लिलुआ के गुहापार्क इलाके में लंबे समय से खराब पड़ी सड़कों की हालत ने स्थानीय निवासियों का जीना दूभर कर दिया है। रोजाना होने वाली दुर्घटनाओं और प्रशासन की लापरवाही से तंग आकर आज स्थानीय लोगों ने रास्ता जाम कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन में महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर जल्द ही सड़कों की मरम्मत नहीं हुई तो वे आने वाले चुनाव में वोट बहिष्कार करने पर मजबूर हो जाएंगे।
सड़कों की बदहाली से रोज हो रही दुर्घटनाएं
लिलुआ गुहापार्क इलाके की सड़कों की हालत काफी समय से बेहद खराब है। सड़कें इतनी टूटी-फूटी हो चुकी हैं कि बारिश होते ही जगह-जगह पानी भर जाता है। इन गड्ढों में जमा पानी में से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं है। रोजाना छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को इन खराब सड़कों पर चलते समय गिरकर चोट लगती है।
स्थानीय निवासी माधुरी दास ने बताया कि पिछले कई महीनों से यह समस्या बनी हुई है। बच्चे स्कूल जाते समय गिर जाते हैं, बुजुर्गों को चलने में बहुत परेशानी होती है। बारिश के दिनों में तो हालत और भी भयानक हो जाती है। जमा पानी में गड्ढे दिखाई नहीं देते और लोग गिरकर चोटिल हो जाते हैं।
महिलाओं और आम लोगों ने किया जोरदार विरोध
आज सुबह से ही गुहापार्क इलाके में स्थानीय लोगों ने रास्ता जाम कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे महिलाएं थीं। उन्होंने कहा कि हर रोज उनके बच्चे और परिवार के सदस्य इन टूटी सड़कों की वजह से परेशान हैं। प्रशासन को कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
प्रदर्शनकारी रिम्पा मंडल ने बताया कि हमने वार्ड पार्षद से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक को कई बार इस समस्या से अवगत कराया है। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हमारी सहनशीलता की भी एक सीमा है। अगर अब भी हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम आगामी चुनाव में वोट नहीं करेंगे।
प्रशासन की लापरवाही से बढ़ी मुश्किलें
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई महीनों से वे प्रशासन के दरवाजे खटखटा रहे हैं। लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। सड़कों की मरम्मत का काम शुरू होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस लापरवाही की वजह से आम लोगों को रोजाना कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि पहले सिर्फ सड़कें टूटी थीं, लेकिन अब तो वे इतनी खराब हो गई हैं कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाना तो और भी खतरनाक है। कई बार गड्ढों में फंसकर वाहन खराब हो जाते हैं।
वोट बहिष्कार की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा है कि अगर जल्द ही सड़कों की मरम्मत नहीं हुई तो वे आने वाले चुनाव में वोट नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय नेता हमारे पास वोट मांगने आते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही हमारी समस्याओं को भूल जाते हैं। अब हमने भी तय कर लिया है कि अगर हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम भी अपना फैसला सुना देंगे।
स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग रख रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन उनकी बात समझेगा और जल्द ही सड़कों की मरम्मत का काम शुरू करेगा। लेकिन अगर इस बार भी उनकी अनदेखी की गई तो वे और कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे।
पुलिस ने संभाली स्थिति
रास्ता जाम होने की सूचना मिलते ही लिलुआ थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वे इस मामले को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाएंगे और जल्द ही कोई समाधान निकलेगा।
हालांकि, स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्हें अब सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहिए। वे तब तक विरोध जारी रखेंगे जब तक सड़क मरम्मत का काम शुरू नहीं हो जाता।
आम लोगों की दिक्कतें
इस रास्ता जाम से आम लोगों को भी काफी परेशानी हुई। कई लोग अपने काम पर देर से पहुंचे तो कुछ लोगों को रास्ता बदलना पड़ा। लेकिन स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया है। अगर प्रशासन पहले ही उनकी बात सुन लेता तो यह नौबत नहीं आती।
एक यात्री ने कहा कि हालांकि रास्ता जाम से परेशानी तो हुई, लेकिन स्थानीय लोगों की मांग जायज है। सड़कों की हालत सच में बहुत खराब है और इनकी मरम्मत जरूरी है।
क्या है आगे का रास्ता
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। स्थानीय लोगों की मांग बिल्कुल जायज है और उन्हें जल्द से जल्द राहत मिलनी चाहिए। सड़कों की बदहाली सिर्फ लिलुआ की समस्या नहीं है, बल्कि कई इलाकों में यह समस्या देखी जा रही है।
प्रशासन को चाहिए कि वह इन शिकायतों को गंभीरता से ले और समय पर कार्रवाई करे। अगर समय रहते समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो लोगों का गुस्सा और बढ़ सकता है। जनता का विश्वास प्रशासन में तभी बना रहेगा जब उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाएगा।
लिलुआ के लोगों ने साफ कर दिया है कि अब वे और इंतजार नहीं करेंगे। उन्हें जल्द ही ठोस कार्रवाई चाहिए, वरना वे अपना विरोध और तेज कर देंगे।