Bee Attack: ग्रामीण जीवन आमतौर पर शांत और प्रकृति के साथ तालमेल में चलने वाला माना जाता है, लेकिन जब प्रकृति का संतुलन बिगड़ता है तो वही शांत वातावरण अचानक भय का कारण बन जाता है। ऐसा ही एक दृश्य गुरुवार दोपहर उत्तर प्रदेश के औरेय में बेला-रसूलाबाद मार्ग पर स्थित ग्राम पिपरौली में देखने को मिला, जहां पेड़ पर लगे मधुमक्खियों के छत्ते में हुई छेड़छाड़ के बाद मधुमक्खियों के झुंड ने लोगों पर हमला कर दिया। कुछ ही मिनटों में सड़क, खेत और दुकानें अफरातफरी का गवाह बन गईं।
इस हमले में 10 से अधिक ग्रामीण और राहगीर जख्मी हो गए, जबकि तीन मवेशी भी मधुमक्खियों के डंक से घायल हुए हैं। राहत की बात यह रही कि किसी की हालत गंभीर नहीं हुई और सभी का घरेलू उपचार किया गया। लेकिन घटना ने ग्रामीणों को यह एहसास जरूर करा दिया कि लापरवाही या छोटी-सी छेड़छाड़ भी कितनी बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है।
बेला-रसूलाबाद मार्ग पर अचानक मचा हड़कंप
घटना गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे की है। बेला-रसूलाबाद मार्ग पर ग्राम पिपरौली शिव के सामने स्थित एक पेड़ पर लंबे समय से मधुमक्खियों का बड़ा छत्ता लगा हुआ था। दोपहर के समय अचानक मधुमक्खियां उग्र हो गईं और सड़क से गुजर रहे लोगों पर झुंड बनाकर हमला करने लगीं।
हमले से बचने के लिए लोग इधर-उधर भागते नजर आए। कुछ राहगीर अपने वाहन सड़क पर ही छोड़कर खेतों की ओर दौड़ पड़े, तो कुछ दुकानों और घरों में घुसकर जान बचाने की कोशिश करने लगे। इस अफरातफरी के कारण कुछ समय के लिए मार्ग पर यातायात भी ठप हो गया।
छत्ते से छेड़छाड़ बना हमले की वजह
ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ पर लगा मधुमक्खियों का छत्ता काफी पुराना था और अब तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा था। आशंका जताई जा रही है कि किसी बंदर या पक्षी ने छत्ते में हरकत कर दी, जिससे मधुमक्खियां भड़क उठीं।
चक्की संचालक ठाकुर और पड़ोसी दुकानदार विवेक ने बताया कि छत्ता सड़क के बिल्कुल किनारे पेड़ पर था। संभव है कि किसी जानवर की वजह से छत्ते में हलचल हुई हो, जिसके बाद मधुमक्खियों ने आसपास के पूरे इलाके को अपना निशाना बना लिया।
राहगीर, पशुपालक और किसान बने शिकार
इस अप्रत्याशित हमले में राह चलते चार लोग भी चपेट में आ गए। वहीं पशुपालन कर रहे ग्रामीण और खेतों में काम कर रहे किसान भी मधुमक्खियों के डंक से नहीं बच सके। मधुमक्खियां नजदीकी खेतों की ओर भी पहुंच गईं और वहां मौजूद किसानों पर भी हमला कर दिया।
घायल लोगों में रचना पुत्री लाखन सिंह निवासी पिपरौली, दीनदयाल, महेश निवासी ककरहिया, मिट्ठू निवासी हृदयपुरवा समेत 10 से अधिक लोग शामिल हैं। पिपरौली निवासी लाखन सिंह की दो भैंसें भी डंक लगने से जख्मी हो गईं।
दुकानें बंद कर भागे दुकानदार
मधुमक्खियों के हमले से पूरे इलाके में दहशत फैल गई। सड़क किनारे स्थित दुकानदारों ने आनन-फानन में अपनी दुकानें बंद कीं और सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। कुछ देर बाद जब मधुमक्खियों का प्रकोप कम हुआ, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह हमला ज्यादा देर तक चलता तो हालात और भी गंभीर हो सकते थे।
कोई गंभीर नहीं, घरेलू उपचार से राहत
घटना के बाद घायलों को स्थानीय स्तर पर ही उपचार दिया गया। चूंकि किसी की हालत गंभीर नहीं थी, इसलिए अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ी। ग्रामीणों ने पारंपरिक घरेलू उपायों से डंक के असर को कम किया।
हालांकि, इस घटना के बाद गांव में यह चर्चा तेज हो गई है कि सड़क किनारे और आबादी के पास लगे पुराने मधुमक्खी छत्तों को लेकर प्रशासन और वन विभाग को सतर्कता बरतनी चाहिए।