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प्रधानमंत्री मोदी का कुरुक्षेत्र में संदेश: नया भारत आतंकवाद के सामने नहीं झुकता

PM Modi Kurukshetra Speech: नया भारत आतंकवाद से नहीं डरता, गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत दिवस पर पीएम का संबोधन
PM Modi Kurukshetra Speech: नया भारत आतंकवाद से नहीं डरता, गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत दिवस पर पीएम का संबोधन (Image Source: X/@narendramodi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र में गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी दिवस पर कहा कि नया भारत आतंकवाद के सामने नहीं झुकता। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता। पीएम ने गुरु जी की निडरता की शिक्षा को याद किया और कहा कि आज का भारत साहस और स्पष्टता के साथ आगे बढ़ रहा है। इस मौके पर विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया गया। प्रधानमंत्री ने पांचजन्य स्मारक के उद्घाटन का भी जिक्र किया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक बड़े कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश और दुनिया को साफ संदेश दिया कि आज का भारत आतंकवाद के सामने किसी भी हाल में नहीं झुकेगा। यह कार्यक्रम नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर गुरु साहब को समर्पित एक खास सिक्का और स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए पीएम का बड़ा बयान

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर का खास तौर पर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है कि भारत शांति चाहने वाला देश जरूर है, लेकिन अपनी सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं करता। पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से साफ हो गया है कि नया भारत न तो डरता है, न रुकता है और न ही आतंकवाद के आगे झुकता है। आज का भारत साहस और स्पष्टता के साथ पूरी ताकत से आगे बढ़ रहा है।

गुरु तेग बहादुर के संदेश को याद किया

प्रधानमंत्री ने गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं को याद करते हुए कहा कि गुरु साहब ने हमेशा निडरता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गुरु जी ने सिखाया था कि हमें न तो किसी को डराना चाहिए और न ही किसी से डरकर जीना चाहिए। यही निडरता और साहस समाज और देश को मजबूत बनाती है। पीएम मोदी ने बताया कि आज भारत भी इसी सिद्धांत पर चलता है। हम पूरी दुनिया को भाईचारे का संदेश देते हैं और साथ ही अपनी सीमाओं की मजबूती से रक्षा भी करते हैं।

शांति और सुरक्षा दोनों में विश्वास रखता है भारत

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा शांति चाहता है लेकिन अपनी सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करता। उन्होंने कहा कि विश्व में बंधुत्व और भाईचारा बढ़े यह हमारी कामना है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम अपनी रक्षा में कोई कमी रखें। देश की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है और इस मामले में हम पूरी मजबूती से खड़े हैं। नया भारत दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि हम शांतिप्रिय हैं लेकिन कमजोर नहीं।

अयोध्या से कुरुक्षेत्र तक का सफर

प्रधानमंत्री ने एक दिलचस्प बात साझा करते हुए बताया कि इसी दिन सुबह वह रामायण की नगरी अयोध्या में थे और अब भगवान कृष्ण की धरती कुरुक्षेत्र पर हैं। उन्होंने कहा कि यह संयोग बहुत खास है। पीएम मोदी ने एक पुरानी घटना का भी जिक्र किया जब 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था। उस दिन वह करतारपुर गलियारा के उद्घाटन के लिए पंजाब के डेरा बाबा नानक गए थे।

प्रधानमंत्री ने बताया कि उस समय वह प्रार्थना कर रहे थे कि राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो और सभी राम भक्तों की इच्छा पूरी हो। उन्होंने कहा कि उसी दिन उनकी प्रार्थना कबूल हुई और अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में फैसला आया। पीएम ने कहा कि आज फिर उन्हें सिख संगत से आशीर्वाद लेने का मौका मिला है।

पांचजन्य स्मारक का उद्घाटन

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण के पवित्र शंख को समर्पित नए बने पांचजन्य स्मारक के उद्घाटन के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने इसी धरती पर कहा था कि सत्य और न्याय की रक्षा करना सबसे बड़ा धर्म है। प्रधानमंत्री ने श्रीमद्भगवद्गीता के संदेश को याद करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण ने कहा था कि अपने धर्म के लिए जीवन का बलिदान देना सबसे अच्छा है।

गुरु तेग बहादुर का बलिदान

पीएम मोदी ने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी ने भी सत्य, न्याय और आस्था की रक्षा को अपना धर्म माना और इसके लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दे दी। उन्होंने कहा कि गुरु जी का बलिदान सिर्फ सिख समाज के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। यह साहस और त्याग की अनुपम मिसाल है जो हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।

सरकार की प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गुरु परंपरा की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हम आगे भी इसी तरह गुरुओं की शिक्षाओं और उनके बलिदान को याद करते रहेंगे। विशेष सिक्का और स्मारक डाक टिकट जारी करना इसी दिशा में एक कदम है। यह न सिर्फ गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धांजलि है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक संदेश है कि हम अपने महान नायकों को नहीं भूलते।

देश की नई सोच और नई दिशा

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत एक नई सोच और नई दिशा के साथ आगे बढ़ रहा है। हम अपनी जड़ों से जुड़े हैं और साथ ही आधुनिक विकास की राह पर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हमारा देश अब पहले से कहीं ज्यादा आत्मविश्वास से भरा है। हम अपने इतिहास पर गर्व करते हैं और अपने भविष्य को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। यह नया भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।

सांस्कृतिक और धार्मिक एकता

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक और धार्मिक एकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता में है। यहां अलग-अलग धर्म, संस्कृति और परंपराएं हैं लेकिन सबका लक्ष्य एक है – देश की प्रगति और समृद्धि। गुरु तेग बहादुर जी ने भी समाज में एकता और भाईचारे का संदेश दिया था। आज हमें उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है।

युवाओं के लिए संदेश

प्रधानमंत्री ने युवाओं से भी अपील की कि वे गुरु तेग बहादुर जी के साहस और बलिदान से प्रेरणा लें। उन्होंने कहा कि आज के युवा ही देश का भविष्य हैं। उन्हें निडर होकर अपने सपनों को पूरा करना चाहिए और देश की सेवा में अपना योगदान देना चाहिए। गुरु जी की शिक्षाएं हमें बताती हैं कि सत्य और न्याय के रास्ते पर चलना ही असली सफलता है।

कुरुक्षेत्र में हुआ यह कार्यक्रम बेहद भव्य था। देश भर से हजारों श्रद्धालुओं ने इसमें हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री के संबोधन से सभी बेहद प्रभावित हुए। उनके शब्दों में देश के प्रति गहरा प्रेम और समर्पण साफ झलक रहा था। यह कार्यक्रम सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं था बल्कि राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक था।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.