उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में रविवार देर रात यमुना एक्सप्रेसवे पर एक बड़ा सड़क हादसा हो गया, जिसमें 50 से अधिक यात्री घायल हो गए। नोएडा से लखनऊ जा रही एक निजी बस माइलस्टोन 127 के पास अनियंत्रित होकर पलट गई। घटना रात डेढ़ बजे बलदेव थाना क्षेत्र के अंतर्गत घटी। हादसे में तीन यात्रियों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
घटना के बाद एक्सप्रेसवे पर चीखपुकार मच गई। राहगीरों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम और 108 एंबुलेंस सेवा ने तत्परता से राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायल यात्रियों को तुरंत निकालकर जिला अस्पताल और एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
हादसे का विवरण और घटनाक्रम
रविवार देर रात करीब डेढ़ बजे यमुना एक्सप्रेसवे के नोएडा-आगरा मार्ग पर माइलस्टोन 127 के पास यह दर्दनाक घटना घटी। 55 से 60 यात्रियों को लेकर नोएडा से लखनऊ की ओर जा रही एक निजी बस अचानक अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे पलट गई। बस में सवार अधिकतर यात्री रायबरेली, अमेठी और लखनऊ के रहने वाले थे।
घटना इतनी भयावह थी कि तीन यात्री बस के अंदर ही फंस गए। उनकी चीखपुकार सुनकर आसपास से गुजर रहे वाहन चालकों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। स्थानीय पुलिस और आपातकालीन सेवाओं ने मौके पर पहुंचकर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। हादसे की गंभीरता को देखते हुए कई एंबुलेंस को मौके पर बुलाया गया।
घायल यात्रियों का उपचार और वर्तमान स्थिति
हादसे में घायल हुए 50 से अधिक यात्रियों में से 19 को मथुरा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिन यात्रियों की चोटें गंभीर नहीं थीं, उन्हें प्राथमिक उपचार देकर रवाना कर दिया गया। हालांकि, तीन गंभीर रूप से घायल यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। इनमें प्रियंका पुत्री छोटेलाल, रवींद्र पुत्र राजेश और सलीम चौधरी शामिल हैं।
आठ अन्य घायलों को भी एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा में उपचार के लिए भेजा गया है। अस्पताल प्रशासन ने सभी घायलों के इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की है। डॉक्टरों की टीम लगातार गंभीर घायलों की निगरानी कर रही है।
घायल यात्रियों की सूची और पहचान
जिला अस्पताल में भर्ती घायलों में अनूप, धीरज पुत्र रामनारायन, मनीष पुत्र तेजकुमार, रोहिनी पुत्र बसंतलाल, शिवा पुत्र विनोद, रामहेत पुत्र इंद्रपाल, शनि पुत्र रामस्वरूप, गयाप्रसाद पुत्र रतिपाल शामिल हैं। इनमें से अधिकतर यात्री रायबरेली, अमेठी और आसपास के इलाकों के निवासी हैं।
हादसे में एक सात महीने का बच्चा आयुष कुमार भी घायल हुआ है। इसके अलावा कुशुम पत्नी धर्मराज यादव, 12 वर्षीय प्रियांशु, छह वर्षीय लड्डू पुत्र मायाराम, पिंकी पत्नी मायाराम, सरोज पुत्र रामहेत और अवधेश कुमार पुत्र हरीबक्स भी घायलों में शामिल हैं। नीरज पुत्र रामकिसन, संतराम पुत्र त्रिभुवन और रवींद्र पुत्र राजेश निवासी छत्तरपुर दिल्ली को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चालक की लापरवाही बनी हादसे का कारण
हादसे का शिकार हुए यात्रियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनके अनुसार, दुर्घटना से महज 10 मिनट पहले ही बस के चालक बदले गए थे। नया चालक और पुराना चालक आपस में हंसी-मजाक कर रहे थे। इस लापरवाही के कारण चालक का ध्यान सड़क से भटक गया और बस अनियंत्रित होकर पलट गई।
यात्रियों का कहना है कि यदि दोनों चालक गंभीरता से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे होते तो यह हादसा टाला जा सकता था। रात के समय एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार और लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है, जो इस घटना से साबित हुआ है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
बलदेव थाना पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में तत्परता दिखाई। पुलिस ने सभी घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया और उनके परिजनों को सूचित किया। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बस चालक से पूछताछ की जा रही है। चालक की लापरवाही और हंसी-मजाक करने की बात सामने आई है। यातायात नियमों का उल्लंघन और लापरवाही के मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। बस की तकनीकी जांच भी कराई जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वाहन में कोई यांत्रिक खराबी तो नहीं थी।
यमुना एक्सप्रेसवे पर बढ़ते हादसे
यमुना एक्सप्रेसवे पर समय-समय पर सड़क हादसे होते रहते हैं। तेज रफ्तार, चालकों की लापरवाही और थकान इन हादसों के प्रमुख कारण हैं। रात के समय विशेष रूप से खतरा बढ़ जाता है जब दृश्यता कम होती है और चालक थके हुए होते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी दूरी की बसों में दो चालक होने चाहिए और उन्हें नियमित अंतराल पर बदलना चाहिए। इसके साथ ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए सख्त नियमों का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है। वाहनों की नियमित जांच और चालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी जरूरी हैं।
सड़क सुरक्षा की आवश्यकता
इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा मानकों के कड़ाई से पालन की आवश्यकता को रेखांकित किया है। यात्री वाहनों के संचालकों को अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेना चाहिए। ड्राइविंग के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही कई जिंदगियों को खतरे में डाल सकती है।
परिवहन विभाग को भी यात्री वाहनों की नियमित जांच सुनिश्चित करनी चाहिए। चालकों के लाइसेंस और अनुभव की जांच करना, उनके काम के घंटों को सीमित करना और आराम के लिए पर्याप्त समय देना अनिवार्य होना चाहिए।