Petrol Price Today: देश की आर्थिक नब्ज माने जाने वाले ईंधन के दाम एक बार फिर चर्चा में हैं। 31 दिसंबर को मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.50 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई, जो बीते दिन के 103.54 रुपये प्रति लीटर के मुकाबले मामूली गिरावट को दर्शाती है। भले ही यह कमी बहुत बड़ी न लगे, लेकिन आम उपभोक्ता के लिए हर पैसा मायने रखता है, खासकर ऐसे समय में जब महंगाई पहले से ही घरेलू बजट पर दबाव बनाए हुए है।
पिछले दस दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पेट्रोल के दाम 103.50 से 103.54 रुपये प्रति लीटर के बीच ही घूमते रहे हैं। यानी बाजार में कोई बड़ी राहत नहीं मिली है, बल्कि एक सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव जारी है।
पिछले दस दिनों का रुझान: स्थिरता के बीच मामूली बदलाव
अगर पिछले दस दिनों के पेट्रोल दामों को समझें, तो साफ होता है कि कीमतों में न तो तेज उछाल आया और न ही बड़ी गिरावट। यह संकेत देता है कि फिलहाल तेल विपणन कंपनियां कीमतों को स्थिर रखने की कोशिश कर रही हैं। यह स्थिति उपभोक्ताओं के लिए थोड़ी राहत और थोड़ी निराशा दोनों लेकर आती है। राहत इसलिए कि दाम अचानक नहीं बढ़े, और निराशा इसलिए कि लंबे समय से लोग जिस बड़ी कटौती की उम्मीद कर रहे थे, वह अभी पूरी नहीं हुई है।
अन्य राज्यों और जिलों में क्या स्थिति
देश के अलग-अलग राज्यों और जिलों में पेट्रोल के दाम अलग-अलग होते हैं। इसकी वजह राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले कर हैं। उपभोक्ता आज के पेट्रोल दाम अपने राज्य और जिले के अनुसार देख सकते हैं, जिनमें सभी कर पहले से शामिल होते हैं।
यह तुलना उपभोक्ताओं को यह समझने में मदद करती है कि उनके क्षेत्र में पेट्रोल महंगा क्यों है और अन्य राज्यों की तुलना में वे कहां खड़े हैं।
भारत में राज्यवार पेट्रोल के दाम
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | पेट्रोल की कीमत (₹/लीटर) | कीमत में बदलाव |
|---|---|---|
| अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह | ₹82.46 | कोई बदलाव नहीं |
| आंध्र प्रदेश | ₹109.63 | ₹0.11 की गिरावट |
| अरुणाचल प्रदेश | ₹90.66 | ₹0.31 की गिरावट |
| असम | ₹98.24 | ₹0.04 की गिरावट |
| बिहार | ₹105.23 | ₹0.30 की गिरावट |
| चंडीगढ़ | ₹94.30 | कोई बदलाव नहीं |
| छत्तीसगढ़ | ₹99.44 | कोई बदलाव नहीं |
| दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव | ₹92.44 | ₹0.07 की बढ़ोतरी |
| दिल्ली | ₹94.77 | कोई बदलाव नहीं |
| गोवा | ₹96.71 | ₹0.13 की बढ़ोतरी |
| गुजरात | ₹94.62 | ₹0.03 की गिरावट |
| हरियाणा | ₹95.95 | कोई बदलाव नहीं |
| हिमाचल प्रदेश | ₹95.32 | कोई बदलाव नहीं |
| जम्मू और कश्मीर | ₹96.75 | ₹0.26 की बढ़ोतरी |
| झारखंड | ₹97.86 | ₹0.19 की गिरावट |
| कर्नाटक | ₹102.92 | ₹0.06 की गिरावट |
| केरल | ₹107.48 | कोई बदलाव नहीं |
| लद्दाख | ₹102.71 | ₹1.38 की गिरावट |
| लक्षद्वीप | ₹100.75 | कोई बदलाव नहीं |
| मध्य प्रदेश | ₹106.52 | ₹0.19 की बढ़ोतरी |
| महाराष्ट्र | ₹103.50 | ₹0.04 की गिरावट |
| मणिपुर | ₹99.31 | ₹0.12 की बढ़ोतरी |
| मेघालय | ₹96.33 | ₹0.01 की बढ़ोतरी |
| मिजोरम | ₹99.26 | कोई बदलाव नहीं |
| नागालैंड | ₹97.74 | ₹0.14 की गिरावट |
| ओडिशा | ₹101.11 | ₹0.14 की बढ़ोतरी |
| पुडुचेरी | ₹96.32 | ₹0.06 की बढ़ोतरी |
| पंजाब | ₹98.28 | ₹0.05 की गिरावट |
| राजस्थान | ₹104.62 | ₹0.10 की गिरावट |
| सिक्किम | ₹103.30 | कोई बदलाव नहीं |
| तमिलनाडु | ₹100.90 | ₹0.33 की गिरावट |
| तेलंगाना | ₹107.46 | कोई बदलाव नहीं |
| त्रिपुरा | ₹97.53 | ₹0.04 की गिरावट |
| उत्तर प्रदेश | ₹94.73 | ₹0.04 की बढ़ोतरी |
| उत्तराखंड | ₹93.50 | ₹0.01 की बढ़ोतरी |
| पश्चिम बंगाल | ₹105.41 | कोई बदलाव नहीं |
मुंबई में पेट्रोल क्यों रहता है महंगा
मुंबई जैसे महानगर में पेट्रोल की कीमत देश के कई अन्य शहरों की तुलना में अधिक रहती है। इसकी सबसे बड़ी वजह राज्य कर और स्थानीय टैक्स हैं। पेट्रोल की खुदरा कीमत में केंद्र सरकार का उत्पाद शुल्क, राज्य सरकार का वैट और डीलर कमीशन शामिल होता है।
महाराष्ट्र में लगने वाले करों के कारण पेट्रोल की कीमत पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम स्थिर रहने के बावजूद मुंबई में पेट्रोल अपेक्षाकृत महंगा बना रहता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार और घरेलू कीमतों का संबंध
पेट्रोल की कीमतें केवल देश के भीतर के कारणों से तय नहीं होतीं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति और वैश्विक राजनीतिक घटनाएं भी इसमें अहम भूमिका निभाती हैं।
हाल के दिनों में कच्चे तेल के दाम एक सीमित दायरे में रहे हैं, जिसका असर घरेलू बाजार में भी दिखा है। इसी कारण पेट्रोल के दामों में केवल मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।
आम आदमी पर असर: राहत या बोझ
मुंबई जैसे शहर में पेट्रोल की कीमत सीधे तौर पर परिवहन खर्च को प्रभावित करती है। टैक्सी, ऑटो, बस और माल ढुलाई की लागत पेट्रोल के दाम से जुड़ी होती है। जब कीमतें स्थिर रहती हैं, तो किराए में अचानक बढ़ोतरी की आशंका कम हो जाती है।
हालांकि, निजी वाहन चलाने वालों के लिए 103 रुपये से ऊपर का पेट्रोल अब भी एक बड़ा खर्च है। महीने के अंत में बजट बनाते समय यह राशि साफ दिखाई देती है।