दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का विकराल प्रसार, वज़ीरपुर और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता अत्यंत गंभीर स्तर पर

Delhi Air Quality
Delhi Air Quality: लगातार गहराती धुंध, राजधानी में वायु गुणवत्ता अत्यंत गंभीर स्तर पर (Photo: IANS)
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण अत्यंत गंभीर स्तर पर पहुँच गया है। वज़ीरपुर, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली के कई क्षेत्रों में ए़क्यूआई 400 से 578 तक रिकॉर्ड हुआ। जीआरएपी स्टेज-3 लागू होने के बाद निर्माण गतिविधियाँ रुकी हैं। स्वास्थ्य जोखिम बढ़ने के बीच नागरिकों ने सख्त कदम उठाने की माँग की है।
नवम्बर 19, 2025

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट की भयावह स्थिति

वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर से जनजीवन पर बढ़ता दबाव

दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता बुधवार को भी अत्यंत गंभीर श्रेणी में बनी रही। घनी धुंध की परत ने पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे वातावरण में सांस लेना और भी कठिन हो गया। राजधानी और उससे सटे ज़िलों में प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया कि अनेक निगरानी केंद्रों ने बेहद चिंताजनक आंकड़े दर्ज किए।
वज़ीरपुर में ए़क्यूआई 578 और ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में 553 तक पहुँच गया, जो किसी भी बड़े महानगर के लिए बेहद खतरनाक स्थिति को दर्शाता है। बवाना में भी इसी तरह भयावह स्तर देखा गया।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अनेक क्षेत्रों में खतरनाक श्रेणी का ए़क्यूआई

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई हिस्सों में ए़क्यूआई लगातार 400 से ऊपर दर्ज हुआ। सेक्टर 125 में 434, सेक्टर 62 में 367, सेक्टर 1 में 411, जबकि सेक्टर 116 में 440 की रिकॉर्डिंग सामने आई।
नॉलेज पार्क-3 में भी 423 का स्तर देखा गया, जो इन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता के निरंतर बिगड़ने की पुष्टि करता है। उच्च प्रदूषण स्तर से स्कूल, अस्पताल और बाज़ार प्रभावित हो रहे हैं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इन क्षेत्रों में रहने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

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Delhi Air Quality: लगातार गहराती धुंध, राजधानी में वायु गुणवत्ता अत्यंत गंभीर स्तर पर (Photo: IANS)

दिल्ली के अनेक इलाकों में भी ए़क्यूआई बेहद खतरनाक दायरे में

दिल्ली के जहाँगीरपुरी में ए़क्यूआई 442 तक पहुँच गया। इसके अलावा चांदनी चौक, अशोक विहार, डीटीयू कैम्पस और विवेक विहार में 430 से 440 के बीच के स्तर दर्ज किए गए।
अन्य क्षेत्रों—जैसे सोनिया विहार, रोहिणी, आरके पुरम, पंजाबी बाग, नॉर्थ कैंपस, नेहरू नगर, नरेला, मुंडका और आनंद विहार—में भी ए़क्यूआई 400 से ऊपर रहा, जिससे स्पष्ट होता है कि राजधानी के लगभग हर हिस्से में हवा खतरनाक स्थिति में बनी हुई है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान और राहत की उम्मीद

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों तक आसमान साफ या हल्का धुंधला रहने की संभावना है। इसका अर्थ है कि निकट भविष्य में प्रदूषण स्तर में तेज़ी से गिरावट की संभावना कम है।
हवा की रफ्तार कम रहने से प्रदूषित कण वातावरण में स्थिर बने हुए हैं, जिससे स्थिति और गंभीर होती जा रही है।

सीपीसीबी की रिपोर्ट और एनसीआर के शहरों की स्थिति

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी शाम के बुलेटिन में दिल्ली की वायु गुणवत्ता को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया, जबकि ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहर ‘गंभीर’ श्रेणी में फिसल गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों की शुरुआत में प्रदूषण स्तर का इस तरह बढ़ जाना सामान्य है, लेकिन इस बार स्थिति अधिक गंभीर है क्योंकि पराली, धूल, वाहनों का धुआँ और मौसम—सभी कारक मिलकर प्रदूषण को और गहरा रहे हैं।

जीआरएपी स्टेज-3 लागू, दिल्ली में कई गतिविधियों पर रोक

दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी स्टेज-3 लागू होने के बाद कई कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं। निर्माण कार्यों पर रोक, प्रमुख सड़कों पर जल छिड़काव, और वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण जैसी कार्रवाइयाँ सक्रिय की गई हैं।
इसके साथ ही, स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं को हाइब्रिड मोड में स्थानांतरित कर दिया गया है ताकि छोटे बच्चों को प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।

प्रदूषण के खिलाफ सार्वजनिक विरोध और नागरिकों की चिंता

लगातार गिरती हवा की गुणवत्ता को लेकर राजधानी में लोगों का आक्रोश भी बढ़ता दिखाई दे रहा है। कई सामाजिक संगठनों, छात्र समूहों और स्थानीय निवासियों ने दिल्ली की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किए।
इन प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप करने की माँग की, ताकि प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित किया जा सके और प्रभावी नीतियाँ लागू की जा सकें।
प्रदूषण बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी खतरे और आर्थिक गतिविधियों पर पड़ रहे असर को देखते हुए लोगों की चिंता स्वाभाविक रूप से और गहराती जा रही है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव और विशेषज्ञों की चेतावनी

विशेषज्ञों के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से ऊपर पहुँचने पर स्वस्थ व्यक्तियों को भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, जबकि पहले से बीमार लोगों में यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।
फेफड़ों से जुड़ी बीमारियाँ, आँखों में जलन, सिरदर्द और त्वचा की समस्याएँ इस मौसम में तेज़ी से बढ़ रही हैं। डॉक्टरों ने लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने, मास्क पहनने और घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी है।

यह समाचार IANS एजेंसी के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.