समुद्री हवाओं की गति से बढ़ा चक्रवात का खतरा
बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दाब क्षेत्र अब तेजी से चक्रवाती तूफान में बदलने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग की ताज़ा जानकारी के अनुसार, यह प्रणाली मलक्का जलडमरूमध्य से अंडमान क्षेत्र में सक्रिय होते हुए पश्चिम-उत्तर दिशा में आगे बढ़ने लगी है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह प्रणाली निकट भविष्य में अवसाद तथा फिर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकती है। तटीय क्षेत्रों में संभावित जोखिम को देखते हुए समुद्री गतिविधियों पर नजर बढ़ा दी गई है।
तमिलनाडु और पुडुचेरी में शुरू हुई वर्षा
निम्न दबाव के प्रभाव से तमिलनाडु के कई जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई है। कन्याकुमारी, मयिलादुतुरै, नागपट्टिनम, तेनकासी, तिरुवारूर सहित कराईकल क्षेत्र में वर्षा का सिलसिला जारी है। स्थानीय प्रशासन ने मौसम की गंभीरता को देखते हुए निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। पुडुचेरी में बीच रोड, नया बस अड्डा, उप्पलम, नेल्लिथोपे और कमराज नगर में वर्षा ने सामान्य जीवन को प्रभावित किया है। जलजमाव की स्थिति बनने से परिवहन व्यवस्था बाधित हो रही है।
मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
समुद्री इलाकों में हवा की गति 35 से 45 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंचने की संभावना जताई गई है, जबकि कुछ स्थानों पर हवा की गति 55 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है। मौसम विभाग ने समुद्र में जाने वाले मछुआरों को तत्काल तट पर लौट आने की सख्त सलाह दी है। बंगाल की खाड़ी में पहले से ही मौजूद मछुआरों को चेतावनी जारी की गई है कि वे किसी भी स्थिति में समुद्री मार्ग पर टकराव की स्थिति न बनाएं, क्योंकि तेज हवाएं उनके लिए खतरा उत्पन्न कर सकती हैं।
ओडिशा के तटीय जिलों में भी बरसात की आशंका
चक्रवाती प्रणाली के बदलते स्वरूप को देखते हुए ओडिशा के कई तटीय जिलों में 25 से 27 नवंबर के बीच वर्षा की संभावना जताई गई है। राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर सभी आवश्यक तैयारियों को तेज कर दिया है। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा है कि सरकार सभी संभावित खतरे से निपटने को तैयार है। उन्होंने कहा कि पूर्वानुमान के अनुसार स्थिति बिगड़ने पर सरकार अतिरिक्त उपायों को पूरी तत्परता से लागू करेगी, ताकि जनता सुरक्षित रहे।
चक्रवात के बदलते स्वरूप पर लगातार नजर
आईएमडी के वैज्ञानिकों की टीम इस मौसम प्रणाली की नियमित निगरानी में जुटी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम की स्थिति अभी पूरी तरह से तय नहीं है, लेकिन संकेत गंभीर हैं। हवा की दिशा, समुद्री तापमान और दबाव में उतार-चढ़ाव स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में तूफान की तीव्रता बढ़ सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र में उच्च तापमान तूफान की ऊर्जा को बढ़ाता है और जितनी तीव्रता अधिक होगी, उतना ही खतरा भी बढ़ सकता है।
तटीय इलाकों में राहत और बचाव दल अलर्ट
तटीय जिलों में आपदा प्रबंधन दलों को सक्रिय कर दिया गया है। राहत सामग्री के वितरण केंद्र बनाए जा रहे हैं, जबकि संवेदनशील क्षेत्रों में अस्थायी आश्रय स्थलों की व्यवस्था की जा रही है। सड़कों, पुलों और खतरनाक ढांचों की जांच की जा रही है, ताकि ऐसी किसी भी परिस्थिति में राहत कार्य बाधित न हो। बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ और राज्य आपदा टीमों को संभावित तैनाती के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
जनता के लिए सावधानियां जारी
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक स्रोतों से ही सूचना प्राप्त करें। तेज हवाओं और जोरदार बारिश के समय बिना जरूरत घर से बाहर निकलने से बचें। समुद्र किनारे या नदी किनारों पर भीड़ के रूप में खड़े होने से बचने की सलाह दी गई है। बिजली गिरने और तेज हवा के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े रहना भी अत्यंत खतरनाक हो सकता है।