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बीजेपी विधायक ने फिर से पुलिस को डंडे से पीटने का दिया निर्देश, तृणमूल पर साधा निशाना

West Bengal Politics: बीजेपी विधायक ने पुलिस को पीटने के लिए जनता से डंडे उठाने को कहा
West Bengal Politics: बीजेपी विधायक ने पुलिस को पीटने के लिए जनता से डंडे उठाने को कहा (File Photo)
बीजेपी विधायक स्वपन मजूमदार ने उत्तर 24 परगना के चांदपाड़ा में परिवर्तन सभा में पुलिस को डंडे से पीटने का निर्देश दिया। उन्होंने तृणमूल पर हमला करते हुए बदले की धमकी दी। तृणमूल के बिश्वजीत दास ने विधायक को समाज विरोधी बताया और कहा कि पुलिस के कारण ही ये गलत काम नहीं कर पा रहे हैं।
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पश्चिम बंगाल में एक बार फिर बीजेपी विधायक स्वपन मजूमदार विवादित बयान देकर चर्चा में आ गए हैं। बनगांव दक्षिण से बीजेपी विधायक स्वपन मजूमदार ने एक सार्वजनिक सभा में पुलिस को डंडे से पीटने का खुलेआम निर्देश दिया है। साथ ही तृणमूल कांग्रेस पर हमला करते हुए बदले और बदलाव की धमकी भी दी है। गुरुवार शाम को उत्तर 24 परगना के गाईघाटा थाना क्षेत्र के चांदपाड़ा बाजार में बीजेपी की ओर से परिवर्तन सभा के नाम से एक रैली का आयोजन किया गया था।

इस रैली को संबोधित करते हुए विधायक स्वपन मजूमदार ने जनता से कहा कि जहां भी पुलिस तृणमूल की बात सुनकर अन्याय करने जाए, गरीब और आम लोगों पर हमला करे, वहां सभी लोग एकजुट होकर डंडे उठाकर पुलिस को पीटें। यह बयान सीधे तौर पर कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला माना जा रहा है।

विधायक के विवादित बयान

स्वपन मजूमदार ने अपने भाषण में कहा कि जल्द ही बदलाव आने वाला है और जो पुलिसकर्मी दलाली कर रहे हैं, उन्हें खाल खींचकर बाहर लाया जाएगा। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो गुंडे यह सोच रहे हैं कि पुलिस उन्हें बचा लेगी, वे गलत सोच रहे हैं। पुलिस किसी को नहीं बचा पाएगी।

विधायक ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में बदलाव जरूर होगा और जो लोग गलत कामों में शामिल हैं, उनसे बदला लिया जाएगा। उनके इस बयान से साफ है कि वे राज्य में सत्ता परिवर्तन की बात कर रहे थे और विरोधियों को धमकी दे रहे थे।

तृणमूल का जवाबी हमला

स्वपन मजूमदार के इस विवादित बयान पर तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बनगांव संगठनात्मक जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष बिश्वजीत दास ने स्वपन मजूमदार को समाज विरोधी करार देते हुए कहा कि पुलिस की वजह से ही ये लोग पहले की तरह समाज विरोधी काम नहीं कर पा रहे हैं। इसी कारण ये ऐसे बयान दे रहे हैं।

बिश्वजीत दास ने कहा कि लोग इनकी बातें नहीं सुनते। इनके बयानों का कोई असर नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता अपनी गलत गतिविधियों को छुपाने के लिए पुलिस और प्रशासन पर हमला कर रहे हैं।

पुलिस को लेकर क्यों बयान

पश्चिम बंगाल में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि राज्य की पुलिस तृणमूल सरकार के इशारे पर काम करती है और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के साथ पक्षपात करती है। वहीं तृणमूल का कहना है कि बीजेपी नेता कानून व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

स्वपन मजूमदार का यह पहला विवादित बयान नहीं है। इससे पहले भी वे कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उनके ऐसे बयानों से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठते हैं।

राजनीतिक माहौल पर असर

पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले ऐसे बयान राजनीतिक माहौल को गरम कर सकते हैं। बीजेपी लगातार राज्य में सत्ता परिवर्तन की बात कर रही है और तृणमूल सरकार पर भ्रष्टाचार और तानाशाही के आरोप लगा रही है। वहीं तृणमूल कांग्रेस बीजेपी पर राज्य में अशांति फैलाने का आरोप लगाती है।

जनता की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों का कहना है कि नेताओं को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे कानून व्यवस्था पर सवाल उठे। पुलिस को पीटने के लिए कहना किसी भी तरह से सही नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि ये बयान सिर्फ वोट बैंक को साधने के लिए दिए जाते हैं।

हालांकि बीजेपी समर्थकों का कहना है कि पुलिस वाकई में पक्षपात करती है और आम लोगों के साथ अन्याय होता है। इसलिए लोगों को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए।

कानूनी पहलू

किसी सार्वजनिक मंच से पुलिस को पीटने का निर्देश देना कानूनी रूप से अपराध की श्रेणी में आ सकता है। यह भड़काऊ भाषण माना जा सकता है और इसके लिए कार्रवाई हो सकती है। हालांकि अभी तक पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

कानून विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बयान समाज में अशांति फैला सकते हैं और लोगों को हिंसा के लिए उकसा सकते हैं। किसी भी लोकतांत्रिक देश में ऐसे बयानों की अनुमति नहीं होनी चाहिए।

आगे क्या होगा

अब देखना होगा कि इस विवादित बयान पर प्रशासन और पुलिस क्या कदम उठाती है। क्या स्वपन मजूमदार के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी या यह मामला भी सियासी बयानबाजी में खत्म हो जाएगा। तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पश्चिम बंगाल की राजनीति में ऐसे बयान आम हो गए हैं। दोनों पक्ष एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हैं लेकिन ठोस कार्रवाई कम ही होती है। जनता इस सियासी लड़ाई से परेशान है और शांति और विकास की उम्मीद कर रही है।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।