Mandoli Jail Suicide: पूर्वी दिल्ली की मंडोली जेल से मंगलवार देर रात आई एक खबर ने न केवल जेल प्रशासन, बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। जेल संख्या 13 में बंद एक कैदी ने शौचालय में गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान संतोष कमल के रूप में हुई है, जो पिछले चार वर्षों से हत्या के प्रयास के एक मामले में न्यायिक हिरासत में था।
यह घटना सिर्फ एक कैदी की मौत नहीं है, बल्कि उस व्यवस्था पर गंभीर सवाल है, जो न्याय देने से पहले ही किसी व्यक्ति को मानसिक रूप से तोड़ देती है।
शौचालय में मिला शव, देर रात मची हलचल
मंगलवार रात जब जेल परिसर अपेक्षाकृत शांत था, उसी दौरान यह घटना हुई। संतोष कमल का शव जेल के शौचालय में गमछे से लटका मिला। जैसे ही इसकी सूचना मिली, जेल प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया। पुलिस ने तुरंत शव को कब्जे में लेकर गुरु तेग बहादुर अस्पताल भेज दिया।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया गया है, ताकि मौत के कारणों को लेकर किसी भी तरह की शंका न रहे।
चार साल की कैद और अनकहा मानसिक दबाव
पुलिस के अनुसार, संतोष कमल पिछले चार वर्षों से मंडोली जेल की जेल संख्या 13 में बंद था। इतने लंबे समय तक न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना किसी भी व्यक्ति के लिए मानसिक रूप से बेहद थकाने वाला हो सकता है। जेल में बंद कैदियों के लिए समय केवल दिन नहीं, बल्कि उम्मीद और निराशा के बीच का संघर्ष बन जाता है।
अदालत की सुनवाई से ठीक पहले मौत
परिवार ने बताया कि 18 दिसंबर को संतोष के मामले में अदालत में सुनवाई होनी थी। ऐसे समय में उसकी मौत ने स्वजनों को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिवार का कहना है कि उन्हें इस तरह की किसी आशंका की जानकारी नहीं थी।
बुधवार को जेल प्रशासन ने संतोष कमल की मौत की सूचना उसके परिवार को फोन के जरिए दी। यह खबर सुनते ही परिवार स्तब्ध रह गया। स्वजन का कहना है कि वे अब तक इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आखिर जेल के भीतर ऐसा कैसे हो गया।
मंडोली जेल में हुई यह घटना कोई पहली नहीं है, जब किसी कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई हो। इससे पहले भी देश की विभिन्न जेलों से आत्महत्या और अप्राकृतिक मौत की खबरें सामने आती रही हैं।