असदुद्दीन ओवैसी का दिल्ली लाल किले ब्लास्ट पर कड़ा बयान: जालिमों को नहीं मिलेगी सहनशीलता

Delhi Blast: असदुद्दीन ओवैसी ने लाल किले धमाके पर दिया कड़ा बयान
Delhi Blast: असदुद्दीन ओवैसी ने लाल किले धमाके पर दिया कड़ा बयान (File Photo)
दिल्ली लाल किले पर हुए धमाके के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने स्पष्ट किया कि जो मदरसे का कमरा नहीं बना सकते वे जालिम अमोनियम नाइट्रेट लेकर बैठते हैं। उन्होंने हिंसा, नफ़रत और सामाजिक असमानता के खिलाफ चेतावनी दी और मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा का संकल्प व्यक्त किया।
नवम्बर 24, 2025

लाल किले धमाके पर ओवैसी का कड़ा विरोध

दिल्ली में लाल किले के समीप हुए आतंकवादी विस्फोट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस घटना पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सार्वजनिक रूप से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। ओवैसी ने कहा कि यह केवल एक आतंकवादी हमला नहीं है, बल्कि देश के दुश्मनों की खुली चुनौती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग एक साधारण मदरसा या स्कूल का कमरा नहीं बना सकते, वही अमोनियम नाइट्रेट जैसी घातक वस्तु लेकर निर्दोष लोगों की जान खतरे में डालते हैं।

देश के दुश्मन और हमारे दुश्मन

ओवैसी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि “देश का दुश्मन हमारा दुश्मन है।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा सहन नहीं की जाएगी। इस बात पर उन्होंने विशेष रूप से मुसलमानों और हिन्दुओं दोनों के हताहत होने की जानकारी साझा की। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह की मानसिकता जो लोगों को अलग करने और नफ़रत फैलाने पर आधारित हो, उसकी निंदा की जानी चाहिए।

मुसलमानों की स्थायित्व और अधिकार

ओवैसी ने आगे कहा कि मुसलमानों को देश में सेकंड क्लास नागरिक नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुसलमान भारतीय समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और लोकतंत्र के दायरे में अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिदों के संरक्षण और निर्माण में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

जुल्म और अन्याय के खिलाफ चेतावनी

एआईएमआईएम प्रमुख ने यह स्पष्ट किया कि जो लोग मुसलमानों पर अत्याचार करते हैं और उनसे वफादारी का प्रमाण मांगते हैं, उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की नफरत से नहीं, बल्कि अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है। इस सन्दर्भ में उन्होंने भारत की समग्र विकास और शांतिप्रिय छवि को बनाए रखने के लिए सभी नागरिकों को समान दृष्टि से देखने की अपील की।

आतंकवाद और देश की सुरक्षा

दिल्ली लाल किले धमाके ने यह स्पष्ट कर दिया कि देश में आतंकवाद का खतरा अभी भी व्याप्त है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केवल राजनीतिक बयानबाजी या तर्क-वितर्क से सुरक्षा नहीं सुनिश्चित होगी। देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम और कड़े कानून आवश्यक हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि शिक्षा और सामाजिक विकास ही दीर्घकालिक समाधान हैं, जिससे युवा आतंकवाद से दूर रहें।

साम्प्रदायिक सौहार्द और समानता

ओवैसी ने जोर देकर कहा कि इस तरह की हिंसात्मक घटनाओं से समाज में नफ़रत फैलाना अपराध के समान है। उन्होंने कहा कि हिन्दू और मुसलमान दोनों इस तरह की हिंसा में प्रभावित हुए हैं, इसलिए सभी समुदायों को समान दृष्टि से देखा जाना चाहिए। उनका यह संदेश समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और समानता की भावना जगाने के लिए महत्वपूर्ण है।

लोकतंत्र में अधिकारों की रक्षा

ओवैसी ने अपने भाषण में लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों की रक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान में दिए गए समानता और स्वतंत्रता के अधिकार सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित होने चाहिए। यदि किसी समुदाय के अधिकारों का हनन किया गया, तो वह न केवल कानूनी, बल्कि नैतिक दृष्टि से भी गलत है।

भविष्य की चुनौतियाँ और जागरूकता

ओवैसी ने भविष्य की चुनौतियों को लेकर चेतावनी दी कि अगर देश में नफ़रत और असमानता बनी रही तो यह राष्ट्र की प्रगति में बाधा डाल सकती है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें और सामाजिक सद्भाव बनाए रखें। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से भी आग्रह किया कि सुरक्षा उपाय और समुदायों के बीच संवाद को मजबूत किया जाए।

संविधान और समानता का अधिकार

ओवैसी ने संविधान के समानता के अधिकार पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी निर्णय या न्यायिक फैसले में समुदाय विशेष के खिलाफ पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि मस्जिद के मामले में न्यायालय का निर्णय आने के बावजूद किसी समुदाय ने हिंसा नहीं की। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि भारत में नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक हैं।

समाज में नफ़रत और उससे निपटने की आवश्यकता

ओवैसी ने देश के नागरिकों से यह अपील भी की कि नफ़रत की मानसिकता देश की प्रगति में बाधा डालती है। यदि किसी समुदाय के प्रति नाइंसाफी की जाती है, तो वह समाज में अस्थिरता उत्पन्न करती है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की तरफ से किसी तरह का प्रतिशोध नहीं होगा, परंतु अपने अधिकारों की रक्षा हर हाल में की जाएगी।

लोकतंत्र और भविष्य की चुनौतियाँ

ओवैसी ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में सभी नागरिकों को समान अवसर प्राप्त होना चाहिए। यदि किसी वर्ग को भेदभाव का सामना करना पड़ता है, तो वह देश की समग्र प्रगति में बाधा बनता है। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम सभी समुदायों को समान दृष्टि से देखते हैं और उनके अधिकारों की रक्षा करते हैं।

ओवैसी का यह बयान न केवल दिल्ली धमाके पर प्रतिक्रिया है, बल्कि यह भारत में सामाजिक समरसता, समानता और लोकतांत्रिक अधिकारों की अहमियत को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा अस्वीकार्य है और भारत में हर नागरिक को सम्मान और सुरक्षा मिलनी चाहिए।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.