भारतीय शेयर बाज़ार को अगले 12 महीनों में सशक्त उभार की उम्मीद: मॉर्गन स्टेनली
वैश्विक ब्रोकरेज संस्था मॉर्गन स्टेनली ने अपनी नवीनतम विश्लेषणात्मक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया है कि भारतीय शेयर बाज़ार आने वाले 12 महीनों में उल्लेखनीय सुधार प्रदर्शित करेगा। संस्था का मानना है कि पिछले वर्षों में देखी गई मध्य-चक्र मंदी की चुनौती अब पीछे छूट चुकी है और बाज़ार एक नये चक्र की ओर अग्रसर है, जिसमें नीतिगत स्पष्टता, मजबूत घरेलू आर्थिक परिस्थितियाँ और सुधरते वैश्विक संकेतक प्रमुख भूमिका निभाएँगे।
आर्थिक सुधारों से सशक्त हो रहा दीर्घकालिक विकास पथ
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार भारत की दीर्घकालिक विकास कथा हाल के नीतिगत निर्णयों और सरकारी प्रयासों से अधिक मजबूत हुई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता, कर ढांचे में सुधार, डिजिटल संरचना का विस्तार और बुनियादी ढांचे से जुड़ी नीतियों ने निवेशकों के विश्वास को नई ऊर्जा प्रदान की है।
देश में हो रहे ये नीतिगत सुधार न केवल घरेलू निवेशकों को, बल्कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को भी भारतीय बाज़ार को लेकर अधिक आश्वस्त कर रहे हैं। हालांकि, संस्था का मानना है कि बाज़ार के समक्ष प्रमुख जोखिम वे ही होंगे जो भारत के बाहर से उत्पन्न होंगे। इसके विपरीत, घरेलू आर्थिक आधारभूत संरचनाएँ मजबूत और संतुलित बनी हुई हैं।
वर्ष 2026 होगा “मैक्रो ट्रेड” का काल
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2026 को “मैक्रो ट्रेड” के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि यह समय वह काल होने वाला है जब निवेशक व्यक्तिगत शेयर चयन के बजाय व्यापक आर्थिक संकेतकों और नीतिगत दिशा पर अधिक ध्यान देंगे।
संस्था का मानना है कि वर्ष 2025 की तुलना में 2026 में बाज़ार का स्वरूप बदलेगा और यह परिवर्तन अनुकूल विकास दर, मजबूत राजकोषीय ढाँचे और नियंत्रित महँगाई के चलते होगा।
नाममात्र विकास दर में सुधार से बढ़ेगी कंपनियों की कमाई
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया है कि अनुकूल नीतियाँ नाममात्र विकास दर को मज़बूत बनाए रखेंगी, जिससे कॉर्पोरेट क्षेत्र की आय में निरंतर वृद्धि होती रहेगी। संस्था का मानना है कि भारत की तुलनात्मक वैल्यूएशन वैश्विक स्तर पर अब भी आकर्षक है, जिससे भारतीय बाजार को बेहतर प्रदर्शन करने में सहायता मिलेगी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा भारत में निवेश का स्तर ऐतिहासिक रूप से निम्नतम स्थिति में है। यह स्थिति भविष्य में विदेशी निवेश की वापसी की संभावना को भी बढ़ाती है। घरेलू निवेशकों की सक्रिय भागीदारी पहले से ही बाज़ार में स्थिरता प्रदान कर रही है।
उभरते बाज़ारों की तुलना में भारत मजबूत स्थिति हासिल कर सकता है
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय शेयर बाज़ार पिछले तीस वर्षों में उभरते बाज़ारों की तुलना में अपने न्यूनतम प्रदर्शन से ऊपर उठने की तैयारी में है। इसका कारण है घरेलू निवेशकों में बढ़ती जागरूकता, निवेश के नए साधनों का प्रसार और परिपक्व होती निवेश संस्कृति।
सेंसेक्स में 13 प्रतिशत बढ़त का अनुमान
मॉर्गन स्टेनली के आधारभूत परिदृश्य (बेस केस) में अनुमान लगाया गया है कि दिसंबर 2026 तक बीएसई सेंसेक्स में लगभग 13 प्रतिशत की बढ़त देखी जा सकती है।
यह अनुमान कई आर्थिक परिस्थितियों पर आधारित है, जैसे –
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राजकोषीय एकीकरण का क्रम जारी रहना
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निजी निवेश में वृद्धि
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घरेलू विकास दर में निरंतरता
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वैश्विक वित्तीय परिस्थितियों में स्थिरता
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कच्चे तेल के दामों में संतुलन
रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों, विशेषकर टैरिफ मुद्दों का समाधान निकट भविष्य में संभव है, जो विदेशी व्यापार और निवेश भावना के लिए सकारात्मक संकेत होगा।
ब्याज दरों और तरलता पर अनुकूल वातावरण
संस्था अपने अनुमान में अल्पकालिक ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद व्यक्त करती है। इससे बाज़ार में तरलता की स्थिति सुधरेगी और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही, मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2028 तक सेंसेक्स की आय में लगभग 17 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर (CAGR) देखी जा सकती है।
वैश्विक मंदी सबसे बड़ा जोखिम
हालांकि, रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भारतीय बाज़ार के लिए सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक अर्थव्यवस्था की संभावित मंदी का खतरा है।
अगर वैश्विक बाज़ारों में व्यापक बिकवाली की स्थिति बनती है तो भारत अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर सकता है, परंतु ऐसी स्थिति में भारतीय शेयरों में वास्तविक (absolute) लाभ सीमित हो सकता है।
बाज़ार को लेकर उठ रही चिंताओं पर संस्थान की प्रतिक्रिया
कुछ विश्लेषकों द्वारा शेयर जारी करने की बढ़ती प्रवृत्ति, पिछली अवधि के कमजोर रिटर्न, ऊँचे वैल्यूएशन, विकास की अनिश्चितताओं और एआई क्षेत्र में भारत की धीमी प्रगति को लेकर उठाई जा रही चिंताओं को मॉर्गन स्टेनली ने पर्याप्त ठोस आधारहीन बताया है।
संस्था के अनुसार घरेलू आर्थिक स्थिरता, तकनीकी प्रगति और सरकारी नीतियों का संरेखण इन चिंताओं को संतुलित कर रहा है।
पोर्टफोलियो रणनीति: ये क्षेत्र रहेंगे प्रमुख
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में निवेशकों के लिए पोर्टफोलियो रणनीति भी सुझाई है। संस्था के अनुसार घरेलू चक्रीय क्षेत्र (domestic cyclical sectors) आने वाले समय में बेहतर प्रदर्शन करेंगे, जबकि रक्षात्मक (defensive) और बाह्य-आधारित (external-facing) क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन की संभावना है।
सुझाव:
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वित्तीय क्षेत्र, उपभोक्ता विवेकाधीन क्षेत्र और उद्योग आधारित कंपनियों में अधिक निवेश की अनुशंसा
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ऊर्जा, धातु, उपयोगिता और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में कम निवेश की सलाह
इन संकेतकों से यह स्पष्ट है कि संस्था का विश्वास भारत की आर्थिक स्थिरता और नीतिगत दिशा पर मजबूत है।
डिस्क्लेमर:
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यह समाचार IANS एजेंसी के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है।