बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों वाले दिन देश के बुलियन बाजार में भूचाल आ गया। पिछले चार दिनों से लगातार तेजी दिखा रहे सोना और चांदी की कीमतें अचानक भारी गिरावट के साथ धड़ाम हो गईं। अंतरराष्ट्रीय बाजार से लेकर घरेलू बाजार तक में कीमती धातुओं की कीमतों में तीव्र गिरावट देखी गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 24 कैरेट सोना 4100 रुपए तक और चांदी 7900 रुपए तक सस्ती हो गई। यह गिरावट निवेशकों और ज्वैलरी खरीदारों दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी गिरावट
अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी बाजार यानी कॉमेक्स में 24 कैरेट सोने में 3.15 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई। शाम 7.15 बजे तक सोना 4062 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर कारोबार कर रहा था। भारतीय रुपए में इसकी कीमत 3,60,364 रुपए प्रति औंस रही। प्रति 10 ग्राम की गणना करें तो इसमें 4131 रुपए की भारी कमी आई। यह गिरावट पिछले कुछ महीनों में सबसे तीव्र गिरावटों में से एक मानी जा रही है।
चांदी की स्थिति और भी नाजुक रही। सफेद धातु में 4.91 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह 50.56 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर आ गई। यह गिरावट सोने की तुलना में अधिक तीव्र थी जो चांदी की अस्थिरता को दर्शाती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह गिरावट कई कारकों का परिणाम मानी जा रही है जिनमें डॉलर में मजबूती और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं में कमी प्रमुख हैं।
एमसीएक्स पर रिकॉर्ड गिरावट
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर घरेलू बाजार में भी सोना-चांदी में जबरदस्त गिरावट देखी गई। 5 दिसंबर की डिलीवरी वाला 24 कैरेट सोना 3.30 प्रतिशत गिरकर 1,22,568 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में इसमें 4183 रुपए की भारी कमी आई। यह एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावटों में से एक है।
कारोबारी सत्र के दौरान सोने का उच्चतम स्तर 1,27,048 रुपए और निम्नतम स्तर 1,21,895 रुपए रहा। इस प्रकार दिन भर के कारोबार में 5153 रुपए का उतार-चढ़ाव देखने को मिला। यह व्यापक अस्थिरता बाजार में मौजूद अनिश्चितता को दर्शाती है। व्यापारियों और निवेशकों ने इस गिरावट को लाभ बुकिंग का अवसर माना और भारी मात्रा में बिकवाली की गई।
चांदी में और भी बड़ा झटका
चांदी की स्थिति सोने से भी अधिक खराब रही। एमसीएक्स पर चांदी में 4.88 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह 1,54,535 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गई। इसमें 7935 रुपए की भारी कमी दर्ज की गई जो एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावटों में से एक है। ट्रेडिंग के दौरान चांदी का उच्चतम स्तर 1,63,333 रुपए और निम्नतम स्तर 1,54,202 रुपए रहा।
चांदी में यह तीव्र गिरावट औद्योगिक मांग में कमी और निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता में कमी को दर्शाती है। चांदी का उपयोग न केवल आभूषण निर्माण में बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सौर ऊर्जा जैसे उद्योगों में भी होता है। इन क्षेत्रों में मांग में किसी भी प्रकार की कमी चांदी की कीमतों को प्रभावित करती है। साथ ही निवेशकों ने लाभ बुकिंग करते हुए अपनी पोजीशन बंद कर दी।
आईबीजेए पर भी गिरावट
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन यानी आईबीजेए के प्लेटफॉर्म पर भी सोना-चांदी की कीमतों में इसी प्रकार की गिरावट देखी गई। आईबीजेए देश के प्रमुख सर्राफा बाजारों के लिए रेफरेंस रेट प्रदान करता है और इसकी कीमतें एमसीएक्स से प्रभावित होती हैं। आईबीजेए पर भी 24 कैरेट सोने में लगभग 4000 रुपए की कमी आई।
यह समान गिरावट इस बात को दर्शाती है कि यह एक व्यापक बाजार प्रवृत्ति है न कि किसी एक मंच तक सीमित। देशभर के सर्राफा बाजारों में व्यापारियों ने इस गिरावट पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी। कुछ व्यापारियों ने इसे खरीदारी का अच्छा अवसर बताया जबकि अन्य ने आगे और गिरावट की संभावना जताते हुए प्रतीक्षा करने की सलाह दी।
विभिन्न शहरों में सोना-चांदी के रेट
देश के प्रमुख शहरों में सोना-चांदी की कीमतें स्थानीय करों और परिवहन लागत के कारण भिन्न होती हैं। आइए देखते हैं प्रमुख शहरों में आज की ताजा कीमतें क्या रहीं।
| शहर | सोना 24K (10 ग्राम) | सोना 22K (10 ग्राम) | सोना 18K (10 ग्राम) | चांदी (प्रति किलो) |
|---|---|---|---|---|
| पटना | ₹1,23,480 | ₹1,13,190 | ₹92,610 | ₹1,56,300 |
| जयपुर | ₹1,23,530 | ₹1,13,236 | ₹92,648 | ₹1,56,360 |
| कानपुर | ₹1,23,580 | ₹1,13,282 | ₹92,685 | ₹1,56,420 |
| लखनऊ | ₹1,23,580 | ₹1,13,282 | ₹92,685 | ₹1,56,420 |
| भोपाल | ₹1,23,680 | ₹1,13,373 | ₹92,760 | ₹1,56,550 |
| इंदौर | ₹1,23,680 | ₹1,13,373 | ₹92,760 | ₹1,56,550 |
| चंडीगढ़ | ₹1,23,220 | ₹1,12,952 | ₹92,415 | ₹1,55,830 |
| रायपुर | ₹1,23,170 | ₹1,12,906 | ₹92,378 | ₹1,55,770 |
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि विभिन्न शहरों में कीमतों में मामूली अंतर है। सबसे अधिक कीमत भोपाल और इंदौर में है जहां 24 कैरेट सोना 1,23,680 रुपए प्रति 10 ग्राम है। वहीं सबसे कम कीमत रायपुर में 1,23,170 रुपए प्रति 10 ग्राम है। इन कीमतों में स्थानीय जीएसटी और अन्य कर शामिल हैं।
गिरावट के प्रमुख कारण
सोना-चांदी की कीमतों में इस भारी गिरावट के कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण अमेरिकी डॉलर में आई मजबूती है। जब डॉलर मजबूत होता है तो डॉलर में मूल्यांकित होने वाली कीमती धातुएं अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए महंगी हो जाती हैं जिससे मांग में कमी आती है। हाल के दिनों में डॉलर इंडेक्स में सुधार देखा गया है जिसने सोना-चांदी पर दबाव बनाया।
दूसरा महत्वपूर्ण कारक वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव में कमी है। जब भू-राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ती है तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख करते हैं। लेकिन हाल के दिनों में कुछ क्षेत्रों में तनाव कम हुआ है जिससे सुरक्षित निवेश की मांग में कमी आई। इसके अलावा कुछ प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद में कमी की खबरों ने भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला।
निवेशकों और खरीदारों के लिए अवसर
यह गिरावट उन लोगों के लिए सुनहरा अवसर हो सकती है जो सोना-चांदी खरीदने की योजना बना रहे थे। विशेषकर आगामी त्योहारी सीजन और शादी के मौसम को देखते हुए यह समय ज्वैलरी खरीदने के लिए अनुकूल माना जा सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का सुझाव है कि खरीदारी से पहले बाजार की प्रवृत्ति को ध्यान से देखना चाहिए।
निवेशकों के लिए यह समय सोच-समझकर निर्णय लेने का है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं। वहीं कुछ का मानना है कि आगे और गिरावट की संभावना है। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह स्टैगर्ड खरीदारी का अच्छा समय हो सकता है जहां वे धीरे-धीरे अपनी पोजीशन बना सकते हैं।
आगे क्या उम्मीद करें
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में सोना-चांदी की कीमतों में अस्थिरता बनी रह सकती है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति, डॉलर की चाल और वैश्विक आर्थिक आंकड़े प्रमुख निर्धारक होंगे। यदि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती के संकेत देता है तो सोने की कीमतों में सुधार हो सकता है। वहीं यदि डॉलर में और मजबूती आती है तो कीमतों पर और दबाव बन सकता है।
घरेलू स्तर पर त्योहारी मांग और शादी के मौसम की मांग भी कीमतों को प्रभावित करेगी। भारत दुनिया के सबसे बड़े सोने के उपभोक्ताओं में से एक है और घरेलू मांग में किसी भी प्रकार की वृद्धि कीमतों को सहारा दे सकती है। व्यापारियों और निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की प्रवृत्तियों पर नजर रखें और अपने वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करके ही निवेश निर्णय लें।
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