31 December Silver Price: साल का आखिरी दिन अक्सर निवेशकों के लिए बीते महीनों का हिसाब लगाने और आने वाले समय की रणनीति बनाने का मौका होता है। 31 दिसंबर 2025 की सुबह चांदी के बाजार से जो संकेत मिले, वे थोड़े हैरान करने वाले जरूर हैं, लेकिन पूरी तरह अप्रत्याशित नहीं। घरेलू बाजार में चांदी की कीमत गिरकर 2,39,900 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है।
यह गिरावट ऐसे समय पर आई है, जब साल भर चांदी ने तेज उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों को आकर्षित किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी का हाजिर भाव 75.85 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है, जो वैश्विक स्तर पर मजबूत मांग और सीमित आपूर्ति की कहानी बयान करता है।
वैश्विक बाजार का संकेत: मजबूती के बीच हल्का दबाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का भाव 75.85 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचना इस बात का संकेत है कि दीर्घकालिक मांग अभी भी मजबूत बनी हुई है। वैश्विक स्तर पर चांदी केवल एक कीमती धातु नहीं, बल्कि औद्योगिक जरूरतों का अहम हिस्सा भी है।
हालांकि, डॉलर की मजबूती और वैश्विक वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता के कारण अल्पकालिक दबाव देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि घरेलू बाजार में कीमतें थोड़ी नीचे आई हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी अब भी मजबूत आधार पर टिकी हुई है।
भारत के मुख्य शहरों में चांदी के भाव
| शहर | 10 ग्राम (₹) | 100 ग्राम (₹) | 1 किलोग्राम (₹) |
|---|---|---|---|
| लखनऊ | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| जयपुर | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| दिल्ली | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| पटना | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| मुंबई | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| अहमदाबाद | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| पुणे | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| कोलकाता | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| मेरठ | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| लुधियाना | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| गुवाहाटी | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| जलगांव | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| इंदौर | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| कानपुर | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| सूरत | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| नागपुर | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| चंडीगढ़ | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| नासिक | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| बैंगलोर | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
| अयोध्या | ₹2,399 | ₹23,990 | ₹2,39,900 |
औद्योगिक मांग: चांदी की असली ताकत
चांदी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल आभूषण या निवेश तक सीमित नहीं है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में हरित ऊर्जा और डिजिटल ढांचे के विस्तार के साथ चांदी की औद्योगिक खपत और तेज होगी। यही कारण है कि कीमतों में गिरावट के बावजूद बाजार में चांदी को लेकर भरोसा बना हुआ है।
आपूर्ति की चुनौती: वैश्विक कमी का असर
चांदी की कीमतों को सहारा देने वाला एक बड़ा कारण इसकी सीमित आपूर्ति भी है। दुनिया के कई हिस्सों में खनन लागत बढ़ रही है और नए खदानों से उत्पादन उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ पा रहा।
रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी के अनुसार, निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है, लेकिन चांदी को ढांचागत आपूर्ति की दिक्कतों और मजबूत औद्योगिक मांग से समर्थन मिलता रहेगा। खासकर सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और डेटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में इसकी जरूरत लगातार बढ़ रही है।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखती है यह गिरावट
31 दिसंबर को आई यह गिरावट डर का नहीं, बल्कि समझदारी का संकेत देती है। जो निवेशक लंबे समय के लिए चांदी में भरोसा रखते हैं, उनके लिए यह स्तर खरीदारी का अवसर हो सकता है।
हालांकि, अल्पकालिक निवेशकों को यह समझना जरूरी है कि चांदी की कीमतें वैश्विक संकेतों पर बहुत तेजी से प्रतिक्रिया करती हैं। इसलिए जल्दबाजी में फैसला लेने के बजाय बाजार की दिशा को ध्यान से देखना बेहतर रहेगा।
नया साल और चांदी की संभावनाएं
नए साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था, ब्याज दरों की दिशा, औद्योगिक उत्पादन और हरित ऊर्जा से जुड़ी नीतियां चांदी के दाम तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी। यदि सोलर और तकनीकी क्षेत्रों में निवेश बढ़ता है, तो चांदी की मांग और मजबूत हो सकती है।
साल के आखिरी दिन की गिरावट यह याद दिलाती है कि बाजार हमेशा एक सीध में नहीं चलता। उतार-चढ़ाव के बीच ही अवसर छिपे होते हैं, बस जरूरत है सही नजरिए और धैर्य की।
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