प्रमुख मुद्दे का अवलोकन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संगठन ने संयुक्त राज्य अमेरिका या किसी भी अन्य देश में कोई लॉबिंग फर्म या जनसंपर्क संस्था नियुक्त नहीं की है। हाल ही में विभिन्न माध्यमों में प्रसारित दावों और चर्चाओं के बाद संघ की ओर से यह आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें यह कहा गया है कि आरएसएस अपने विचारों, उद्देश्यों और कार्यप्रणाली के प्रचार-प्रसार में किसी बाहरी या अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर नहीं रहता।
आरएसएस की कार्यप्रणाली और मूल ध्येय
आरएसएस देश में कार्यरत एक स्वैच्छिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है, जिसका मूल उद्देश्य राष्ट्रीय चरित्र निर्माण, सांस्कृतिक चेतना का प्रसार और समाजसेवा को सुदृढ़ बनाना है। संगठन के स्वयंसेवक शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा राहत, सामाजिक प्रबोधन और सांस्कृतिक संरक्षण जैसे अनेक क्षेत्रों में वर्षों से सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। संघ की विचारधारा स्वावलंबन, अनुशासन और राष्ट्रहित पर आधारित है, जिसके अंतर्गत वह किसी भी प्रकार की गतिविधि को पारदर्शी और आत्मनिर्भर ढंग से संचालित करने का दावा करता है।
अंतरराष्ट्रीय लॉबिंग न करने के संघ के तर्क
हाल में फैली सूचनाओं के संदर्भ में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने स्पष्ट किया कि संगठन ने न तो किसी लॉबिंग एजेंसी से संपर्क साधा है और न ही किसी प्रकार की सेवाएँ अनुबंधित की हैं। उनके अनुसार, संघ को अपने विचारों या गतिविधियों के प्रचार के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय लॉबिंग सहायता की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस भारत की सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप कार्य करता है और उसकी सभी गतिविधियाँ पारदर्शिता तथा स्वावलंबन की भावना पर आधारित हैं। इसलिए किसी विदेशी संस्था से प्रचार-प्रसार या राजनीतिक प्रभाव के लिए सहयोग लेने का प्रश्न ही नहीं उठता।
उत्पन्न चर्चाओं की पृष्ठभूमि
हाल के दिनों में सोशल मीडिया और कुछ समाचार रिपोर्टों में यह दावा किया जा रहा था कि आरएसएस ने संयुक्त राज्य अमेरिका में एक लॉबिंग फर्म को नियुक्त किया है, जिसके माध्यम से वह अपनी वैश्विक छवि को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। ऐसे दावे राजनीतिक बहसों और सोशल प्लेटफॉर्मों पर व्यापक रूप से साझा किए गए।
इन चर्चाओं ने संगठन की नीतियों पर प्रश्नचिह्न खड़े किए, जिसके बाद संघ की ओर से आधिकारिक वक्तव्य जारी कर स्थिति स्पष्ट की गई। संघ का कहना है कि ये सभी दावे तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और संगठन की कार्यशैली को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाए गए हैं।
संघ की स्वावलंबी संरचना
आरएसएस का दावा है कि उसकी संरचना और संचालन पद्धति पूर्णतः भारतीय सामाजिक संदर्भों पर आधारित है, जिसमें प्रत्येक स्तर पर स्वयंसेवकों की भागीदारी और निर्णय प्रक्रिया की पारदर्शिता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
संगठन का यह भी कहना है कि वह समाज से प्राप्त समर्थन और सहभागिता से ही अपने सभी कार्यक्रम संचालित करता है। ऐसे में किसी विदेशी लॉबिंग कंपनी की आवश्यकता न होने की उनकी दलील स्वाभाविक प्रतीत होती है।
आधिकारिक प्रतिक्रिया का संदेश
सुनील अंबेकर द्वारा जारी वक्तव्य का उद्देश्य स्पष्ट रूप से उन सभी अटकलों को समाप्त करना है, जिनमें आरएसएस की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार रणनीतियों को लेकर भ्रांतियाँ पैदा की जा रही थीं। वक्तव्य में यह संदेश भी निहित है कि संगठन पारदर्शिता, निष्ठा और आत्मनिर्भरता के अपने मूल सिद्धांतों से किसी भी प्रकार का विचलन स्वीकार नहीं करता।
आरएसएस का यह आधिकारिक बयान न केवल फैले भ्रमों को दूर करता है, बल्कि संगठन की उस मूलभूत विचारधारा को भी दोहराता है जिसके अंतर्गत वह किसी प्रकार की बाहरी या विदेशी सहायता से दूरी बनाए रखने का दावा करता है। चर्चाओं और विवादों के बीच यह स्पष्ट नोट किया जा सकता है कि संघ अपनी गतिविधियों और उद्देश्यों