MSP Scheme: सोयाबीन, मूंग और उड़द फसल की खरीदी के लिए ऑनलाइन पंजीकरण जारी
नागपुर, दिनांक 11 नवंबर: खरीफ हंगाम 2025-26 के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के अंतर्गत अब किसान अपनी उपज की बिक्री एनसीसीएफ (National Cooperative Consumers’ Federation) के माध्यम से कर सकेंगे। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया 30 अक्टूबर से प्रारंभ हो चुकी है, जिसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है।
किसानों को मिलेगा उचित दाम का भरोसा
इस वर्ष सरकार ने मूंग, उड़द और सोयाबीन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य क्रमशः ₹8,768, ₹7,008 और ₹5,328 प्रति क्विंटल तय किया है। इन दामों पर खरीदी सुनिश्चित करने से किसानों को बाजार की अस्थिरता से राहत मिलेगी और उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा।
नागपुर जिले में सात खरीद केंद्र बनाए गए
महाराष्ट्र राज्य सहकारी विपणन महासंघ की ओर से नागपुर जिले में कुल 7 उपएजेंसी केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां किसान अपनी फसल की बिक्री कर सकेंगे। ये केंद्र भिवापुर, कळमेश्वर, काटोल, उमरेड, नरखेड, रामटेक और सावनेर तहसीलों में स्थित हैं।
पंजीकरण प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
किसानों को पंजीकरण के लिए अपने नजदीकी खरीद केंद्र पर जाकर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इनमें शामिल हैं –
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आधार कार्ड और मोबाइल नंबर
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चालू सीजन की फसल का 7/12 उतारा
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नमुना 8-अ (फसल का प्रमाण पत्र)
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सामूहिक जमीन होने पर सभी किसानों के आधार कार्ड और सहमति पत्र
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बैंक पासबुक की प्रति
पंजीकरण पूर्ण होने के बाद किसान को एक एसएमएस प्राप्त होगा, जिसके पश्चात वह अपना उत्पाद निर्धारित केंद्र पर लेकर जा सकता है।
खरीदी प्रक्रिया 15 नवंबर से शुरू
MSP Scheme: खरीद की वास्तविक प्रक्रिया 15 नवंबर से अगले 10 दिनों तक चलेगी। इस दौरान एनसीसीएफ के माध्यम से फसलों की खरीदी सीधे किसानों से की जाएगी। भुगतान की प्रक्रिया डिजिटल होगी ताकि पारदर्शिता और समयबद्धता बनी रहे।
किसानों के लिए अपील
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अंतिम तिथि की प्रतीक्षा न करें और शीघ्र पंजीकरण कर इस योजना का लाभ उठाएं। जो किसान समय पर पंजीकरण नहीं करेंगे, वे समर्थन मूल्य पर बिक्री से वंचित हो सकते हैं।
योजनाओं के प्रति जागरूकता जरूरी
ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कई किसान सरकारी खरीद योजनाओं की जानकारी से अनभिज्ञ हैं। इस कारण वे निजी व्यापारियों को औने-पौने दामों पर फसल बेचने को मजबूर होते हैं। सरकार द्वारा शुरू की गई यह ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया किसानों को सीधे सरकारी खरीद नेटवर्क से जोड़ने का प्रयास है।
आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में कदम
यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने और कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किसानों को उचित मूल्य और समय पर भुगतान मिलता रहा, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी।
केंद्र और राज्य सरकारों के इस संयुक्त प्रयास से किसानों को न केवल लाभकारी मूल्य मिलेगा, बल्कि वे मध्यस्थों की दलाली से भी मुक्त रहेंगे। समय पर पंजीकरण और पारदर्शी भुगतान व्यवस्था के जरिए यह योजना किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।