Delhi Blast: दिल्ली विस्फोट पर बांग्लादेश आवामी लीग का प्रहार
नई दिल्ली। बांग्लादेश की सत्ताधारी पार्टी आवामी लीग ने दिल्ली में हुए हालिया विस्फोट को “क्रूर” और “भारत की स्थिरता को चुनौती देने वाला कृत्य” करार दिया है। पार्टी ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को इस हमले के पीछे बताया है और भारत सरकार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पाकिस्तानी संगठनों पर लगा साजिश रचने का आरोप
आवामी लीग के छात्र संगठन बांग्लादेश छात्र लीग ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि लाल किले के पास हुआ यह विस्फोट “सुनियोजित आतंकी षड्यंत्र” का हिस्सा है। संगठन ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क और उसके समर्थित कट्टरपंथी समूहों ने इस धमाके की रूपरेखा तैयार की थी।
छात्र लीग ने कहा कि यह हमला न केवल भारत की संप्रभुता पर प्रहार है बल्कि दक्षिण एशिया की शांति और एकता को भी खतरे में डालता है।
“आतंकवाद पाकिस्तान की पुरानी नीति का हिस्सा”
बयान में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से अपने पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने के लिए आतंकवाद का प्रयोग करती रही हैं। “दशकों से पाकिस्तान ने आतंकवाद को एक राज्य नीति के रूप में अपनाया है। उसने आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षित, वित्तीय सहायता दी और उन्हें अपने पड़ोसियों के विरुद्ध हथियार के रूप में प्रयोग किया,” बयान में कहा गया।
यह भी जोड़ा गया कि “ऐसे कृत्य न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि मानवता के मानकों का भी अपमान करते हैं।”
बांग्लादेश ने भारत के साथ एकजुटता जताई
आवामी लीग ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अपना समर्थन दोहराया। बयान में कहा गया, “बांग्लादेश भारत के साथ खड़ा है। आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई केवल एक देश की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे उपमहाद्वीप की साझा जिम्मेदारी है।”
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि “भारत पर इस तरह के आतंकवादी हमले दक्षिण एशिया की स्थिरता पर हमला हैं। हमें आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील
Delhi Blast: बांग्लादेश आवामी लीग ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से भी भारत का साथ देने की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी धर्म, भाषा या सीमा का नहीं होता और इसे राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग करने वालों को विश्व स्तर पर जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
संगठन ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक समुदाय पाकिस्तान पर दबाव बनाएगा ताकि वह आतंक को शरण देना बंद करे और अपने आतंकी ढांचे को नष्ट करे।”
भारत की प्रतिक्रिया और संभावित जांच
भारत सरकार ने इस धमाके की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। गृह मंत्रालय ने बताया कि जांच एजेंसियां आतंक के स्रोत और संभावित विदेशी संपर्कों की जांच में जुटी हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस विस्फोट में पाकिस्तान समर्थित समूहों की भूमिका सामने आती है, तो भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसका मुद्दा जोरदार ढंग से उठाएगा।
क्षेत्रीय शांति पर खतरा
विश्लेषकों के अनुसार, इस प्रकार की घटनाएं दक्षिण एशिया में शांति और विकास की प्रक्रिया को बाधित करती हैं। आतंकवाद को किसी एक देश की समस्या न मानते हुए क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। बांग्लादेश और भारत के बीच इस मुद्दे पर साझा रुख को विशेषज्ञ “सकारात्मक संकेत” बता रहे हैं।