EOU Raid Siwan: भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, करोड़ों की Illegal Property का खुलासा
सिवान, 24 सितंबर।
बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान को आज एक बड़ी सफलता मिली, जब Economic Offences Unit (EOU) और साइबर अपराध इकाई ने संयुक्त रूप से सिवान जिले में बिजली विभाग के Engineer विवेकानंद के तीन ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह 11 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चली और इसमें करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति (Illegal Property) का खुलासा हुआ।
कार्रवाई की पूरी कहानी
आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों ने बताया कि विवेकानंद, जो वर्तमान में विद्युत अधीक्षण अभियंता (Superintending Engineer, Samastipur) के पद पर कार्यरत हैं, पर लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। आरोप था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की है।
जांच में पाया गया कि अभियंता की ज्ञात वैध आय लगभग ₹2 करोड़ 14 लाख है, जबकि उनके पास चल-अचल संपत्ति की कीमत ₹4 करोड़ 87 लाख 33 हजार 345 रुपये आंकी गई। यानी, उनकी आय और संपत्ति के बीच 77.84% का अंतर सामने आया।
EOU Raid Siwan: किन ठिकानों पर हुई छापेमारी?
यह छापेमारी सिवान के शांति गांव लक्ष्मीपुर स्थित मकान और रासिचक में बने घर समेत कुल तीन ठिकानों पर की गई। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, संपत्ति से जुड़े कागजात और लेन-देन के साक्ष्य बरामद किए गए।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, आसपास के इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने भी इस पूरे घटनाक्रम को नजदीक से देखा और इसे “भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट” बताया।
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बिहार सरकार का संदेश
बिहार सरकार लगातार यह दावा करती रही है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ Zero Tolerance Policy अपनाई जा रही है। हाल के महीनों में Economic Offences Unit Bihar ने कई अधिकारियों और कर्मियों पर शिकंजा कसा है। यह कार्रवाई उसी कड़ी का हिस्सा मानी जा रही है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सरकार आगामी विधानसभा चुनावों से पहले “Clean Image” का संदेश देना चाहती है। ऐसे में उच्च पदों पर बैठे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करके यह दिखाने की कोशिश हो रही है कि कानून सबके लिए बराबर है।

वेब स्टोरी:
जनता की प्रतिक्रिया
इस छापेमारी की खबर पूरे सिवान और आसपास के जिलों में तेजी से फैल गई। सोशल मीडिया पर लोग इस मामले पर खुलकर अपनी राय दे रहे हैं। कई लोगों ने सरकार के कदम की सराहना की और कहा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को कठोर सजा मिलनी चाहिए। वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना था कि सिर्फ छापेमारी काफी नहीं है, बल्कि ऐसे मामलों में जल्द से जल्द चार्जशीट दायर कर कोर्ट में सुनवाई होनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचारियों को सख्त सजा मिल सके।
आगे की कार्रवाई
आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि बरामद दस्तावेजों और संपत्तियों की विस्तृत जांच की जाएगी। अगर जांच में और भी गड़बड़ियां सामने आती हैं, तो अभियंता विवेकानंद और उनके परिजनों पर कानूनी कार्रवाई को और तेज किया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति और प्रशासनिक हलचल को प्रभावित कर सकता है। क्योंकि अगर ऐसे उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों पर कार्रवाई होती है, तो यह अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए भी चेतावनी का काम करेगा।
निष्कर्ष
सिवान में हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित किया है कि EOU Raid Siwan भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्ती का बड़ा उदाहरण है। करोड़ों की Illegal Property का खुलासा सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार की तस्वीर भी दिखाता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जांच कितनी पारदर्शी रहती है और अभियंता विवेकानंद पर आगे क्या कानूनी कदम उठाए जाते हैं।