नए साल से पहले नारियल उगाने वाले किसानों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से बड़ी खुशखबरी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी की बैठक में 2026 सीजन के लिए कोपरा यानी सूखे नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा करने का फैसला लिया गया है। यह फैसला उन लाखों किसानों के लिए राहत भरा है जो नारियल की खेती पर निर्भर हैं और अपनी आजीविका चलाते हैं।
शुक्रवार 12 दिसंबर को हुई बैठक में सरकार ने मिलिंग कोपरा का एमएसपी 12,027 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा का एमएसपी 12,500 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। इससे किसानों को अपनी फसल बेचते समय बेहतर दाम मिलेंगे और उनकी आय में सीधी बढ़ोतरी होगी।
सरकार का किसानों के प्रति संकल्प
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस फैसले को किसान हितैषी बताते हुए कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह कदम किसानों को उत्पादन का उचित और लाभकारी मूल्य दिलाने की दिशा में उठाया गया है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस घोषणा की पुष्टि करते हुए बताया कि नेशनल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन और नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन इस योजना के तहत नोडल एजेंसियां होंगी और किसानों से सीधे कोपरा खरीदेंगी।
#Cabinet approves Minimum Support Price for Copra for 2026 season
The #MSP for Fair Average Quality of milling copra has been fixed at Rs.12,027/- per quintal and for ball copra at Rs.12,500/- per quintal for the 2026 season
-Union Minister @AshwiniVaishnaw#CabinetDecisions pic.twitter.com/GKjnB0UxWb
— PIB India (@PIB_India) December 12, 2025
कितनी हुई कीमत में बढ़ोतरी
पिछले साल के मुकाबले इस बार मिलिंग कोपरा की कीमत में 445 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। पहले यह 11,582 रुपए प्रति क्विंटल था जो अब बढ़कर 12,027 रुपए हो गया है। वहीं बॉल कोपरा में 400 रुपए की बढ़ोतरी हुई है और इसकी कीमत 12,100 रुपए से बढ़कर 12,500 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है।
यह बढ़ोतरी भले ही संख्या में कम लगे लेकिन किसानों के लिए यह काफी मायने रखती है क्योंकि इससे उनकी सालाना आय में अच्छा इजाफा होगा।
पिछले एक दशक में कितना बदला समर्थन मूल्य
अगर हम पिछले दस-बारह साल के आंकड़ों को देखें तो यह बदलाव और भी साफ नजर आता है। साल 2014 में जब मौजूदा सरकार सत्ता में आई थी तब मिलिंग कोपरा का एमएसपी मात्र 5,250 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा का 5,500 रुपए प्रति क्विंटल था। अब 2026 में यह बढ़कर क्रमशः 12,027 रुपए और 12,500 रुपए हो गया है।
इस तरह मिलिंग कोपरा में करीब 129 फीसदी और बॉल कोपरा में 127 फीसदी की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह आंकड़ा दिखाता है कि सरकार लगातार किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।
किन राज्यों के किसानों को होगा फायदा
भारत में नारियल की खेती मुख्य रूप से दक्षिण भारत के राज्यों में होती है। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गोवा जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर नारियल की खेती की जाती है। इन राज्यों में लाखों किसान और मजदूर इस उद्योग से जुड़े हुए हैं।
केरल में तो नारियल की खेती रोजगार का एक बड़ा साधन है। वहां के तटीय इलाकों में छोटे और मझोले किसान नारियल की खेती करके अपना गुजारा चलाते हैं। इसलिए एमएसपी में बढ़ोतरी से इन इलाकों के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
तमिलनाडु और कर्नाटक में भी नारियल उत्पादन अच्छा खासा होता है। वहां भी किसान इस घोषणा से काफी खुश हैं क्योंकि अब उन्हें बाजार में अच्छी कीमत मिलेगी और बिचौलियों के चक्कर में नहीं फंसना पड़ेगा।
खरीद की व्यवस्था कैसे होगी
सरकार ने किसानों से कोपरा खरीदने के लिए दो बड़ी एजेंसियों को जिम्मेदारी दी है। पहली है नेशनल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी नाफेड और दूसरी है नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी एनसीसीएफ।
ये दोनों संस्थाएं प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत किसानों से सीधे कोपरा खरीदेंगी। इससे किसानों को यह चिंता नहीं रहेगी कि अगर बाजार में दाम गिरे तो उनका नुकसान होगा। सरकार ने तय मूल्य पर खरीद की गारंटी दी है।
यह व्यवस्था पहले से चल रही है और किसानों को इसका फायदा मिल रहा है। अब एमएसपी बढ़ने से किसानों की कमाई में और इजाफा होगा।
उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कदम
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में नारियल तेल और इससे बने उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। नारियल तेल का इस्तेमाल खाना बनाने से लेकर सौंदर्य उत्पादों और दवाइयों में होता है। ऐसे में कोपरा का उत्पादन बढ़ाना जरूरी है।
एमएसपी में बढ़ोतरी से किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा कि वे नारियल की खेती में ज्यादा निवेश करें और उत्पादन बढ़ाएं। इससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ेगी बल्कि देश का नारियल उत्पादन भी बढ़ेगा।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह फैसला किसानों के साथ-साथ पूरे नारियल उद्योग के लिए फायदेमंद है। इससे उद्योग को स्थिर कच्चा माल मिलेगा और किसानों को बेहतर कीमत।
किसानों में खुशी की लहर
इस घोषणा के बाद नारियल उगाने वाले किसानों में खुशी की लहर है। कई किसान संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। केरल के किसान नेताओं ने कहा कि यह कदम किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी।
तमिलनाडु और कर्नाटक के किसानों ने भी इस फैसले को सकारात्मक बताया है। उनका कहना है कि इससे उन्हें बाजार की अनिश्चितता से बचने में मदद मिलेगी।
आगे की राह
सरकार का यह फैसला किसानों के लिए एक बड़ी राहत है लेकिन अभी और भी काम बाकी है। किसानों को समय पर भुगतान, खरीद केंद्रों की पहुंच और गुणवत्ता जांच में पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
अगर ये व्यवस्थाएं सही तरीके से काम करें तो नारियल किसानों का जीवन स्तर सुधर सकता है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह योजना जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू हो और हर किसान को इसका लाभ मिले।
कोपरा एमएसपी में बढ़ोतरी किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है कि सरकार उनकी परेशानियों को समझ रही है और उनके हित में फैसले ले रही है। अब देखना यह होगा कि यह योजना कितनी प्रभावी तरीके से लागू होती है।