगतियाँ या तकनीकी कठिनाइयाँ उत्पन्न हो रही हों, वहां पर तत्काल समाधान सुनिश्चित किया जाए।
रवि कुमार ने कहा कि मतदाता सूची केवल एक दस्तावेज नहीं बल्कि लोकतंत्र की आधारशिला है, और इसे सटीक बनाए रखना सभी अधिकारियों का सर्वोच्च कर्तव्य है।
तकनीकी प्रस्तुति और प्रशिक्षण
Jharkhand SIR: बैठक में उप निर्वाचन पदाधिकारी धीरज कुमार ठाकुर ने मतदान केंद्रों के युक्तिकरण (Rationalization) के विषय पर पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार से मतदान केंद्रों का पुनर्गठन कर मतदाताओं की पहुंच को और अधिक सुलभ बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, नोडल पदाधिकारी देव दास दत्ता और अवर निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार भी उपस्थित थे।
निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता
रवि कुमार ने कहा कि आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल हो और कोई भी व्यक्ति किसी त्रुटि के कारण वंचित न रह जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण की यह प्रक्रिया राज्य के सभी जिलों में निर्धारित समय सीमा में पूरी होनी चाहिए।
झारखंड में इस सख्ती के बाद निर्वाचन कार्यों में नई ऊर्जा और अनुशासन की उम्मीद की जा रही है।
बीएलओ पर निगरानी बढ़ने से मतदाता सूची की विश्वसनीयता में सुधार होगा और आगामी चुनावों में पारदर्शिता को नई मजबूती मिलेगी।