शहर की सड़कों पर यातायात नियमों को लेकर लगातार बढ़ती लापरवाही के बीच आज यातायात पुलिस ने ऑपरेशन यू-टर्न के तहत एक व्यापक और सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस अभियान में हजारों वाहन चालकों की जांच की गई और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। यह अभियान सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
3500 चालकों का ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट
अभियान के दौरान यातायात पुलिस ने कुल 3500 वाहन चालकों का ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट किया। इस जांच में 38 मामलों में ड्रंक एंड ड्राइव यानी शराब पीकर वाहन चलाने के मामले सामने आए। ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं और दर्शाते हैं कि कैसे लोग अपनी और दूसरों की जान को खतरे में डालकर सड़कों पर उतर रहे हैं। शराब के नशे में गाड़ी चलाना न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह गंभीर दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण भी बनता है।

तेज रफ्तार और लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई
तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने वालों को भी पुलिस ने नहीं बख्शा। ऐसे 10 मामलों में भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 के तहत कड़ी कार्रवाई की गई। यह धारा सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाने को गंभीर अपराध मानती है। तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में जानलेवा साबित हो सकता है।
हेलमेट नहीं पहनने वालों पर सबसे ज्यादा कार्रवाई
अभियान में सबसे अधिक 1050 मामले बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने के पाए गए। यह संख्या चिंताजनक है और बताती है कि लोग अपनी सुरक्षा को लेकर कितने लापरवाह हैं। हेलमेट दुर्घटना के समय सिर की चोटों से बचाव का सबसे प्रभावी साधन है, फिर भी लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।
अन्य उल्लंघनों के आंकड़े
गलत दिशा में वाहन चलाने के 90 मामले दर्ज किए गए, जो दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण बनता है। ट्रिपल सवारी के 40 मामले भी सामने आए, जो दोपहिया वाहनों पर अत्यधिक बोझ और असंतुलन पैदा करता है। बिना अनुमति चल रहे भारी वाहनों के 70 मामलों में चालान काटे गए।
नाबालिगों के खिलाफ कोई मामला नहीं
सकारात्मक बात यह रही कि अभियान में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने का कोई मामला नहीं पाया गया। यह दर्शाता है कि अभिभावक इस मामले में सचेत हो रहे हैं।
यातायात पुलिस की अपील
यातायात पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे यातायात नियमों का सख्ती से पालन करें और सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। केवल चालान के डर से नहीं, बल्कि अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए नियमों का पालन आवश्यक है।
यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।