नागपुर शहर के चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी क्षति हो गई है। शहर के जाने-माने मस्तिष्क एवं रीढ़ की हड्डी के शल्य चिकित्सक डॉ. चंद्रशेखर पाखमोडे का अचानक निधन हो गया। इस दुखद घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने इस घटना को अत्यंत आकस्मिक, धक्कादायक और दुखद बताते हुए पूरे चिकित्सा जगत की ओर से संवेदना प्रकट की है।
चिकित्सा क्षेत्र में एक महान व्यक्तित्व का अंत
डॉ. पाखमोडे मध्य भारत के चिकित्सा क्षेत्र में एक जाना-पहचाना नाम थे। उन्होंने अपनी सटीक निदान पद्धति और जटिल शल्यक्रियाओं में असाधारण कौशल के कारण हजारों मरीजों का विश्वास जीता था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने शोक संदेश में कहा कि डॉक्टर पाखमोडे ने मरीजों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण रखते हुए अपनी सेवाएं दीं। यही कारण था कि वे न केवल एक कुशल चिकित्सक थे, बल्कि मरीजों के लिए एक विश्वसनीय साथी भी थे।
नागपुर में पिछले 25 वर्षों से भी अधिक समय तक निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा देने वाले डॉक्टर पाखमोडे ने अनगिनत जटिल और कठिन शल्यक्रियाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। उनकी विशेषता मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की सर्जरी में थी, जो चिकित्सा विज्ञान के सबसे जटिल क्षेत्रों में से एक मानी जाती है।
हजारों मरीजों को मिला नया जीवन
डॉ. चंद्रशेखर पाखमोडे ने अपने लंबे करियर में हजारों मरीजों का इलाज किया। उन्होंने ऐसी जटिल सर्जरी की, जिनमें सफलता की संभावना बहुत कम होती है। लेकिन उनके कुशल हाथों और अनुभव ने अनेक मरीजों को नया जीवन दिया। उनकी सफलता की कहानियां नागपुर और आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय रहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर पाखमोडे की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे केवल एक चिकित्सक नहीं थे, बल्कि मरीजों की पीड़ा को समझने वाले एक संवेदनशील इंसान थे। वे हर मरीज से आत्मीयता से जुड़ते थे और उनकी समस्याओं को गंभीरता से समझते थे। यह गुण उन्हें अन्य चिकित्सकों से अलग बनाता था।
गरीब मरीजों के लिए देवदूत
डॉ. पाखमोडे की सबसे बड़ी पहचान यह थी कि वे गरीब और सामान्य वर्ग के मरीजों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं थे। उनके लिए मरीज की आर्थिक स्थिति कभी बाधा नहीं बनी। वे गरीब मरीजों का इलाज पूरी लगन और समर्पण से करते थे। कई बार उन्होंने ऐसे मरीजों की मुफ्त में सर्जरी की, जो इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ थे।
यह सेवाभाव उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी पहचान था। नागपुर के आम लोगों के बीच वे एक ऐसे चिकित्सक के रूप में जाने जाते थे, जो पैसे से पहले मानवता को महत्व देते थे। उनकी इस सोच ने उन्हें लोगों के दिलों में एक खास जगह दिलाई।
सौम्य स्वभाव और आत्मीय व्यवहार
डॉ. चंद्रशेखर पाखमोडे केवल एक कुशल सर्जन ही नहीं थे, बल्कि अत्यंत सौम्य स्वभाव के इंसान भी थे। उनका व्यवहार हर किसी के साथ मधुर और आत्मीय होता था। मरीज उनसे मिलकर न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी सहज महसूस करते थे। उनकी मुस्कान और सकारात्मक बातें मरीजों को उम्मीद और हौसला देती थीं।
चिकित्सा जगत में उनके सहयोगी और जूनियर डॉक्टर भी उन्हें एक आदर्श के रूप में देखते थे। वे हमेशा नए चिकित्सकों का मार्गदर्शन करते थे और अपने अनुभव साझा करते थे। उनकी विनम्रता और सादगी उनके व्यक्तित्व की खासियत थी।
मुख्यमंत्री का भावुक संदेश
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने शोक संदेश में कहा कि डॉक्टर पाखमोडे का जाना व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तरों पर अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि एक समर्पित, सेवाभावी विशेषज्ञ और पारिवारिक मित्र के रूप में डॉक्टर पाखमोडे की कमी हमेशा खलेगी। मुख्यमंत्री ने प्रार्थना की कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।
यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री का डॉक्टर पाखमोडे के साथ व्यक्तिगत संबंध भी था। उन्होंने उन्हें एक पारिवारिक मित्र के रूप में याद किया, जो उनके प्रति गहरे सम्मान और स्नेह को दर्शाता है।
चिकित्सा जगत की बड़ी क्षति
डॉ. पाखमोडे का निधन न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे चिकित्सा जगत के लिए एक बड़ा झटका है। नागपुर और आसपास के क्षेत्रों में न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने अपने कार्यकाल में न केवल मरीजों की सेवा की, बल्कि नए चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित किया।
उनके निधन से जो रिक्तता उत्पन्न हुई है, उसे भरना आसान नहीं होगा। नागपुर के चिकित्सा समुदाय ने इस नुकसान को गहराई से महसूस किया है। अनेक चिकित्सकों और स्वास्थ्य संस्थानों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
समाज के लिए एक आदर्श
डॉ. चंद्रशेखर पाखमोडे का जीवन समाज के लिए एक आदर्श है। उन्होंने अपने कार्यों से यह साबित किया कि चिकित्सा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम है। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।
उनका जीवन यह संदेश देता है कि सफलता केवल धन और प्रसिद्धि में नहीं, बल्कि दूसरों की सेवा और मानवता में है। डॉक्टर पाखमोडे ने अपने काम से यह दिखाया कि एक व्यक्ति अपने समर्पण और सेवाभाव से समाज में स्थायी प्रभाव छोड़ सकता है।
अंतिम विदाई
डॉ. चंद्रशेखर पाखमोडे के परिवार, मित्रों, सहयोगियों और हजारों कृतज्ञ मरीजों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। उनकी याद हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगी। नागपुर का चिकित्सा जगत उनके बिना अधूरा लगेगा, लेकिन उनके आदर्श और सेवाभाव की विरासत हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित पूरा महाराष्ट्र डॉक्टर पाखमोडे के परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में खड़ा है। उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं।