पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर गरमाहट देखने को मिल रही है। कांग्रेस नेता शुभंकर सरकार ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर तीखे प्रहार करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है। उन्होंने संविधान, लोकतंत्र, गरीबों के अधिकार और धार्मिक सद्भावना जैसे विषयों को लेकर अपनी चिंता जताई है।
विधानसभा और लोकसभा की निष्पक्षता पर सवाल
शुभंकर सरकार ने आरोप लगाया कि देश की लोकतांत्रिक संस्थाएं अपनी निष्पक्षता खो चुकी हैं। उनका कहना है कि विधानसभा और लोकसभा जैसी संस्थाएं जनता के हितों की रक्षा करने में विफल हो रही हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब देशभर में राजनीतिक माहौल गरम है और चुनावी सरगर्मियां तेज हो रही हैं।
मनरेगा का नाम बदलने पर विरोध
कांग्रेस नेता ने मनरेगा योजना के नाम में बदलाव को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए बनी इस योजना का नाम बदलकर राम का बदनाम किया जा रहा है। मनरेगा योजना देशभर में गरीब मजदूरों के लिए रोजगार का एक बड़ा स्रोत रही है। इस योजना में किसी भी तरह का बदलाव गरीबों के हितों के खिलाफ माना जा रहा है।
कांग्रेस की सत्ता में वापसी का दावा
शुभंकर सरकार ने दावा किया कि बहुत जल्द कांग्रेस सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्तारूढ़ दल उनकी पार्टी को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। इसके विरोध में पूरे देश में आंदोलन होगा जो गरीबों के स्वार्थ में होगा। यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
राज्य में तीन साल से काम बंद होने का आरोप
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पिछले तीन सालों से राज्य में विकास कार्य पूरी तरह से रुके हुए हैं। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि दोनों सरकारें आपसी राजनीति में उलझी हैं और जनता के विकास की अनदेखी कर रही हैं।
भ्रष्टाचार पर चुप्पी का सवाल
शुभंकर सरकार ने सवाल उठाया कि अगर चोरी हुई है तो ईडी और सीबीआई काम क्यों नहीं कर रहे हैं। वहीं अगर चोरी नहीं हुई है तो राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं जा रही है। यह सवाल राज्य में चल रही जांच और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर शुभंकर सरकार ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा के लिए बीजेपी क्या कर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि जब इस्कॉन मंदिर के साधु को परेशान किया गया था तब वे खुद दूतावास गए थे।
प्रियंका गांधी के प्रयासों की सराहना
शुभंकर सरकार ने प्रियंका गांधी वाड्रा की सराहना करते हुए कहा कि वे लगातार बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस राज्य में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न होता है तो बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ेगा।
सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल
कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या सर्जिकल स्ट्राइक केवल वोट के लिए की गई थी। यह बयान राजनीतिक बहस को और गरम कर सकता है।
संविधान का पाठ और गृहयुद्ध की चेतावनी
शुभंकर सरकार ने कहा कि उन्होंने संविधान का पाठ किया है और सभी को अपनी जिम्मेदारियां सीखनी चाहिए। उन्होंने एक मंत्री के बांस लेकर मारने वाले बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि अगर कल किसी को बांस से मारा गया तो वह मंत्री जेल नहीं जाएगा। राज्य सरकार को इस तरह के बयानों पर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि यह देश को गृहयुद्ध की ओर ले जा रहा है।
कानून के रास्ते पर चलने की अपील
उन्होंने पूछा कि अगर उस मंत्री की बेटी इस तरह की मारपीट में घायल हो जाए तो क्या होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी को कानून के रास्ते पर चलना चाहिए।
संवैधानिक अधिकारों की बात
शुभंकर सरकार ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि हर व्यक्ति को किसी भी जगह जाने का अधिकार है। यह एक लोकतांत्रिक देश है और किसी भी राजनीतिक दल का नेता दूसरे दल में जा सकता है। इसलिए नौशाद अलीमुद्दीन अगर कहीं जाते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
रबींद्रनाथ टैगोर का अपमान
कांग्रेस नेता ने आसाम में अपनी पार्टी के एक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी का जिक्र किया जो रबींद्रनाथ टैगोर का गीत गा रहा था। उन्होंने कहा कि रबींद्रनाथ के बारे में कटूक्ति करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। बांग्लादेश में भी कुछ लोग टैगोर के खिलाफ बोल रहे हैं लेकिन देश में कवि गुरु का अपमान करने पर कोई सजा नहीं होती।
कला और संस्कृति पर हमला
शुभंकर सरकार ने कहा कि जब शासक डर जाता है तो शिल्प और संस्कृति पर हमला होता है। उन्होंने राजीव गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने हुसैन पर हमले के खिलाफ विरोध किया था।
एसआईटी पर राजनीतिक डकैती का आरोप
अंत में उन्होंने एसआईटी को पूरी तरह से राजनीतिक डकैती करार दिया। उन्होंने राहुल गांधी के वोट चोर और गद्दी चोर वाले बयान का समर्थन किया।