महाराष्ट्र में लंबे समय से लंबित 29 नगर निगमों के चुनाव की आखिरकार घोषणा हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने एक पत्रकार सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि इन सभी नगर निगमों में 15 जनवरी को मतदान होगा और अगले ही दिन यानी 16 जनवरी को मतगणना करके परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। इस चुनाव में राज्यभर के करीब 3 करोड़ 48 लाख मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।
इन चुनावों की घोषणा के साथ ही आज से पूरे राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है। मुंबई और ठाणे जैसे बड़े शहरों सहित कुल 29 नगर निगमों में यह चुनाव होने हैं। यह चुनाव स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
पांच साल से लंबित थे चुनाव
महाराष्ट्र की इन 29 नगर निगमों के चुनाव पिछले पांच से सात वर्षों से लंबित पड़े थे। इसकी मुख्य वजह ओबीसी आरक्षण का मुद्दा था। इस मामले में कानूनी पेचीदगियां थीं जिसके कारण चुनाव नहीं हो पा रहे थे। लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है।
राज्य सरकार ने पहले चरण में 2 दिसंबर को नगरपालिकाओं और नगर परिषदों के चुनाव करा दिए थे। अब दूसरे चरण में इन 29 नगर निगमों के चुनाव कराए जा रहे हैं। यह चुनाव महाराष्ट्र की स्थानीय राजनीति के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं।
चुनाव का पूरा कार्यक्रम
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव का पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया है। नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 23 दिसंबर से शुरू होगी और 30 दिसंबर तक चलेगी। उम्मीदवारों के पास एक सप्ताह का समय होगा अपना नामांकन जमा करने के लिए।
31 दिसंबर को सभी नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। इसके बाद 2 जनवरी को उम्मीदवार चाहें तो अपना नाम वापस ले सकते हैं। यह नाम वापसी की अंतिम तारीख होगी। 3 जनवरी को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे और उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी।
इसके बाद उम्मीदवारों को करीब 12 दिन का समय मिलेगा चुनाव प्रचार के लिए। 15 जनवरी को मतदान होगा और अगले ही दिन 16 जनवरी को मतगणना करके परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
कितनी नगर निगमों में होंगे चुनाव
राज्य की 27 नगर निगमों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इन निगमों में नए चुनाव होने हैं। वहीं जालना और इचलकरंजी दो नई नगर निगमें हैं जहां पहली बार चुनाव होंगे। इस तरह कुल 29 नगर निगमों में चुनाव की तैयारियां चल रही हैं।
इन चुनावों में तीन करोड़ अड़तालीस लाख से ज्यादा मतदाता अपना वोट डालेंगे। यह संख्या बताती है कि यह चुनाव कितने बड़े स्तर पर होने वाले हैं। सभी बड़े शहर इन चुनावों में शामिल हैं।
मतदाता सूची और मतदान केंद्र
इन चुनावों के लिए 1 जुलाई 2025 की मतदाता सूची को मान्य माना जाएगा। यह सूची केंद्रीय निर्वाचन आयोग से प्राप्त हुई है। चूंकि यह केंद्रीय आयोग की सूची है इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग इसमें कोई संशोधन नहीं कर सकता।
पूरे राज्य में कुल 39,147 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें से केवल मुंबई नगर निगम में ही 10,111 मतदान केंद्र होंगे। यह संख्या बताती है कि मुंबई में कितने बड़े स्तर पर यह चुनाव होने वाला है।
मुंबई में अलग होगी व्यवस्था
मुंबई नगर निगम में एक-सदस्यीय वार्ड प्रणाली है। इसका मतलब है कि यहां के मतदाताओं को सिर्फ एक ही वोट देना होगा। हर वार्ड से एक ही प्रतिनिधि चुना जाएगा।
लेकिन बाकी नगर निगमों में यह व्यवस्था अलग है। अन्य नगर निगमों में एक से लेकर पांच सदस्यीय वार्ड हैं। इसका मतलब कुछ वार्डों से एक प्रतिनिधि चुना जाएगा तो कुछ से पांच तक प्रतिनिधि चुने जा सकते हैं।
नामांकन की प्रक्रिया
राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया है कि उम्मीदवारों को नामांकन केवल ऑफलाइन करना होगा। ऑनलाइन नामांकन की कोई सुविधा नहीं होगी। उम्मीदवारों को खुद या अपने प्रतिनिधि के माध्यम से निर्वाचन कार्यालय जाकर नामांकन पत्र जमा करने होंगे।
एक और अहम बात यह है कि जिन उम्मीदवारों के पास जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं है, उन्हें यह चुनाव के छह महीने के भीतर जमा करना अनिवार्य होगा। अगर कोई उम्मीदवार आरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहा है तो उसके लिए यह प्रमाणपत्र जरूरी होगा।
राजनीतिक महत्व
यह चुनाव राज्य की राजनीति के लिए बेहद अहम हैं। मुंबई और ठाणे जैसे बड़े शहरों के नगर निगम प्रशासनिक और आर्थिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन शहरों का बजट कई राज्यों के बजट से भी बड़ा होता है।
सभी राजनीतिक दल इन चुनावों को लेकर गंभीर हैं। भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और अन्य दल अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं। ये चुनाव आने वाले समय की राजनीति की दिशा तय कर सकते हैं।
तैयारियां जोरों पर
आचार संहिता लागू होने के साथ ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पार्टी कार्यालयों में बैठकों का दौर चल रहा है।
प्रशासन की ओर से भी पूरी तैयारी की जा रही है। मतदान केंद्रों की सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक मशीनों की व्यवस्था और अन्य जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव पूरी पारदर्शिता से हों।
यह चुनाव महाराष्ट्र के शहरी क्षेत्रों के विकास की दिशा तय करेंगे। नई नगर निगमों को मिलने वाले जनप्रतिनिधि अगले पांच साल तक अपने शहरों का नेतृत्व करेंगे।