Bihar Axis Exit Poll: एक्ज़िट पोल का संकेत, बिहार में फिर बनेगी एनडीए सरकार, आरजेडी बनी सबसे बड़ी पार्टी

Bihar Axis Exit Poll
Bihar Axis Exit Poll – बिहार में एनडीए को बहुमत, आरजेडी बनी सबसे बड़ी पार्टी (File Photo)
नवम्बर 12, 2025

Bihar Axis Exit Poll: बिहार में फिर नीतीश के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनने के संकेत

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम आने से पहले जारी हुए एग्ज़िट पोल ने राजनीतिक हलचल को तेज़ कर दिया है। एक्सिस माय इंडिया द्वारा जारी नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, इस बार भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करता दिख रहा है। वहीं, तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सीटों की दृष्टि से सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती दिखाई दे रही है।


एनडीए को बहुमत का अनुमान, महागठबंधन पीछे छूटा

एक्सिस माय इंडिया के अनुसार, कुल 243 विधानसभा सीटों में से एनडीए को 121 से 141 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। वहीं, महागठबंधन को 98 से 118 सीटें मिल सकती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक़, जन सुराज पार्टी को अधिकतम दो सीटें और एआईएमआईएम को भी अधिकतम दो सीटों पर जीत की संभावना जताई गई है।

सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, आरजेडी 67-76 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है, जबकि जदयू 56-62 और भाजपा 50-56 सीटों पर सिमट सकती है। कांग्रेस को 17-21 और एलजेपी (रामविलास) को 11-16 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।


वोट शेयर में एनडीए सबसे आगे

एग्ज़िट पोल के अनुसार, वोट शेयर के मामले में भी एनडीए ने बढ़त बनाई है। अनुमान है कि एनडीए को 43% वोट, महागठबंधन को 41% वोट, अन्य को 12% वोट और जन सुराज को 4% वोट मिल सकते हैं। यह साफ संकेत देता है कि जनता में एनडीए की पकड़ अब भी मज़बूत बनी हुई है।


मुख्यमंत्री पद की रेस में तेजस्वी यादव सबसे आगे

Bihar Axis Exit Poll: हालांकि, दिलचस्प पहलू यह है कि मुख्यमंत्री पद के पसंदीदा चेहरे के रूप में जनता ने तेजस्वी यादव को सबसे अधिक समर्थन दिया है। एग्ज़िट पोल के अनुसार, तेजस्वी को सर्वाधिक समर्थन प्राप्त हुआ है, जबकि नीतीश कुमार दूसरे स्थान पर हैं। इसका अर्थ यह हो सकता है कि भले ही सरकार एनडीए की बने, लेकिन जनभावना में बदलाव की झलक साफ दिख रही है।


जन सुराज और छोटे दलों की स्थिति

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, जिसने इस चुनाव में पहली बार पूर्ण सक्रियता दिखाई, को अभी केवल 0 से 2 सीटों तक सीमित माना गया है। इसी प्रकार, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को भी सीमित प्रभाव वाला बताया गया है। हालांकि, इन दलों के वोट शेयर से कई सीटों पर मुकाबला दिलचस्प बन सकता है।


2020 के मुकाबले परिदृश्य में बदलाव

2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 सीटें मिली थीं, जबकि महागठबंधन को 110 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। उस समय भी एनडीए ने मामूली बढ़त के साथ सत्ता में वापसी की थी। मगर इस बार, आरजेडी का संगठनात्मक ढांचा और युवा नेतृत्व के तहत उसका उभार उसे अधिक मजबूत बनाता दिख रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि ये आंकड़े अंतिम नतीजों के आसपास रहते हैं, तो बिहार में सत्ता संतुलन को लेकर नई राजनीतिक गणनाएं शुरू होंगी। तेजस्वी यादव का राजनीतिक कद इस चुनाव के बाद और बढ़ सकता है।


जनता के मन में क्या है भावना?

बिहार की जनता ने इस बार विकास, रोजगार और सुशासन जैसे मुद्दों पर मतदान किया है। ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे की स्थिति, कृषि से जुड़ी समस्याएँ और युवाओं के पलायन के मुद्दे भी प्रमुख रहे। हालांकि, एनडीए ने अपने “विकास और स्थिरता” के नारे के साथ मतदाताओं का विश्वास बनाए रखा है।


राजनीतिक दलों की अगली रणनीति | Bihar Axis Exit Poll

अब सभी दल 2025 के नतीजों की ओर निगाहें टिकाए हुए हैं। अगर यह एग्ज़िट पोल सही साबित होता है, तो नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं। वहीं, आरजेडी विपक्ष के रूप में और अधिक मुखर भूमिका निभा सकती है। जन सुराज और अन्य छोटे दलों के लिए यह चुनाव एक नई सीख के रूप में दर्ज होगा।

Axis My India के एग्ज़िट पोल ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि बिहार की राजनीति में अभी भी नीतीश कुमार की पकड़ बनी हुई है, लेकिन आरजेडी के बढ़ते जनसमर्थन ने यह भी बता दिया है कि बदलाव की चाहत धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। अब निगाहें 2025 के वास्तविक परिणामों पर टिक गई हैं, जो तय करेंगे कि बिहार की सत्ता की चाबी किसके हाथ में जाएगी।

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