Nagpur News: वाठोड़ा पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मिली मुस्कान
नागपुर के वाठोड़ा थाना क्षेत्र में सोमवार शाम एक घटना ने न केवल एक मां की आंखों में खुशी के आंसू ला दिए बल्कि पुलिस की तत्परता का उदाहरण भी पेश किया। दरअसल, 10 वर्षीय बालक के गुम हो जाने की सूचना मिलते ही पुलिस ने ऐसा खोज अभियान चलाया कि मात्र दो घंटे में बच्चा सुरक्षित मिल गया।
शिकायत मिलते ही शुरू हुई तेजी से कार्रवाई
दिनांक 12 नवंबर 2025 को रात 9 बजे के करीब वाठोड़ा पुलिस थाने के दिनपाल अधिकारी उपनिरीक्षक माधव गुंडेकर को ज्योत्सना गजभिये नामक महिला ने सूचना दी कि उनका 10 वर्षीय पुत्र दोपहर से घर नहीं लौटा। इस सूचना के बाद पुलिस ने एक पल की भी देरी न करते हुए कार्रवाई आरंभ कर दी।
उपनिरीक्षक गुंडेकर स्वयं मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। तत्पश्चात उन्होंने पाँच अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया ताकि खोज अभियान को तेजी और प्रभावशीलता के साथ अंजाम दिया जा सके।
व्हाट्सऐप ग्रुप और नागरिकों की मदद से बढ़ी तलाश
पुलिस ने आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए बच्चे का फोटो और विवरण स्थानीय व्हाट्सऐप समूहों पर साझा किया। साथ ही आसपास के नागरिकों को भी खोज अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया। निकटवर्ती थानों के बीट मार्शल और पेट्रोलिंग वाहनों को भी बच्चे की जानकारी दी गई।
नियंत्रण कक्ष को अलर्ट जारी किया गया ताकि किसी भी सूचना पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके। इस सहयोगात्मक प्रयास से तलाश का दायरा कुछ ही समय में बढ़ गया।
पुलिस उपायुक्त के निर्देश से बढ़ा मनोबल
जैसे ही माननीय पुलिस उपायुक्त, परिमंडल क्रमांक 5, श्री निकेतन कदम को इस घटना की जानकारी दी गई, उन्होंने तत्काल निर्देश जारी किए कि बच्चे के परिजनों के साथ मिलकर खोज अभियान को और तेज किया जाए।
पुलिस टीमों ने इलाके में लगातार खोज अभियान जारी रखा और एक घंटे के भीतर ही सफलता हाथ लग गई। बच्चे को श्रीकृष्ण नगर, नंदनवन थाना क्षेत्र के पास स्थित हनुमान मंदिर के समीप सुरक्षित पाया गया।
मां की आंखों में छलके खुशी के आंसू
Nagpur News: जब पुलिस टीम बच्चे को लेकर वाठोड़ा थाने पहुंची, वहां उपस्थित मां ज्योत्सना गजभिये अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं। बच्चे को गले लगाते हुए उनकी आंखों से खुशी के आंसू बह निकले।
पुलिस उपनिरीक्षक माधव गुंडेकर, स्वप्निल राऊत, अतुल पवार, हवलदार अश्विन बडगे, सुनील वानखेडे और सिपाही चरण राठोड़ की टीम ने इस अभियान में विशेष योगदान दिया।
समाज में बढ़ा पुलिस पर विश्वास
इस घटना ने न केवल एक परिवार को राहत दी, बल्कि समाज में पुलिस की छवि को भी और मजबूत किया। आम नागरिकों में यह संदेश गया कि पुलिस न केवल अपराध रोकने के लिए बल्कि मानवता की सेवा के लिए भी सदैव तत्पर रहती है।
वाठोड़ा पुलिस की यह त्वरित कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि जब पुलिस और जनता मिलकर काम करते हैं, तब किसी भी संकट का समाधान शीघ्रता से किया जा सकता है।