दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की चर्चित अभिनेत्री श्रीलीला ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक गंभीर मुद्दा उठाया है। उन्होंने सभी सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से अपील की है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की मदद से बनाई गई ऐसी सामग्री का समर्थन न करें जो महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाती है। बुधवार को अपने एक्स अकाउंट पर लिखे गए संदेश में अभिनेत्री ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि तकनीक का दुरुपयोग महिलाओं के खिलाफ किया जा रहा है।
तकनीक के दुरुपयोग पर चिंता
श्रीलीला ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि तकनीक का इस्तेमाल और दुरुपयोग में बहुत फर्क है। उन्होंने कहा कि तकनीक में हो रहे विकास का उद्देश्य जीवन को आसान बनाना है न कि उसे जटिल बनाना। लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोग इस तकनीक का गलत इस्तेमाल कर रही हैं और ऐसी सामग्री तैयार कर रहे हैं जो बेहद परेशान करने वाली और विनाशकारी है।
24 वर्षीय अभिनेत्री ने हाथ जोड़कर सभी सोशल मीडिया यूजर्स से निवेदन किया कि वे AI द्वारा बनाई गई इस तरह की बकवास सामग्री को समर्थन न दें। उन्होंने कहा कि हर लड़की किसी की बेटी, पोती, बहन, दोस्त या सहकर्मी है, भले ही उसने अपना पेशा कला के क्षेत्र में चुना हो।
— Sreeleela (@sreeleela14) December 17, 2025
फिल्म इंडस्ट्री में सुरक्षित माहौल की मांग
अभिनेत्री ने अपने बयान में कहा कि वे एक ऐसी इंडस्ट्री का हिस्सा बनना चाहती हैं जो खुशियां फैलाती हो और जहां उन्हें यह विश्वास हो कि वे सुरक्षित वातावरण में काम कर रही हैं। श्रीलीला ने कहा कि महिलाओं को कला के क्षेत्र में काम करने के लिए एक सम्मानजनक और संरक्षित माहौल मिलना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि अपने व्यस्त शेड्यूल के कारण वे ऑनलाइन हो रही कई चीजों से अनजान थीं। उन्होंने अपने शुभचिंतकों का धन्यवाद किया जिन्होंने इस मामले को उनके ध्यान में लाया। श्रीलीला ने कहा कि वे हमेशा चीजों को हल्के में लेती रही हैं और अपनी दुनिया में रहती आई हैं, लेकिन यह मामला बेहद परेशान करने वाला और विनाशकारी है।
कानूनी कार्रवाई की तैयारी
अभिनेत्री ने अपने संदेश के अंत में संकेत दिया कि उन्होंने इस मामले में कानूनी सहायता मांगी है। उन्होंने कहा कि अब अधिकारी इस मामले को संभालेंगे। श्रीलीला ने गरिमा और मर्यादा के साथ अपने दर्शकों से अपील की कि वे उनके साथ खड़े रहें और इस तरह की सामग्री का समर्थन न करें।
यह मामला एक बार फिर उस गंभीर समस्या को सामने लाता है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग से पैदा हो रही है। डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर लोग मशहूर हस्तियों की नकली और आपत्तिजनक तस्वीरें व वीडियो बना रहे हैं जो उनकी छवि को नुकसान पहुंचाती हैं।
डीपफेक तकनीक का बढ़ता खतरा
पिछले कुछ समय से भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में कई अभिनेत्रियां डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग का शिकार हो चुकी हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल कर लोग महिला कलाकारों की तस्वीरों और वीडियो में हेरफेर करते हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं। यह न केवल उन महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाता है बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है।
डीपफेक एक प्रकार की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक है जिसमें किसी व्यक्ति के चेहरे या आवाज को किसी दूसरे वीडियो या ऑडियो में इस तरह से डाला जाता है कि वह असली लगे। इस तकनीक का सकारात्मक उपयोग भी हो सकता है लेकिन कुछ लोग इसका गलत फायदा उठा रहे हैं।
महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं
श्रीलीला का यह बयान उस समय आया है जब देश में महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर महिलाओं को निशाना बनाकर अपमानजनक सामग्री बनाई जा रही है जो उनकी निजता और गरिमा दोनों को नुकसान पहुंचाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की जरूरत है। साथ ही लोगों को जागरूक करना भी जरूरी है कि वे ऐसी सामग्री को शेयर न करें और न ही उसका समर्थन करें।
श्रीलीला का फिल्मी सफर
अपने करियर की बात करें तो श्रीलीला दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में तेजी से उभरती हुई अभिनेत्री हैं। उन्हें हाल ही में भानु बोगावरपु की तेलुगु एक्शन कॉमेडी फिल्म मास जठारा में रवि तेजा के साथ देखा गया था। फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया था।
अब श्रीलीला अनुराग बसु के निर्देशन में बनने वाली एक फिल्म में काम करने वाली हैं। इस फिल्म में उनके साथ बॉलीवुड स्टार कार्तिक आर्यन भी होंगे। यह फिल्म उनके करियर में एक नया मोड़ साबित हो सकती है।
समाज की जिम्मेदारी
श्रीलीला के इस साहसिक कदम ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर हमारी क्या जिम्मेदारी है। डिजिटल युग में जहां तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है वहीं इसके दुरुपयोग ने नई समस्याएं भी खड़ी की हैं।
हर व्यक्ति को यह समझना होगा कि तकनीक का इस्तेमाल जिम्मेदारी से करना चाहिए। किसी भी व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री को शेयर करना न केवल गलत है बल्कि कानूनी रूप से भी अपराध है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी इस दिशा में सख्त कदम उठाने की जरूरत है। उन्हें ऐसी सामग्री को तुरंत हटाना चाहिए और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही सरकार को भी इस तरह के अपराधों के लिए सख्त सजा का प्रावधान करना चाहिए ताकि लोगों में डर पैदा हो और वे ऐसा करने से पहले सौ बार सोचें।
श्रीलीला का यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है। उन्होंने न केवल अपनी आवाज उठाई बल्कि सभी महिलाओं की तरफ से इस समस्या को सामने लाया। उम्मीद है कि उनकी यह अपील लोगों तक पहुंचेगी और समाज में बदलाव आएगा।