फर्जी कंपनियों के नाम पर युवाओं से ठगी
Nagpur Crime News: नागपुर पुलिस की अपराध शाखा यूनिट क्रमांक 4 ने एक संगठित ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने बेरोजगार युवकों को व्यवसाय में भागीदार बनाने का झांसा देकर उनके आधार, पैन और बैंक दस्तावेज हासिल किए और उनके नाम पर फर्जी फर्म और बैंक खाते खोले।
इन खातों के जरिए अवैध ऑनलाइन गेमिंग, बेटिंग, हवाला और मनी ट्रांजेक्शन का बड़ा नेटवर्क चलाया जा रहा था।
Nagpur Crime News: शिकायत से खुला पूरा रैकेट
फरियादी दीपक गायधने ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके नाम पर खोले गए बैंक खाते से करीब ₹1.73 करोड़ के संदिग्ध ट्रांजेक्शन किए गए हैं।
जांच में पुलिस ने पाया कि आरोपी संगठित तरीके से फर्जी कंपनियों और खातों का उपयोग कर भारी आर्थिक धोखाधड़ी कर रहे थे।
कैसे काम करता था गिरोह
-
बेरोजगार युवाओं को ‘बिजनेस पार्टनर’ या ‘ऑनलाइन वर्क’ का लालच दिया जाता था।
-
युवकों से डॉक्यूमेंट्स लेकर उनके नाम पर बैंक अकाउंट खोले जाते थे।
-
इन खातों में ऑनलाइन सट्टेबाजी, हवाला और फर्जी ट्रांजेक्शन किए जाते थे।
-
सभी ट्रांजेक्शन के असली मास्टरमाइंड कंप्यूटर व मोबाइल से दूर बैठकर नेटवर्क ऑपरेट करते थे।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
Nagpur Crime News: नागपुर क्राइम ब्रांच यूनिट-4 ने छापेमारी कर सभी 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
राणाप्रताप नगर पुलिस थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और साइबर अपराध से जुड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस अब इस रैकेट के मुख्य सरगना और मनी ट्रेल का पता लगाने में जुटी है।
पुलिस ने दी चेतावनी
अधिकारियों ने कहा कि बेरोजगार युवा किसी भी कंपनी या व्यक्ति को अपने दस्तावेज साझा करने से पहले पूरी जांच करें। कई गिरोह ऐसे दस्तावेजों का उपयोग फर्जी बैंकिंग, क्रिप्टो और हवाला कारोबार के लिए करते हैं।
संभावना बड़े नेटवर्क की
प्राथमिक जांच से पता चला है कि यह नेटवर्क राज्य के बाहर तक फैला हुआ हो सकता है। पुलिस साइबर और वित्तीय एजेंसियों की मदद से अन्य खातों और ट्रांजेक्शन की छानबीन कर रही है।