महतारी वंदन योजना: छत्तीसगढ़ में महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण
विष्णुदेव साय की नेतृत्व में भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ को महिला सशक्तीकरण का मॉडल स्टेट बना दिया है। यह बात छत्तीसगढ़ की भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शताब्दी पांडे ने कहते हुए दावा किया है कि पिछले दो साल का कार्यकाल महिला सम्मान और राजनीतिक-आर्थिक-सामाजिक विकास के लिहाज से ऐतिहासिक साबित हुआ है। जब आप एक महिला को आर्थिक आजादी देते हैं, तो आप पूरे परिवार और समाज को सशक्त कर देते हैं। यही विचार ही छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के महिला-केंद्रित नीतियों का आधार है।
रायपुर में दिए गए बयान में शताब्दी पांडे ने प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तीकरण के संकल्प को व्यावहारिक जामा पहनाने का श्रेय विष्णुदेव साय की सरकार को दिया। उनके अनुसार, सत्ता में आते ही भाजपा ने अपने वादों को पूरा करना शुरू कर दिया और आज प्रदेश की महिलाएं विकास की मुख्यधारा के केंद्र में हैं।
महतारी वंदन योजना: बदलती महिलाओं की तकदीर
जब मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल मौजूदगी में महतारी वंदन योजना का शुभारंभ हुआ, तो यह सिर्फ एक योजना नहीं थी, बल्कि लाखों परिवारों की नियति बदलने का प्रयास था। इस योजना के तहत 70 लाख विवाहित महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो रही है। अब तक 22 किश्तें सफलतापूर्वक जारी की जा चुकी हैं, जिसका सीधा मतलब है कि 70 लाख महिलाओं को 22 हजार रुपये तक की सहायता मिल चुकी है।
यह योजना सिर्फ आर्थिक मदद नहीं देती, बल्कि महिलाओं को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ती है, उन्हें डिजिटल साक्षरता सिखाती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें आर्थिक निर्णय लेने का अधिकार देती है। जब एक महिला अपने खाते में पैसा देखती है, तो वह सिर्फ खुश नहीं होती, बल्कि उसमें आत्मविश्वास जागता है।
महतारी सदन: महिला समूहों का भविष्य
शताब्दी पांडे ने बताया कि 179 महतारी सदनों के निर्माण के लिए 52 करोड़ 20 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। ये महतारी सदन केवल भौतिक संरचनाएं नहीं हैं, बल्कि महिलाओं के सामूहिक प्रयासों के लिए एक मजबूत आधार हैं। यहां महिलाएं अपने विचारों को साझा कर सकती हैं, व्यावसायिक कौशल सीख सकती हैं और एक-दूसरे से जुड़ सकती हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मासिक प्रोत्साहन
छत्तीसगढ़ की मितानिनें (आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं) अब अपने प्रोत्साहन राशि को ऑनलाइन तरीके से प्राप्त कर रही हैं। यह सुविधा न केवल समय बचाती है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करती है। मितानिनें समाज की रीढ़ होती हैं, और उनका सम्मान करना राज्य की जिम्मेदारी है।
स्व-सहायता समूह और रेडी टू ईट परियोजना
महिला समूहों के हित को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत रेडी टू ईट (खाद्य पदार्थ) का काम महिला समूहों को सौंपा है। यह एक विचारशील कदम है क्योंकि इससे न केवल महिलाओं को रोजगार मिलता है, बल्कि छोटे स्तर पर उद्यमिता की भावना भी जागती है। जब महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होती हैं, तो आर्थिक विकास स्वाभाविक रूप से आता है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: सुरक्षा और स्वास्थ्य का अधिकार
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ में 1.59 लाख नई महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन दिए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 38 लाख महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं। यह सिर्फ एक गैस कनेक्शन नहीं है, यह महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा का प्रश्न है। जब महिलाएं खुली आग पर खाना नहीं पकातीं, तो श्वसन संबंधी बीमारियों में कमी आती है और जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है।
दो साल का आकलन: क्या है असली सफलता?
पिछले दो सालों में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने महिलाओं को विकास के केंद्र में रखा है। महतारी वंदन योजना से लेकर महतारी सदनों तक, प्रत्येक योजना महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सम्मान को दृष्टि में रखते हुए बनाई गई है। लेकिन असली सफलता तब होगी जब ये योजनाएं जमीन पर पूरी तरह लागू हों और हर महिला को उनका लाभ मिल रहा हो।
शताब्दी पांडे ने जोर देकर कहा कि भाजपा की सरकार महिलाओं को सिर्फ कागजी सहायता नहीं देती, बल्कि उन्हें सशक्त करने का माहौल बनाती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि छत्तीसगढ़ महिला सशक्तीकरण का एक जीवंत उदाहरण बन रहा है।
महिला समाज के लिए एक नया संदेश
जब आप एक महिला को पैसा देते हैं, तो आप केवल उसे नहीं, बल्कि उसके बच्चों, उसके परिवार और पूरे समाज को निवेश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने यह समझ लिया है। इसलिए महतारी योजना, महतारी सदन, मितानिनों को प्रोत्साहन राशि और उज्ज्वला योजना के माध्यम से एक संपूर्ण महिला-केंद्रित इकोसिस्टम बनाया जा रहा है।
आने वाले दिनों में जब इन योजनाओं का पूर्ण परिणाम सामने आएंगे, तो छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश के रूप में उभरेगा जहां महिलाएं न केवल सशक्त हैं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था के निर्माण में सक्रिय भागीदार हैं।