Petrol Price Today: आज 12 दिसंबर 2025 को भारत में पेट्रोल की कीमत ₹103.54 प्रति लीटर दर्ज की गई। देश के कई हिस्सों में यह दर कुछ पैसों के अंतर के साथ ऊपर–नीचे हो सकती है, लेकिन औसतन यह कीमत उपभोक्ताओं पर बढ़ते खर्च के संकेत देती है। पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल के दामों में स्थिरता देखने को मिली थी, लेकिन धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें, टैक्स संरचना और बाजार की मांग ने इसमें फिर उछाल ला दिया है।
भारत में पेट्रोल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल (Crude Oil) की दरों, रुपये की डॉलर के मुकाबले स्थिति, राज्य और केंद्रीय कर, परिवहन खर्च और डीलर मार्जिन पर निर्भर करती हैं। ऐसे में हल्की-सी भी वैश्विक हलचल भारतीय बाजार में बड़ा असर छोड़ जाती है।
भारत में राज्यवार पेट्रोल की कीमत (हिंदी तालिका)
| राज्य | पेट्रोल की कीमत (₹ प्रति लीटर) | मूल्य परिवर्तन |
|---|---|---|
| अंडमान और निकोबार | ₹82.46 | 0.00 |
| आंध्र प्रदेश | ₹109.75 | +0.12 |
| अरुणाचल प्रदेश | ₹90.95 | +0.28 |
| असम | ₹98.23 | -0.40 |
| बिहार | ₹105.41 | -0.06 |
| चंडीगढ़ | ₹94.30 | 0.00 |
| छत्तीसगढ़ | ₹99.44 | 0.00 |
| दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव | ₹92.37 | 0.00 |
| दिल्ली | ₹94.77 | 0.00 |
| गोवा | ₹96.69 | -0.61 |
| गुजरात | ₹94.96 | +0.31 |
| हरियाणा | ₹95.95 | 0.00 |
| हिमाचल प्रदेश | ₹95.32 | 0.00 |
| जम्मू एवं कश्मीर | ₹97.27 | +0.65 |
| झारखंड | ₹97.86 | -0.19 |
| कर्नाटक | ₹102.92 | 0.00 |
| केरल | ₹107.48 | +0.15 |
| लद्दाख | ₹102.56 | -0.15 |
| लक्षद्वीप | ₹100.75 | 0.00 |
| मध्य प्रदेश | ₹106.52 | 0.00 |
| महाराष्ट्र | ₹103.54 | 0.00 |
| मणिपुर | ₹99.19 | +0.05 |
| मेघालय | ₹96.33 | 0.00 |
| मिजोरम | ₹99.26 | -0.26 |
| नगालैंड | ₹97.74 | -0.14 |
| ओडिशा | ₹101.11 | +0.18 |
| पांडिचेरी | ₹96.32 | +0.06 |
| पंजाब | ₹98.22 | -0.06 |
| राजस्थान | ₹105.40 | +0.68 |
| सिक्किम | ₹103.30 | 0.00 |
| तमिलनाडु | ₹100.91 | -0.12 |
| तेलंगाना | ₹107.46 | 0.00 |
| त्रिपुरा | ₹97.39 | -0.21 |
| उत्तर प्रदेश | ₹94.69 | 0.00 |
| उत्तराखंड | ₹93.49 | +0.28 |
| पश्चिम बंगाल | ₹105.41 | 0.00 |
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी का घरेलू कीमतों पर असर
पिछले कुछ हफ्तों से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल के दामों में धीरे-धीरे वृद्धि देखी गई है। कई तेल उत्पादक देशों में उत्पादन में कमी, ओपेक के फैसले और भू-राजनीतिक तनावों ने ब्रेंट क्रूड को फिर से महंगा करना शुरू कर दिया है। भारत, जो अपनी जरूरत का 85% से अधिक तेल आयात करता है, ऐसी स्थितियों में तुरंत प्रभावित होता है। कच्चे तेल की छोटी-सी बढ़ोतरी भी देश के उपभोक्ताओं के बजट को झटका दे देती है, क्योंकि टैक्स संरचना के कारण कीमतों का भार सीधे जनता तक पहुंचता है।
राज्यवार टैक्स अंतर के कारण कीमतों में विभिन्नता
हालांकि राष्ट्रीय औसत ₹103.54 प्रति लीटर है, परंतु सभी राज्यों में पेट्रोल की कीमतें समान नहीं रहतीं।
इसके कुछ मुख्य कारण हैं:
- अलग-अलग राज्यों में वैट (VAT) की अलग दर
- परिवहन लागत
- स्थानीय टैक्स
- डीलर कमीशन
उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र, राजस्थान और केरल में ईंधन पर टैक्स अधिक होने के कारण पेट्रोल की कीमतें प्रायः अधिक रहती हैं, जबकि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में अपेक्षाकृत कम दरें देखने को मिलती हैं।
बढ़ती पेट्रोल कीमतों का आम जनता पर प्रभाव
- पेट्रोल महंगा होते ही इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ता है।
- आवागमन महंगा होता है – निजी वाहन उपयोगकर्ताओं का मासिक खर्च बढ़ जाता है।
- सार्वजनिक परिवहन किराए बढ़ने की संभावना – बसों, टैक्सियों और ऑटो रिक्शाओं के किराए में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
- महंगाई पर प्रभाव – पेट्रोल-डीजल महंगे होने से परिवहन लागत बढ़ती है और इससे खाद्य पदार्थों से लेकर घरेलू सामानों तक की कीमतें बढ़ने लगती हैं।
- बजट पर दबाव – मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग की मासिक आय का बड़ा हिस्सा ईंधन पर खर्च होने लगता है।
- पेट्रोल मूल्य वृद्धि का यह श्रृंखला प्रभाव देश की पूरी अर्थव्यवस्था पर वृहद असर डालता है।
क्या आने वाले दिनों में पेट्रोल और महंगा होगा?
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतें वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर रहेंगी। यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो पेट्रोल दर भी स्थिर रह सकता है। लेकिन अगर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है या ओपेक देशों ने उत्पादन में और कटौती की, तो पेट्रोल की कीमतें फिर ऊपर जा सकती हैं।