मराठा आरक्षण पर फडणवीस का बयान – “कानूनी रूप से टिकाऊ समाधान, समाज को मिलेगा न्याय”
मुंबई – Fadnavis on Maratha Reservation: मराठा समाज के आरक्षण मुद्दे पर लंबे समय से चल रहे आंदोलन के बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया है कि मंत्रिमंडल उपसमिति ने इस मामले में एक संवैधानिक और कानूनी रूप से टिकाऊ समाधान खोज लिया है।
Fadnavis on Maratha Reservation: फडणवीस ने बताया कि हैदराबाद गजट लागू करने की प्रक्रिया पहले से ही तैयार थी, लेकिन “सरसकट आरक्षण” की मांग कानूनन संभव नहीं थी। उन्होंने दो टूक कहा कि आरक्षण किसी समूह को नहीं, बल्कि पात्र व्यक्तियों को दिया जाता है। इसी सिद्धांत के आधार पर अब जिन परिवारों के पूर्वजों का उल्लेख कुणबी के रूप में दर्ज होगा, उन्हें आरक्षण का लाभ उठाने हेतु प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
मराठवाड़ा और ओबीसी समाज को बड़ा संदेश – Fadnavis on Maratha Reservation
Fadnavis on Maratha Reservation: फडणवीस ने माना कि इस फैसले से विशेष रूप से मराठवाड़ा और उन इलाकों के लोग लाभान्वित होंगे, जहां रिकॉर्ड की कमी के कारण पात्रता साबित करना कठिन हो रहा था।
साथ ही उन्होंने ओबीसी समाज को आश्वस्त किया कि उनका आरक्षण प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसी भी स्थिति में सामाजिक संघर्ष खड़ा नहीं होने देगी।
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आंदोलन और सरकार की भूमिका
मराठा आंदोलन के चलते मुंबई और अन्य हिस्सों में नागरिकों को हुई असुविधा पर उपमुख्यमंत्री ने खेद जताया। उन्होंने मंत्रिमंडल उपसमिति के सभी सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल समाज को न्याय देना है।
Fadnavis on Maratha Reservation: फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार आलोचना या दबाव से प्रभावित होकर नहीं, बल्कि संतुलित और समाजहितकारी निर्णय लेने की नीति पर आगे बढ़ती रहेगी।
संपादकीय दृष्टिकोण | Fadnavis on Maratha Reservation
मराठा आरक्षण का यह समाधान एक तरफ कानूनी मजबूती देता है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश भी करता है। सरकार का यह निर्णय उन परिवारों के लिए राहत है जो पीढ़ियों से अधिकार की मांग कर रहे थे। हालांकि, आगे की राह आसान नहीं होगी, क्योंकि आरक्षण का मुद्दा हमेशा से राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर संवेदनशील रहा है।