भोजपुर चुनाव परिणाम 2025: मतगणना से पहले सियासी तापमान चढ़ा
भोजपुर जिले की सियासत में इस बार की मतगणना बेहद अहम मानी जा रही है। शुक्रवार सुबह आठ बजे से जिले के सातों विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना शुरू होगी, जिसमें कुल 82 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त और प्रशासनिक तैयारियों के बीच सभी राजनीतिक दलों के खेमों में बेचैनी का माहौल है।
मतगणना केंद्र पर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था
जिला प्रशासन ने मतगणना की तैयारी पूरी कर ली है। बाजार समिति स्थित स्ट्रॉन्ग रूम में सातों विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना होगी। इसके लिए 150 से अधिक मजिस्ट्रेट और 550 से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया गया है। डीएम और एसपी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मतगणना स्थल पर चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और प्रवेश केवल पास धारकों को ही मिलेगा।
सुबह 8 बजे से मतगणना, दोपहर तक तय होगी किस्मत
मतगणना सुबह आठ बजे शुरू होगी और नौ बजे के बाद शुरुआती रुझान सामने आने लगेंगे। अनुमान है कि दोपहर दो बजे तक अधिकतर परिणाम साफ हो जाएंगे। इन नतीजों पर सभी दलों की निगाहें टिकी हैं क्योंकि भोजपुर की राजनीति में यह चुनाव भविष्य की दिशा तय कर सकता है।
दांव पर कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा
इस चुनाव में दो एमएलसी और चार मौजूदा विधायक अपनी साख दांव पर लगाए बैठे हैं। संदेश से राधाचरण साह, जगदीशपुर से भगवान सिंह कुशवाहा, बड़हरा से राघवेंद्र प्रताप सिंह, अगिआंव से शिव प्रकाश रंजन, तरारी से विशाल प्रशांत और शाहपुर से राहुल तिवारी सहित कई प्रमुख चेहरे मैदान में हैं। इन सभी की प्रतिष्ठा इस चुनावी रण में दांव पर है।
मतगणना कर्मियों को दी जा रही विशेष ट्रेनिंग
मतगणना प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए लगभग 650 कर्मियों को तीसरी ट्रेनिंग शुक्रवार सुबह दी जाएगी। इसके अलावा प्रत्याशियों, एजेंटों और पत्रकारों को पास निर्गत किए गए हैं ताकि प्रवेश प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा न आए।
विधानसभा अनुसार नियंत्रण कक्ष तैयार
जिले में सभी सात विधानसभा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं। प्रत्येक विधानसभा के लिए जिला नियंत्रण और आरओ नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी शिकायत या तकनीकी समस्या का तुरंत समाधान किया जा सके।
मतदान प्रतिशत से बढ़ी उत्सुकता
भोजपुर जिले में इस बार मतदान में अच्छी भागीदारी देखने को मिली। औसतन 59.90 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। तरारी विधानसभा ने सबसे अधिक 64.27 प्रतिशत मतदान दर्ज किया, जबकि आरा विधानसभा में 56.38 प्रतिशत वोट पड़े। महिला मतदाताओं की भागीदारी इस बार पुरुषों से अधिक रही, जो लोकतांत्रिक चेतना का संकेत है।
सियासी समीकरणों पर टिकी निगाहें
भोजपुर जिले की सातों सीटों पर इस बार मुकाबला बहुकोणीय है। एक तरफ सत्तारूढ़ दल अपने कामकाज के आधार पर जनता से समर्थन की उम्मीद कर रहा है, वहीं विपक्ष ने बेरोजगारी, महंगाई और स्थानीय मुद्दों को चुनावी हथियार बनाया। अब मतगणना ही तय करेगी कि जनता ने किस पर भरोसा जताया है।
नतीजों से तय होगी आगे की सियासी दिशा
भोजपुर के नतीजे सिर्फ जिले ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार की राजनीति पर असर डाल सकते हैं। अगर विपक्ष को बढ़त मिलती है तो राज्य में सत्ता समीकरण बदलने के संकेत मिल सकते हैं। वहीं सत्ता पक्ष की जीत मुख्यमंत्री के लिए राहत भरी खबर होगी।