Khaleda Zia Funeral: बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली और चर्चित चेहरों में शामिल रहीं पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख खालिदा जिया को आज ढाका में अंतिम विदाई दी जाएगी। उनके निधन की खबर के साथ ही न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि दक्षिण एशिया की राजनीति में एक युग के अंत का एहसास गहराता जा रहा है।
खालिदा जिया का निधन 80 वर्ष की आयु में मंगलवार सुबह हुआ। वे पिछले करीब 20 दिनों से गंभीर रूप से बीमार थीं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं। लंबे समय से अस्वस्थ रहने के बावजूद उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि वे एक बार फिर इस कठिन दौर से उबर जाएंगी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। उनके निधन के बाद बांग्लादेश सरकार ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की, जिससे देशभर में शोक की छाया फैल गई।
ढाका में अंतिम संस्कार की तैयारियां और राष्ट्रीय शोक
ढाका में आज होने वाले अंतिम संस्कार को लेकर व्यापक तैयारियां की गई हैं। खालिदा जिया को संसद परिसर में उनके पति और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की कब्र के पास दफनाया जाएगा। यह स्थान न केवल पारिवारिक महत्व रखता है, बल्कि बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास का भी एक अहम प्रतीक माना जाता है। सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि राष्ट्रीय शोक के दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी आधिकारिक कार्यक्रम स्थगित रहेंगे।
शहर के कई हिस्सों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि अंतिम यात्रा और जनाजे के दौरान किसी तरह की अव्यवस्था न हो। प्रशासन को उम्मीद है कि बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ेंगे।
एवरकेयर अस्पताल से गुलशन तक अंतिम यात्रा
खालिदा जिया का पार्थिव शरीर ढाका के एवरकेयर अस्पताल से उनके बड़े बेटे और BNP के कार्यकारी अध्यक्ष तारीक रहमान के गुलशन एवेन्यू स्थित आवास ले जाया गया। लाल-हरे राष्ट्रीय ध्वज में लिपटा उनका पार्थिव शरीर एक विशेष फ्रीजर वैन में रखा गया था। सुबह करीब 8 बजकर 55 मिनट पर अस्पताल से रवाना हुई यह वैन लगभग 9 बजकर 16 मिनट पर गुलशन पहुंची। रास्ते भर समर्थक मौन श्रद्धांजलि देते नजर आए और कई लोगों की आंखें नम थीं।
संसद भवन में जनाजा, जुटेंगे देश के दिग्गज
गुलशन स्थित आवास से पार्थिव शरीर को बाद में ढाका के जातीय संसद भवन के साउथ प्लाजा ले जाया जाएगा। दोपहर 2 बजे वहां नमाज़-ए-जनाजा अदा की जाएगी। इसमें बांग्लादेश के वरिष्ठ राजनीतिक नेता, विभिन्न दलों के प्रतिनिधि, पार्टी कार्यकर्ता और आम नागरिक शामिल होंगे। यह जनाजा सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और ऐतिहासिक क्षण भी होगा, जहां विचारधाराओं से ऊपर उठकर लोग एक नेता को अंतिम सलाम करेंगे।
भारत की ओर से एस. जयशंकर की मौजूदगी
खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल होंगे। वे भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए ढाका पहुंचेंगे और पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में खालिदा जिया की भूमिका हमेशा चर्चा में रही है। उनके कार्यकाल में दोनों देशों के संबंधों में उतार-चढ़ाव जरूर आए, लेकिन वे क्षेत्रीय राजनीति की एक मजबूत आवाज बनी रहीं।
राजनीति से परे एक निजी क्षति
राजनीतिक जीवन में खालिदा जिया जितनी सख्त और दृढ़ मानी जाती थीं, निजी जीवन में उतनी ही संघर्षशील भी रहीं। पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद उन्होंने राजनीति की बागडोर संभाली और एक महिला नेता के रूप में बांग्लादेश की सत्ता तक का सफर तय किया। कई बार सत्ता में रहीं, कई बार जेल गईं, लेकिन राजनीति से कभी पूरी तरह दूर नहीं हुईं। आज उनके जाने से बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा खालीपन महसूस किया जा रहा है।