केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के वाव-थराद जिले में बनास डेयरी द्वारा बनाए गए नए बायो सीएनजी और फर्टिलाइजर प्लांट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने 150 टन क्षमता के पाउडर प्लांट की नींव भी रखी। कार्यक्रम में गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर और मुरलीधर मोहोल समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि बनासकांठा की महिलाओं और किसानों ने कड़ी मेहनत से बनास डेयरी को 24 हजार करोड़ रुपए के कारोबार तक पहुंचाया है। यह उपलब्धि किसी भी बड़ी कंपनी के लिए गर्व की बात होती है, लेकिन गुजरात की बहनों ने यह कमाल कर दिखाया है।
बनासकांठा में जल संचय से आई समृद्धि
अमित शाह ने बताया कि 1985-87 के अकाल के समय बनासकांठा के किसान साल में केवल एक फसल उगा पाते थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुजलाम-सुफलाम योजना के तहत नर्मदा और माही नदी का पानी यहां पहुंचाया गया। आज यहां के किसान साल में तीन फसलें उगा रहे हैं। मूंगफली, आलू, बाजरा और खरीफ की फसल से किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ गई है।
गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने दो विश्वविद्यालयों को जिम्मेदारी दी है कि वे बनासकांठा और मेहसाणा में जल संचय और पानी से आई समृद्धि पर विस्तृत शोध करें। यह काम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा और पूरे देश के ग्रामीण विकास के लिए प्रेरणा बनेगा।

महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण
अमित शाह ने कहा कि बनास डेयरी के 24 हजार करोड़ रुपए के कारोबार में सबसे बड़ा योगदान महिलाओं का है। दूध इकट्ठा करने का सारा काम बनासकांठा की माताओं, बहनों और बेटियों ने किया है। यह महिला सशक्तिकरण का सबसे जीवंत और सबसे बड़ा उदाहरण है। यहां पारदर्शी व्यवस्था है जिसमें हर हफ्ते महिलाओं के बैंक खाते में दूध का पूरा पैसा सीधे पहुंच जाता है।
उन्होंने कहा कि बनास डेयरी आज एशिया की सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादक डेयरी बन चुकी है। इसमें गलबाभाई नानजीभाई पटेल का बड़ा योगदान है। 1960 में वडगाम और पालनपुर की सिर्फ दो तहसीलों के आठ गांवों से शुरू हुई यह यात्रा आज 24 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
सर्कुलर इकोनॉमी से आय में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि डेयरी को पूरी तरह सर्कुलर इकोनॉमी बनाया जाए। गाय-भैंस का एक ग्राम गोबर भी बर्बाद नहीं होना चाहिए। इससे जैविक खाद, बायो गैस और बिजली बननी चाहिए। जो कमाई होगी वह भी सीधे किसानों के पास जाएगी। बनास डेयरी ने बायो सीएनजी प्लांट की जो परंपरा शुरू की है, वह देश भर की सहकारी समितियों के लिए आदर्श बनेगी।
अमित शाह ने कहा कि दुनिया में कई हाई वैल्यू डेयरी प्रोडक्ट हैं जो अभी भारत में नहीं बन रहे। उन्होंने अमूल के चेयरमैन को एक लिस्ट दी है ताकि उन उत्पादों का निर्माण तुरंत शुरू हो। इन उत्पादों की कीमत बहुत अधिक मिलती है और विश्व बाजार में इनकी भारी मांग है। अगर सिर्फ दही, घी, पनीर बनाने की जगह इन हाई वैल्यू उत्पादों पर ध्यान दिया जाए तो किसानों को कई गुना अधिक लाभ होगा।

पशु आहार भी बनेगा सहकारी स्तर पर
गृह मंत्री ने कहा कि अब पूरे भारत की सहकारी डेयरियां पशु आहार भी बाजार से नहीं खरीदेंगी। इसे भी सहकारी स्तर पर ही बनाया जाएगा और पशु आहार बनाने से होने वाला लाभ भी सीधे महिलाओं के बैंक खाते में जाएगा। इस पूरी व्यवस्था के लिए तकनीक और वित्त की जरूरत है, जो भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में तैयार कर दिया है।
उन्होंने बताया कि किसानों के लिए तीन नई राष्ट्रीय सहकारी सोसायटी बनाई गई हैं। बीज उत्पादन एवं वितरण के लिए, जैविक उत्पादों की मार्केटिंग के लिए और कृषि निर्यात के लिए। वहीं डेयरी क्षेत्र के लिए भी तीन राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्थाएं बनाई गई हैं। ये छह सहकारी संस्थाएं मिलकर खेती से जुड़ा हर काम करेंगी।
श्वेत क्रांति 2.0 की तैयारी
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्वेत क्रांति 2.0 के लिए बड़े लक्ष्य रखे हैं। राष्ट्रीय गोकुल मिशन, एनिमल हसबैंड्री इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड, पुनर्गठित राष्ट्रीय डेयरी योजना और राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के जरिए श्वेत क्रांति 2.0 जरूर सफल होगी।
उन्होंने बनासकांठा के लोगों को भरोसा दिलाया कि पांच साल के अंदर सर्कुलर इकोनॉमी से उनकी आमदनी कम से कम 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ जाएगी। इसका पूरा विस्तृत प्लान तैयार कर लिया गया है और बनास डेयरी का मुख्यालय इस पूरी योजना का केंद्र बनेगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हर गांव की दूध मंडली को माइक्रो एटीएम भी दिया गया है, जिससे वित्तीय लेनदेन का काम बहुत आसान हो गया है। आने वाले दिनों में इसी माइक्रो एटीएम से वित्तीय सुविधा भी शुरू होने वाली है।
बाबा साहब आंबेडकर को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम में अमित शाह ने डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने जो संविधान इस देश को दिया, उसके बल पर दलित, गरीब, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग भी सम्मानपूर्ण जीवन जी सकें, ऐसी मजबूत व्यवस्था खड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गुजरात में एक विशाल पदयात्रा का समापन समारोह भी आज ही है। किसान और सहकारिता का मूल विचार सरदार पटेल का ही था। गुजरात ने उसे अपनाया और आज वह विचार एक विशाल वटवृक्ष बन गया है।
नए प्लांट से होंगे कई फायदे
इस मौके पर बायो सीएनजी प्लांट और मिल्क पाउडर प्लांट का उद्घाटन हुआ। साथ ही अत्याधुनिक प्रोटीन प्लांट और हाई टेक ऑटोमैटिक पनीर प्लांट का लोकार्पण भी किया गया। अमित शाह ने कहा कि बनास डेयरी ने सर्कुलर इकोनॉमी के जो अभिनव प्रयोग किए हैं, उससे परामर्शदात्री समिति के सदस्य सांसदों को अवगत कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आगामी जनवरी में पूरे देश की सभी डेयरियों के लगभग 250 चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बनासकांठा के सहकारी डेयरी क्षेत्र में हुए चमत्कार को अपनी आंखों से देखने आ रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि बनास डेयरी ने जो परंपरा खड़ी की है, वह केवल बनासकांठा तक सीमित नहीं रहेगी। यह पूरे देश के करोड़ों पशुपालकों के लिए समृद्धि का माध्यम बनेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि बनासकांठा की तरह पूरे देश के पशुपालकों और किसानों की आमदनी बढ़ाने का यह मॉडल सफल होगा।
गृह मंत्री ने कहा कि चीज, प्रोटीन, डेयरी व्हाइटनर, मावा, आइसक्रीम, बेबी फूड बनाना हो या तेल की पैकेजिंग, आटा, शहद, कोल्ड स्टोरेज, आलू चिप्स, बीज उत्पादन या पशु आहार बनाना हो, सारी चीजें डेयरी की अर्थव्यवस्था के अंतर्गत आएंगी और उसका पूरा लाभ पशुपालक के खाते में पहुंचे, यह भारत सरकार का स्पष्ट और मजबूत प्लान है।