नागपुर शहर के तुकडोजी पुतला इलाके में हनुमान नगर क्षेत्र में आज तड़के एक ऐसी दुर्घटना हुई जिसने एक बार फिर नशे में गाड़ी चलाने के खतरों को सामने ला दिया है। सुबह साढ़े चार बजे एक तेज रफ्तार कार ने इलाके में भीषण हादसा कर दिया। एमएस 32 एएच 3194 नंबर की इस कार में सवार चार युवक शराब के नशे में धुत थे। इस हादसे में कई गरीब मजदूरों और ठेलेवालों का भारी नुकसान हुआ है। लेकिन दुर्घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद भी पीड़ितों को किसी तरह की राहत या मुआवजे की कोई घोषणा नहीं हुई है।
हादसे की पूरी घटना
शेख प्यारे बाबू मिया शेख नामक 54 वर्षीय व्यक्ति के गैरेज के सामने यह दर्दनाक हादसा हुआ। तेज रफ्तार में आ रही कार ने वहां खड़े सामान से जोरदार टक्कर मारी। इस टक्कर का असर इतना भीषण था कि वहां मौजूद दो मोटरसाइकिलें पूरी तरह से चकनाचूर हो गईं। साथ ही तीन ठेले भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा एक इलेक्ट्रिक डीपी भी इस हादसे की चपेट में आ गया। हादसे के बाद कार सड़क के बीचोंबीच पलट गई और उसके सभी हिस्से बिखर गए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि टक्कर की आवाज इतनी तेज थी कि पूरा इलाका दहल गया। सुबह की शांति को तोड़ती इस दुर्घटना ने सभी को हैरान कर दिया। कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और देखा कि सड़क पर तबाही का मंजर था। ठेलेवालों का सामान बिखरा पड़ा था और मोटरसाइकिलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी थीं।

नशे में धुत चार युवक
कार में सवार चारों युवकों की पहचान अदनान हामिद, राजेश तुटे, संकेत पांडे और यश ढगे के रूप में हुई है। अदनान हामिद वर्धा का रहने वाला है जबकि राजेश तुटे आष्टी से है। संकेत पांडे और यश ढगे दोनों हुडकेश्वर इलाके के निवासी हैं। चश्मदीदों के अनुसार चारों युवक पूरी तरह से शराब के नशे में धुत थे।
हादसे के बाद का नजारा और भी चौंकाने वाला था। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब कार पलटी तो उसमें से एक युवक बाहर निकला और भागने की कोशिश करने लगा। वह जोर जोर से चिल्ला रहा था कि मैं मर्द हूं। यह दृश्य देखकर मौजूद लोग हैरान रह गए। इस तरह का व्यवहार साफ तौर पर बताता है कि युवक पूरी तरह से नशे में था और उसे अपनी गलती का एहसास तक नहीं था।
गरीब मजदूरों का भारी नुकसान
इस हादसे में सबसे ज्यादा नुकसान गरीब ठेलेवालों और मजदूरों का हुआ है। तीन ठेले पूरी तरह से बर्बाद हो गए जो इन गरीब लोगों की रोजी रोटी का एकमात्र जरिया थे। इसके अलावा दो मोटरसाइकिलें भी इस हादसे में नष्ट हो गईं। ठेलों में रखा सामान भी पूरी तरह से बिखर गया और बर्बाद हो गया।
वजनकाँटे जो ठेलेवाले अपने काम में इस्तेमाल करते थे वो भी टूट गए। सार्वजनिक इलेक्ट्रिक डीपी का भी नुकसान हुआ है जिसकी वजह से इलाके में बिजली की व्यवस्था प्रभावित हुई। कुल मिलाकर करीब आठ ठेलेवालों और मजदूरों को इस हादसे में भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
ये मजदूर और ठेलेवाले रोजाना मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं। उनके पास कोई बड़ी पूंजी नहीं होती। ठेला ही उनका सब कुछ होता है। लेकिन इस हादसे में उनका सब कुछ बर्बाद हो गया। सबसे दुखद बात यह है कि अभी तक किसी ने भी उनके नुकसान की भरपाई के बारे में कुछ नहीं कहा है।
मुआवजे पर सवाल
हादसे को कई घंटे बीत चुके हैं लेकिन पीड़ित मजदूरों और ठेलेवालों को किसी तरह का मुआवजा नहीं मिला है। न तो दोषी युवकों की तरफ से कोई पहल हुई है और न ही प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम उठाया गया है। फोटो और वीडियो में साफ तौर पर नुकसान दिखाई दे रहा है फिर भी किसी को इसकी परवाह नहीं है।
ठेलेवालों का कहना है कि उनका सारा सामान बर्बाद हो गया है और उन्हें अब काम करने के लिए फिर से सब कुछ जुटाना होगा। लेकिन उनके पास इतना पैसा कहां से आएगा। वे सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस इस मामले को मैनेज करने की कोशिश कर रही है। जबकि फोटो और वीडियो में बड़ा नुकसान साफ दिखाई दे रहा है फिर भी कार्रवाई बेहद धीमी है।
नागरिकों का सवाल है कि जब नशे में गाड़ी चलाने और इतना बड़ा हादसा करने के सभी सबूत मौजूद हैं तो पुलिस सख्त कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। क्या कुछ लोगों को विशेष संरक्षण मिल रहा है। क्या गरीब ठेलेवालों को न्याय नहीं मिलेगा। ये सवाल अब पूरे इलाके में उठने लगे हैं।
लोगों का कहना है कि अगर यही हादसा किसी गरीब व्यक्ति ने किया होता तो अब तक उसे जेल में डाल दिया गया होता। लेकिन यहां मामला कुछ और ही लग रहा है। पुलिस को चाहिए कि वह पारदर्शी तरीके से जांच करे और दोषी युवकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
नशे में गाड़ी चलाना बड़ा खतरा
यह घटना एक बार फिर नशे में गाड़ी चलाने के खतरों को सामने लाती है। हर साल हजारों लोग नशे में गाड़ी चलाने की वजह से दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। कई बार तो मासूम लोगों की जान तक चली जाती है। फिर भी लोग इस खतरे को गंभीरता से नहीं लेते।
सरकार ने नशे में गाड़ी चलाने के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं लेकिन जब तक उन्हें सख्ती से लागू नहीं किया जाएगा तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। पुलिस को चाहिए कि वह नियमित रूप से चेकिंग करे और नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
समाज की जिम्मेदारी
यह सिर्फ पुलिस या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है। अगर हम किसी को नशे में गाड़ी चलाते देखें तो उसे रोकना चाहिए। अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भी इस खतरे के बारे में बताना चाहिए।
युवाओं को समझना होगा कि नशा सिर्फ उनके लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए खतरनाक है। एक पल की मस्ती में वे किसी की पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं। इस घटना में भी गरीब ठेलेवालों की जिंदगी पर बड़ा संकट आ गया है।
आगे की राह
अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या होता है। क्या पीड़ित ठेलेवालों को मुआवजा मिलेगा या नहीं। क्या दोषी युवकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी या मामला रफा दफा हो जाएगा। क्या पुलिस पारदर्शी तरीके से जांच करेगी या फिर मामले को मैनेज करने की कोशिश होगी।
नागरिकों की नजर अब इस मामले पर है। वे चाहते हैं कि न्याय हो और गरीब ठेलेवालों को उनका हक मिले। साथ ही नशे में गाड़ी चलाने वालों के लिए यह एक सबक बने कि ऐसा करने पर उन्हें सजा जरूर मिलेगी।
यह घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है। हमें सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए और नशे में गाड़ी चलाने जैसी गलती कभी नहीं करनी चाहिए। तभी हम एक सुरक्षित समाज बना सकते हैं।