कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री को सौंपा पंचसूत्रीय ज्ञापन; रायचूर में एम्स स्थापना, बाढ़ राहत और परियोजना अनुमोदन की माँग तेज

PM Modi in Karnataka
PM Modi in Karnataka: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री के समक्ष रायचूर में एम्स, जल जीवन मिशन की राशि, बाढ़ राहत और लटकी परियोजनाओं के त्वरित समाधान की आवश्यकता बताई (Photo: IANS)
नवम्बर 17, 2025

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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का पंचसूत्रीय ज्ञापन: कर्नाटक के विकास की राह में निर्णायक पहल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में भेंट कर राज्य की दीर्घकालिक आवश्यकताओं और विकासात्मक अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित करने वाला एक विस्तृत पंचसूत्रीय ज्ञापन प्रस्तुत किया। यह ज्ञापन न केवल राज्य की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है, बल्कि उन प्रयासों का भी संकेतक है, जिनके माध्यम से कर्नाटक सामाजिक, आर्थिक और अवसंरचनात्मक विकास को गति देना चाहता है।

PM Modi In Narendra Modi
PM Modi in Karnataka: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री के समक्ष रायचूर में एम्स, जल जीवन मिशन की राशि, बाढ़ राहत और लटकी परियोजनाओं के त्वरित समाधान की आवश्यकता बताई (Photo: IANS)

रायचूर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना की माँग

कर्नाटक सरकार ने प्रधानमंत्री के समक्ष सबसे पहले रायचूर में एम्स की स्थापना का विषय गंभीरता से उठाया। कर्नाटक के कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में स्थित रायचूर को आकांक्षी जिलों की श्रेणी में रखा गया है, जहाँ स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक संकेतक अभी भी राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे माने जाते हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की बड़ी आबादी निवास करती है, जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता से जूझ रही है।

सरकार ने बताया कि रायचूर में एम्स स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) सौंप दिया गया है, भूमि चिन्हित की जा चुकी है, और क्षेत्र में सरकारी मेडिकल कॉलेज पहले से मौजूद है, जिससे इस राष्ट्रीय संस्थान के लिए आवश्यक आधारभूत ढांचा उपलब्ध है। प्रस्तावित एम्स न केवल रायचूर, बल्कि आसपास के कई जिलों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

जल जीवन मिशन में केंद्र की वित्तीय हिस्सेदारी: कर्नाटक का गहरा असंतोष

ज्ञापन का दूसरा बड़ा बिंदु जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत केंद्र की हिस्सेदारी से संबंधित था। कर्नाटक सरकार ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि राज्य पहले ही 86 प्रतिशत से अधिक घरों में कार्यशील नल कनेक्शन उपलब्ध करा चुका है। इसके बावजूद, वर्ष 2025-26 तक केंद्र सरकार की ओर से लगभग 13,004 करोड़ रुपये की राशि अब भी निर्गत नहीं की गई है।

वर्तमान वित्तीय वर्ष में केंद्र से कोई भी राशि जारी न होने पर राज्य को अपने बजट से 1,500 करोड़ रुपये अग्रिम प्रदान करने पड़े हैं ताकि कार्य बंद न हो। राज्य सरकार के अनुसार 1,700 करोड़ रुपये के बिल बकाया हैं और 2,600 करोड़ रुपये के बिल प्रक्रियाधीन हैं। इस तात्कालिक वित्तीय दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र से अविलंब राहत राशि जारी करने का अनुरोध किया।

गन्ना मूल्य, एमएसपी और एथनॉल नीति पर स्थायी समाधान की माँग

हाल ही में किसानों के गन्ना मूल्य को लेकर हुए आंदोलन का उल्लेख करते हुए कर्नाटक ने बताया कि राज्य सरकार ने गन्ना किसानों को 100 रुपये प्रति टन अतिरिक्त भुगतान सुनिश्चित कर अस्थायी समाधान खोजा है, जिसमें राज्य सरकार 50 रुपये वहन कर रही है।

हालाँकि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के समक्ष यह स्पष्ट किया कि यह केवल अस्थायी समाधान है। अतः उन्होंने तीन महत्वपूर्ण माँगें कीं—

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PM Modi in Karnataka: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री के समक्ष रायचूर में एम्स, जल जीवन मिशन की राशि, बाढ़ राहत और लटकी परियोजनाओं के त्वरित समाधान की आवश्यकता बताई (Photo: IANS)
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PM Modi in Karnataka: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री के समक्ष रायचूर में एम्स, जल जीवन मिशन की राशि, बाढ़ राहत और लटकी परियोजनाओं के त्वरित समाधान की आवश्यकता बताई (Photo: IANS)

गन्ना मूल्य पर केंद्र की भूमिका

  1. चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में तत्काल संशोधन

  2. कर्नाटक की डिस्टिलरियों से एथनॉल की सुनिश्चित खरीद

  3. कटाई और परिवहन लागत निर्धारित करने का अधिकार राज्यों को प्रदान करने वाली केंद्रीय अधिसूचना

राज्य का तर्क है कि इन सुधारों के बिना गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति स्थायी रूप से नहीं सुधर सकती।

सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं की मंजूरी: अधर में अटकी योजनाओं पर चिंता

ज्ञापन में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की मंजूरी के लिए केंद्र से हस्तक्षेप का आग्रह किया गया। इनमें प्रमुख थीं—

मकड़तु परियोजना

कावेरी नदी पर प्रस्तावित मकड़तु संतुलन जलाशय परियोजना, जिसका उद्देश्य बेंगलुरु और आसपास के क्षेत्रों के लिए पेयजल उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) को शीघ्र अनुमोदन देने के लिए निर्देशित करने की माँग की।

कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण-II का निर्णय

राज्य ने कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण-II (केडब्ल्यूडीटी-II) के पुरस्कार की अधिसूचना तत्काल जारी करने की माँग की, जो पिछले एक दशक से लंबित है। यह देरी राज्य की सिंचाई योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।

कैलासा-बंडूरा परियोजना

हबल्ली-धारवाड़ क्षेत्र के लिए पेयजल परियोजना हेतु पर्यावरण मंत्रालय से आवश्यक वन एवं वन्यजीव स्वीकृतियाँ जल्दी जारी करने का आग्रह भी ज्ञापन में शामिल था।

बाढ़ से व्यापक तबाही और एनडीआरएफ सहायता की माँग

कर्नाटक ने इस वर्ष ‘‘गंभीर प्राकृतिक आपदा’’ का सामना किया है। राज्य के कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व वर्षा और नदियों में उफान से भारी नुकसान हुआ। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि—

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PM Modi in Karnataka: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री के समक्ष रायचूर में एम्स, जल जीवन मिशन की राशि, बाढ़ राहत और लटकी परियोजनाओं के त्वरित समाधान की आवश्यकता बताई (Photo: IANS)

बाढ़ की विभीषिका

• 14.5 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को क्षति
• 19 लाख किसान प्रभावित
• हजारों मकान, सड़कें और विद्यालय नष्ट

राज्य ने एनडीआरएफ के लिए दो अलग-अलग ज्ञापन प्रस्तुत किए।
• राहत और बचाव के लिए 614.9 करोड़ रुपये
• सार्वजनिक अवसंरचना के पुनर्निर्माण के लिए 1,521.67 करोड़ रुपये

राज्य का कहना है कि ये सहायता न केवल तत्काल राहत के लिए आवश्यक है, बल्कि पुनर्वास और दीर्घकालिक पुनर्निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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PM Modi in Karnataka: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री के समक्ष रायचूर में एम्स, जल जीवन मिशन की राशि, बाढ़ राहत और लटकी परियोजनाओं के त्वरित समाधान की आवश्यकता बताई (Photo: IANS)

कर्नाटक की अपेक्षाएँ और प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

ज्ञापन में यह भी रेखांकित किया गया कि राज्य सरकार इन माँगों को तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण मानती है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार प्रधानमंत्री को विस्तृत रूप से सभी बिंदुओं से अवगत कराया गया और राज्य को सकारात्मक विचार किए जाने की आशा है।


ये न्यूज IANS एजेंसी के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।

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