धनबाद जिले के केंदुआ इलाके में बुधवार को एक भयानक घटना सामने आई जब जमीन से जहरीली गैस का रिसाव शुरू हो गया। इस हादसे में एक मासूम बच्चे की जान चली गई और दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए। करीब एक हजार से अधिक लोग इस गैस रिसाव से प्रभावित हुए हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है और प्रशासन तथा बीसीसीएल की टीमें राहत कार्य में जुट गई हैं।
गैस रिसाव से पूरे इलाके में मची अफरातफरी
केंदुआडीह थाना क्षेत्र में बीसीसीएल की कोयला परियोजना वाले इलाके में यह घटना घटी। अचानक धरती फटी और उसमें से तेज दुर्गंध वाली जहरीली गैस निकलने लगी। राजपूत बस्ती, मस्जिद मोहल्ला, पांच नंबर समेत आसपास के कई इलाकों में यह गैस तेजी से फैल गई। गैस के असर से लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कत होने लगी और कई लोगों ने उल्टी की शिकायत भी की।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि गैस की तेज दुर्गंध से माहौल बेहद खराब हो गया था। छोटे बच्चे बेहोश होने लगे और पक्षियों की भी मौत हो गई। इस भयावह स्थिति को देखकर लोगों में दहशत फैल गई और परिवार अपने बीमार सदस्यों को लेकर आसपास के निजी अस्पतालों में भागने लगे।
बच्चे बेहोश हुए और पक्षियों की हुई मौत
गैस के जहरीले असर से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए। कई बच्चे अचानक बेहोश हो गए और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा। महेश गोस्वामी ने बताया कि उनकी बेटी घर से बाहर निकलते ही चक्कर खाकर गिर पड़ी। जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने बताया कि उस पर जहरीली गैस का असर हुआ है।
स्थानीय निवासी रामकिशन ने बताया कि गैस के प्रभाव से उनका पालतू तोता भी मर गया। कई घरों में पाले जाने वाले पक्षी इस गैस के संपर्क में आते ही मर गए। टिंकू अंसारी नाम के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि इलाके में अचानक कई लोग एक साथ बीमार हो गए और सभी को सांस लेने में परेशानी हो रही थी।
बीसीसीएल गेस्ट हाउस के पास से हो रहा गैस रिसाव
घटना की जानकारी मिलते ही केंदुआडीह थाना की पुलिस सक्रिय हो गई और बीसीसीएल प्रबंधन को तुरंत सूचित किया गया। बीसीसीएल की सेफ्टी टीम मौके पर पहुंची और गैस डिटेक्टर मशीन से जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि गैस रिसाव का मुख्य स्रोत थाना के पास स्थित जीएम गेस्ट हाउस और उसके आसपास का क्षेत्र है।
बीसीसीएल के कुसुंडा एरिया सेफ्टी ऑफिसर तुषारकांत ने बताया कि कई जगहों पर गैस रिसाव की आशंका है। हालांकि अभी तक गैस की मात्रा और प्रकार का सटीक पता नहीं चल पाया है, लेकिन गैस की दुर्गंध काफी तेज है। उन्होंने कहा कि अधिकारी इस मामले को उच्च स्तर पर रिपोर्ट कर रहे हैं और गैस रिसाव को रोकने की तैयारी की जा रही है।
राहत कार्य में जुटी एंबुलेंस और चिकित्सा टीम
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने आधा दर्जन से अधिक एंबुलेंस को मौके पर तैनात कर दिया है। प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। जो लोग गैस के संपर्क में आए हैं, उन्हें आसपास के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की टीमें मरीजों का इलाज कर रही हैं और उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
बीसीसीएल एजेंट लखन लाल बरनवाल ने बताया कि गैस रिसाव के सटीक स्रोत की पहचान का प्रयास जारी है। जैसे ही गैस निकलने के मुख्य स्थान का पता चल जाएगा, उसे तुरंत भरने का काम शुरू कर दिया जाएगा। गैस डिटेक्टर मशीन से लगातार जांच की जा रही है ताकि गैस के प्रकार और खतरे के स्तर का पता लगाया जा सके।
विधायक ने किया घटनास्थल का दौरा
घटना की सूचना मिलते ही धनबाद विधायक राज सिन्हा तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और प्रभावित इलाके का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। विधायक ने तत्काल उपायुक्त आदित्य रंजन से संपर्क किया और प्रभावित लोगों के लिए तत्काल राहत कार्य चलाने की मांग की। उन्होंने प्रशासन से गैस रिसाव को जल्द से जल्द रोकने और प्रभावितों को सभी संभव सहायता देने का आग्रह किया।
प्रशासनिक अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर सवाल
हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में एक चौंकाने वाली बात यह रही कि घटनास्थल पर जिला प्रशासन का कोई भी बड़ा अधिकारी मौजूद नहीं था। घटना बीसीसीएल के कमांड क्षेत्र में घटी होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। केवल केंदुआडीह थाना की पुलिस और उसके अधिकारी तथा जवान मौके पर तैनात थे।
बीसीसीएल प्रबंधन ने घटना के बाद प्रभावित इलाके को तत्काल खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है। लाउडस्पीकर से लोगों से अपने घरों को खाली करने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की घोषणा की जा रही है। हालांकि लोगों में असमंजस की स्थिति है कि वे कहां जाएं और कब तक यह स्थिति बनी रहेगी।
आगे की कार्रवाई
प्रशासन और बीसीसीएल प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि गैस रिसाव को जल्द से जल्द रोक दिया जाएगा। सेफ्टी टीम लगातार काम कर रही है और गैस के स्रोत की पहचान करने के बाद उसे बंद करने का काम शुरू किया जाएगा। प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। हालांकि एक बच्चे की मौत ने इस घटना को और भी दुखद बना दिया है और लोगों में गुस्सा और डर दोनों का माहौल है।