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Silver Rate Today: भारत में चांदी की कीमतों में उछाल, निवेश से लेकर घरेलू बजट तक बढ़ी चिंता

Silver Rate Today: भारत में चांदी की कीमतों में उछाल
Silver Rate Today: भारत में चांदी की कीमतों में उछाल
भारत में चांदी की कीमत आज ₹203.10 प्रति ग्राम पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार, रुपये-डॉलर के उतार-चढ़ाव और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी ने दामों को प्रभावित किया है। इसका असर आम उपभोक्ता, आभूषण उद्योग और निवेश रणनीतियों पर साफ दिखाई दे रहा है।
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Silver Rate Today: भारत में आज चांदी की कीमत ₹203.10 प्रति ग्राम और ₹2,03,100 प्रति किलोग्राम दर्ज की गई है। यह आंकड़ा केवल एक धातु के मूल्य को नहीं दर्शाता, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय बाजार और आम उपभोक्ता के आपसी रिश्ते की कहानी भी कहता है। चांदी हमेशा से भारत में केवल आभूषण या धार्मिक उपयोग तक सीमित नहीं रही है, बल्कि यह बचत, निवेश और परंपरा का भी प्रतीक रही है। ऐसे में इसके दामों में होने वाला हर उतार-चढ़ाव आम आदमी से लेकर बड़े निवेशक तक को प्रभावित करता है।

चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी का संकेत क्या कहता है

हाल के दिनों में चांदी के दामों में जो तेजी देखने को मिल रही है, वह केवल घरेलू मांग का परिणाम नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों में हलचल, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं इसके प्रमुख कारण हैं। जब डॉलर मजबूत होता है और रुपया कमजोर पड़ता है, तो आयातित धातुओं की कीमतें अपने आप बढ़ जाती हैं। चांदी भी इसी श्रेणी में आती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार की भूमिका

चांदी की कीमतें काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं। अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरों से जुड़े फैसले, वैश्विक मंदी की आशंका और भू-राजनीतिक तनाव चांदी की मांग को प्रभावित करते हैं। जब निवेशक जोखिम से बचने के लिए सुरक्षित विकल्प तलाशते हैं, तो सोने के साथ-साथ चांदी की ओर भी रुख करते हैं। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में स्थिरता के बावजूद, मुद्रा विनिमय दर में बदलाव चांदी को महंगा बना देता है।

रुपये और डॉलर का समीकरण

भारतीय बाजार में चांदी के दाम तय करने में रुपये और डॉलर का रिश्ता बेहद अहम है। यदि डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है और अंतरराष्ट्रीय कीमतें स्थिर रहती हैं, तब भी चांदी के दाम बढ़ जाते हैं। इसका सीधा असर आभूषण कारोबारियों और घरेलू खरीदारों पर पड़ता है। यही वजह है कि आज की कीमत केवल बाजार की मांग नहीं, बल्कि मुद्रा की चाल का भी नतीजा है।

आम लोगों पर असर

भारत में चांदी का इस्तेमाल केवल निवेश तक सीमित नहीं है। ग्रामीण इलाकों में यह आज भी बचत का पारंपरिक साधन मानी जाती है। पायल, बिछिया, अंगूठी और पूजा-पाठ में इस्तेमाल होने वाली चांदी आम घरों का हिस्सा है। कीमतों में बढ़ोतरी का मतलब है कि त्योहारों और शादी-ब्याह के मौसम में खरीदारी महंगी होगी। इससे घरेलू बजट पर दबाव बढ़ सकता है।

भारतीय प्रमुख शहरों में आज चांदी के दाम

शहर 10 ग्राम (₹) 100 ग्राम (₹) 1 किलोग्राम (₹)
चेन्नई 2,151 21,510 2,15,100
मुंबई 2,031 20,310 2,03,100
दिल्ली 2,031 20,310 2,03,100
कोलकाता 2,031 20,310 2,03,100
बेंगलुरु 2,031 20,310 2,03,100
हैदराबाद 2,151 21,510 2,15,100
केरल 2,151 21,510 2,15,100
पुणे 2,031 20,310 2,03,100
वडोदरा 2,031 20,310 2,03,100
अहमदाबाद 2,031 20,310 2,03,100
जयपुर 2,031 20,310 2,03,100
लखनऊ 2,031 20,310 2,03,100
कोयंबटूर 2,151 21,510 2,15,100
मदुरै 2,151 21,510 2,15,100
विजयवाड़ा 2,151 21,510 2,15,100
पटना 2,031 20,310 2,03,100
नागपुर 2,031 20,310 2,03,100
चंडीगढ़ 2,031 20,310 2,03,100
सूरत 2,031 20,310 2,03,100
भुवनेश्वर 2,151 21,510 2,15,100

निवेश के नजरिये से चांदी

बीते कुछ वर्षों में निवेशकों के बीच चांदी की लोकप्रियता बढ़ी है। कम कीमत और औद्योगिक उपयोग के कारण इसे सोने का विकल्प माना जाने लगा है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर ऊर्जा और ऑटोमोबाइल उद्योग में चांदी की बढ़ती मांग इसे दीर्घकालिक निवेश के रूप में आकर्षक बनाती है। आज की कीमतें यह संकेत देती हैं कि निवेशक एक बार फिर चांदी को सुरक्षित विकल्प के रूप में देख रहे हैं।

आभूषण उद्योग की स्थिति

चांदी के दाम बढ़ने से आभूषण उद्योग पर भी असर पड़ता है। छोटे कारीगर और व्यापारी बढ़ती लागत से जूझते हैं। हालांकि, मांग पूरी तरह खत्म नहीं होती, बल्कि लोग वजन कम करके या डिजाइन बदलकर खरीदारी करते हैं। यह बदलाव बाजार के व्यवहार को भी दर्शाता है।

आगे क्या संकेत मिलते हैं

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता बनी रहती है और डॉलर मजबूत रहता है, तो चांदी की कीमतों में और उतार-चढ़ाव संभव है। निवेशकों के लिए यह समय सतर्कता और समझदारी से निर्णय लेने का है। केवल भावनाओं के आधार पर निवेश करने के बजाय बाजार की दिशा को समझना जरूरी है।

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Dipali Kumari

दीपाली कुमारी पिछले तीन वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में कार्यरत हैं। उन्होंने रांची के गोस्सनर कॉलेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। सामाजिक सरोकारों, जन-जागरूकता और जमीनी मुद्दों पर लिखने में उनकी विशेष रुचि है। आम लोगों की आवाज़ को मुख्यधारा तक पहुँचाना और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों को धारदार लेखन के माध्यम से सामने लाना उनका प्रमुख लक्ष्य है।