बिहार एग्जिट पोल: नीतीश-तेजस्वी की सियासी जंग का फैसला आज शाम
Bihar Exit Poll 2025: बिहार की राजनीति एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर है। विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग जारी है, और पूरे देश की निगाहें अब शाम को आने वाले एग्जिट पोल्स पर टिकी हैं। यह वह समय होता है जब जनता की राय, अनुमान के रूप में देश के सामने आती है।
बिहार चुनाव 2025 का दूसरा और अंतिम चरण
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में कुल 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान हो रहा है। कुल 1302 उम्मीदवार इस चरण में मैदान में हैं, जिनका भाग्य अब 3 करोड़ 70 लाख मतदाताओं की उंगलियों में कैद है।
वोटिंग शाम 6 बजे तक चलेगी और इसके तुरंत बाद न्यूज चैनलों पर Bihar Exit Poll Result 2025 का प्रसारण शुरू हो जाएगा।
क्या होता है एग्जिट पोल?
Bihar Exit Poll 2025: एग्जिट पोल दरअसल एक चुनावी सर्वेक्षण होता है, जो मतदान के बाद मतदाताओं की राय पर आधारित होता है।
मतदान केंद्रों के बाहर सर्वे एजेंसियों के प्रतिनिधि मतदाताओं से कुछ प्रश्न पूछते हैं — जैसे उन्होंने किस दल या उम्मीदवार को वोट दिया और क्यों।
उनके जवाबों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि मतदाता का रुझान किस राजनीतिक दल या नेता की ओर झुका है।

एग्जिट पोल जारी करने के नियम
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126(ए) के अनुसार, किसी भी चरण के मतदान से पहले एग्जिट पोल जारी करना वर्जित है।
केवल अंतिम चरण की वोटिंग समाप्त होने के आधे घंटे बाद ही ऐसे सर्वे जारी किए जा सकते हैं।
इसका उद्देश्य मतदाताओं को प्रभावित होने से बचाना है ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रहे।
2005 से अब तक नीतीश का दबदबा
अगर बिहार की राजनीतिक यात्रा पर नजर डालें तो वर्ष 2005 से 2020 तक नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए गठबंधन लगातार सत्ता में रहा है।
भले ही बीच में समीकरण बदले हों, पर नीतीश ने अपनी पकड़ कभी पूरी तरह ढीली नहीं पड़ने दी।
वहीं, इस बार तेजस्वी यादव नई रणनीति और युवाओं पर केंद्रित चुनावी वादों के साथ मैदान में हैं।
Bihar Exit Poll 2025:कौन मारेगा बाजी?
इस बार मुकाबला सिर्फ एनडीए और महागठबंधन तक सीमित नहीं है।
असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनावी मैदान में हैं, जो वोट बैंक में नई सेंध लगा सकती हैं।
इस कारण एग्जिट पोल के नतीजे इस बार और भी दिलचस्प हो सकते हैं।
हालांकि, अंतिम फैसला 14 नवंबर को आएगा, लेकिन एग्जिट पोल से यह संकेत मिल जाएगा कि बिहार का मतदाता किस दिशा में सोच रहा है।
जनता की उम्मीदें और मुद्दे
Bihar Exit Poll 2025: बेरोजगारी, शिक्षा, कानून-व्यवस्था और विकास अब भी बिहार के प्रमुख चुनावी मुद्दे हैं।
नीतीश कुमार इन मुद्दों पर अपनी उपलब्धियों का हवाला दे रहे हैं, जबकि तेजस्वी यादव नए रोजगार व बेहतर शासन के वादों के साथ मतदाताओं को लुभा रहे हैं।
जनता इस बार स्थिर सरकार चाहती है — ऐसी सरकार जो वादों से आगे बढ़कर जमीन पर काम करे।
आज शाम दिखेगा सियासी मूड
एग्जिट पोल आने के साथ ही पटना से लेकर दिल्ली तक सियासी गलियारों में हलचल तेज हो जाएगी।
हर पार्टी अपने गणित के हिसाब से जीत का दावा करेगी, लेकिन असली तस्वीर तभी साफ होगी जब 14 नवंबर को ईवीएम खुलेगी।
फिलहाल, आज शाम बिहार का सियासी मूड देश के सामने होगा — क्या नीतीश की कुर्सी बच पाएगी या तेजस्वी की वापसी होगी, यही सबसे बड़ा सवाल है।