Pneumonia Prevention Tips: ठंड के मौसम में निमोनिया से बचाव जरूरी
सर्दियों के आगमन के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ बढ़ जाती हैं। इनमें सबसे गंभीर बीमारी है निमोनिया, जो विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। हर वर्ष विश्वभर में लाखों लोग इस संक्रमण से प्रभावित होते हैं। इलाज में लापरवाही कई बार मौत का कारण बन जाती है। इसी कारण हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को इसके खतरों और बचाव के प्रति जागरूक किया जा सके।
क्या है निमोनिया और कैसे फैलता है?
निमोनिया एक संक्रामक रोग है, जिसमें फेफड़ों में सूजन आ जाती है और उनमें तरल पदार्थ भरने लगता है। यह संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या परजीवी के कारण हो सकता है। टीबी भी इसका एक बड़ा कारण माना जाता है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है।
किन लोगों को होता है अधिक खतरा?
कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में निमोनिया का खतरा अधिक होता है। धूम्रपान करने वाले, शराब या नशे के आदी व्यक्ति, डायलिसिस करवाने वाले रोगी, हृदय या लिवर की बीमारी से पीड़ित लोग, कैंसर और एड्स के मरीज, नवजात और बुजुर्ग—सभी इसके लिए अधिक संवेदनशील माने जाते हैं।
निमोनिया के प्रमुख लक्षण
निमोनिया के शुरुआती लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लग सकते हैं, लेकिन समय रहते ध्यान न देने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।
मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
-
तेज बुखार और लगातार खांसी
-
बलगम के साथ खांसी या सांस लेने में कठिनाई
-
सीने में दर्द और भारीपन
-
भूख न लगना, थकान या उल्टी
-
बुजुर्गों में भ्रम, चक्कर या कमजोरी के लक्षण
तीन प्रमुख संक्रमण मार्ग
-
श्वास के रास्ते – संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से।
-
खून के रास्ते – अस्पताल में भर्ती या डायलिसिस वाले मरीजों में।
-
एस्पिरेशन के माध्यम से – मुंह या गले के स्राव फेफड़ों में चले जाने पर।
समय पर पहचान और इलाज आवश्यक
Pneumonia Prevention Tips: यदि व्यक्ति को लगातार खांसी, बुखार और सांस की तकलीफ बनी रहे, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर खून, बलगम की जांच और छाती का एक्स-रे करवाने की सलाह देते हैं। देर होने पर संक्रमण पूरे शरीर में फैल सकता है, जो मृत्यु का कारण बन सकता है।
निमोनिया से बचाव के सरल उपाय
-
ठंड से बचें: बच्चों और बुजुर्गों को सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाएं।
-
स्वच्छता अपनाएं: नियमित रूप से हाथ धोना संक्रमण रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है।
-
वैक्सीन लगवाएं: 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को न्यूमोकोकल और फ्लू वैक्सीन लगवाना चाहिए।
-
धूम्रपान से बचें: यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को कमजोर करता है और संक्रमण की संभावना बढ़ाता है।
-
इम्युनिटी बढ़ाएं: हरी सब्जियों, फलों का सेवन करें और योग-प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करें।
अस्पताल और घर पर सावधानियां
अस्पताल में नेबुलाइज़र, ऑक्सीजन उपकरणों और एंडोट्रेकियल ट्यूब की नियमित सफाई आवश्यक है। घर पर बच्चों को ठंड में नहलाने से बचें, उन्हें बिना कपड़ों के खुले में न छोड़ें और टीकाकरण समय पर करवाएं।
निमोनिया एक गंभीर परंतु रोकथाम योग्य रोग है। समय पर पहचान, वैक्सीन और जीवनशैली में सुधार से इससे बचाव संभव है। सर्दियों में बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।