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भोपाल में रोजगार सहायकों का प्रशासनिक व्यय 6 से 9 प्रतिशत बढ़ा, वेतन भुगतान में नहीं होगी देरी

MGNREGA Administrative Expenses: रोजगार सहायकों के प्रशासनिक व्यय में बड़ी बढ़ोतरी, वेतन समस्या का समाधान
MGNREGA Administrative Expenses: रोजगार सहायकों के प्रशासनिक व्यय में बड़ी बढ़ोतरी, वेतन समस्या का समाधान (Image Source: PIB)
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रोजगार सहायकों के प्रशासनिक व्यय को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया। इससे 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि वेतन भुगतान के लिए सुरक्षित रहेगी। मनरेगा में अब 125 दिन रोजगार की गारंटी है। पहले वेतन भुगतान फिर अन्य खर्च का प्रावधान किया गया है।
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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को भोपाल में एक बड़ी घोषणा करते हुए रोजगार सहायकों के प्रशासनिक व्यय को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया है। इस फैसले से देशभर के लाखों रोजगार सहायकों, पंचायत सचिवों और तकनीकी कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है। अलग-अलग राज्यों से आए रोजगार सहायकों ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की और इस निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया।

वेतन भुगतान में देरी की समस्या का समाधान

रोजगार सहायकों और पंचायत कर्मचारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या समय पर वेतन न मिलना रही है। कई बार महीनों तक वेतन रुका रहता था, जिससे उनके परिवारों को काफी परेशानी होती थी। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्री ने प्रशासनिक व्यय को डेढ़ गुना करने का फैसला लिया है।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि यह बढ़ोतरी सिर्फ कागजी नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर जमीनी स्तर पर दिखेगा। कुल प्रस्तावित बजट 1 लाख 51 हजार 282 करोड़ रुपये में से अब 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि कर्मचारियों के वेतन और प्रशासनिक जरूरतों के लिए सुरक्षित रहेगी।

MGNREGA Administrative Expenses: रोजगार सहायकों के प्रशासनिक व्यय में बड़ी बढ़ोतरी, वेतन समस्या का समाधान
MGNREGA Administrative Expenses: रोजगार सहायकों के प्रशासनिक व्यय में बड़ी बढ़ोतरी, वेतन समस्या का समाधान (Image Source: PIB)

पहले वेतन फिर अन्य खर्च का प्रावधान

केंद्रीय मंत्री ने एक महत्वपूर्ण बात कही कि अब नियमों में ऐसा प्रावधान किया गया है कि पहले कर्मचारियों का वेतन दिया जाएगा, उसके बाद ही अन्य खर्च किए जाएंगे। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करेगी कि वेतन भुगतान में किसी प्रकार की देरी न हो।

श्री चौहान ने यह भी कहा कि प्रशासनिक खर्च में किसी भी प्रकार का अपव्यय नहीं होगा। जीप-गाड़ी या अन्य अनावश्यक मदों में खर्च पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। राज्य सरकारों के साथ समन्वय करके आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे ताकि यह व्यवस्था ठीक से लागू हो सके।

MGNREGA Administrative Expenses: रोजगार सहायकों के प्रशासनिक व्यय में बड़ी बढ़ोतरी, वेतन समस्या का समाधान
MGNREGA Administrative Expenses: रोजगार सहायकों के प्रशासनिक व्यय में बड़ी बढ़ोतरी, वेतन समस्या का समाधान (Image Source: PIB)

मनरेगा में बड़े बदलाव

केंद्रीय मंत्री ने मनरेगा योजना में किए गए बदलावों की जानकारी देते हुए बताया कि अब 100 दिनों के बजाय 125 दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी दी गई है। यह 25 दिनों की अतिरिक्त गारंटी ग्रामीण मजदूरों के लिए एक बड़ी राहत है।

इसके साथ ही किसानों की समस्या को भी ध्यान में रखा गया है। खेती के पीक सीजन में जब कटाई-बुवाई का समय होता है, तब मजदूरों की कमी हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अधिकतम 60 दिन तक मजदूरों को कृषि कार्य में लगाने के लिए अधिसूचना जारी कर सकें।

विकसित भारत रोजगार योजना की खासियत

श्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित भारत जी राम जी योजना को एक ऐतिहासिक योजना बताया। यह योजना अब विधेयक से आगे बढ़कर अधिनियम बन चुकी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस योजना को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि यह योजना ग्रामीण विकास के लिए एक मजबूत कदम है।

रोजगार गारंटी मजबूत

इस नई योजना के तहत रोजगार की गारंटी को और अधिक मजबूत बनाया गया है। यदि किसी कारणवश रोजगार नहीं मिलता है, तो बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान पहले की तुलना में कहीं अधिक पुख्ता किया गया है। यह सुनिश्चित करता है कि ग्रामीण मजदूरों को किसी भी स्थिति में आर्थिक सहायता मिलेगी।

मजदूरी भुगतान में सख्ती

मजदूरी भुगतान को लेकर भी बहुत सख्त प्रावधान किए गए हैं। यदि 15 दिन के भीतर मजदूरी का भुगतान नहीं होता है और राशि लंबित रहती है, तो मजदूर को अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाएगा। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि मजदूरी महीनों तक अटकी नहीं रहेगी।

मजदूरी में नियमित वृद्धि

मौजूदा मजदूरी दरें जारी रहेंगी और हर साल मजदूरी में बढ़ोतरी होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने पिछले पांच वर्षों में मजदूरी में करीब 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। आगे भी एक तय फार्मूले के आधार पर हर साल वृद्धि होती रहेगी।

चार प्रकार के विकास कार्य

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत चार प्रकार के काम किए जाएंगे। पहले प्रकार के काम जल संरक्षण और पानी बचाने से जुड़े होंगे। इनमें तालाब, चेक डैम और अन्य संरचनाएं शामिल होंगी। पानी की समस्या को हल करना ग्रामीण विकास के लिए बहुत जरूरी है।

दूसरे प्रकार के काम बुनियादी ढांचे से जुड़े होंगे। स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, सड़क, नाली और गांव के अन्य जरूरी निर्माण कार्य इसमें शामिल हैं। आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं और किसान उत्पादक संगठनों के लिए भी जरूरी संरचनाएं बनाई जाएंगी।

तीसरे प्रकार के काम आजीविका आधारित होंगे। ये काम रोजगार को आगे बढ़ाने में सहायक होंगे और लोगों को स्थायी रोजगार के अवसर मिलेंगे। चौथे प्रकार के काम प्राकृतिक आपदाओं से बचाव से जुड़े होंगे। इनमें रिटेनिंग वॉल, ड्रेनेज सिस्टम और नदी-नालों से संबंधित संरचनाएं शामिल होंगी।

गांव खुद तय करेगा अपना विकास

श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच को दोहराते हुए कहा कि विकास के काम जमीन पर दिखने चाहिए। विकसित ग्राम पंचायत योजना के तहत सभी योजनाएं बैठकर बनाई जाएंगी और गांव के विकास का फैसला गांव ही करेगा। यह एक लोकतांत्रिक तरीका है जिससे वास्तविक जरूरतों के अनुसार विकास हो सकेगा।

राज्य सरकारों से समन्वय

केंद्रीय मंत्री ने रोजगार सहायकों से कहा कि इस संदेश को सही तरीके से नीचे तक पहुंचाया जाए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सुझावों पर राज्य सरकारों से चर्चा कर आगे भी सुधार किए जाते रहेंगे। पंचायत स्तर पर कार्यरत कर्मचारी पूरी क्षमता से काम कर सकें, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

योजना को व्यावहारिक बनाना

पुरानी कमियों को दूर करके VB-GRAM-G योजना को अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया है। प्रशासनिक व्यय बढ़ाकर जमीनी स्तर पर काम कर रहे साथियों की परेशानियों को कम करने की दिशा में यह एक ठोस कदम है।

यह बदलाव ग्रामीण भारत के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। जब रोजगार सहायक और पंचायत कर्मचारी बिना किसी चिंता के अपना काम करेंगे, तो योजनाओं का क्रियान्वयन भी बेहतर होगा। अंततः इसका लाभ गांव के लोगों को मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।