पुतिन ने मोदी को बताया ‘बुद्धिमान मित्र’, कहा– भारत के नुकसान की भरपाई रूस करेगा कृषि व औषधीय आयात से

Putin: पुतिन ने मोदी को बुद्धिमान मित्र बताया, कहा कि रूस भारत के नुकसान की भरपाई के लिए कृषि और औषधि उत्पादों का आयात करेगा
Putin: पुतिन ने मोदी को बुद्धिमान मित्र बताया, कहा कि रूस भारत के नुकसान की भरपाई के लिए कृषि और औषधि उत्पादों का आयात करेगा
अक्टूबर 3, 2025

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा है कि भारत और रूस के संबंध “विशेष” हैं और दोनों देशों के बीच कभी भी तनाव की स्थिति नहीं रही है। पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना “बुद्धिमान और संतुलित मित्र” बताते हुए आश्वस्त किया कि भारत को अमेरिकी प्रशासन द्वारा लगाए गए भारी शुल्क से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई रूस करेगा। इसके लिए रूस भारत से अधिक कृषि और औषधीय उत्पादों का आयात करने पर विचार कर रहा है।

दक्षिण रूस के सोची शहर में आयोजित वाल्दाई डिस्कशन फोरम में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि भारत-रूस रिश्तों की जड़ें आपसी विश्वास और समानता में निहित हैं। इस मंच पर 140 देशों से आए सुरक्षा व भू-राजनीतिक विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिसमें भारत के प्रतिनिधि भी शामिल थे।

मोदी को बताया संतुलित और राष्ट्रीय हितों से जुड़ा नेता

रूसी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, “हमारे भारत के साथ कभी कोई समस्या या अंतर-राज्यीय तनाव नहीं रहा। प्रधानमंत्री मोदी संतुलित, बुद्धिमान और राष्ट्रहित में सोचने वाले नेता हैं। उनके साथ बातचीत हमेशा सहज और भरोसेमंद रहती है।”

पुतिन ने भारत के उस फैसले की भी सराहना की, जिसमें भारत ने अमेरिकी दबाव को दरकिनार करते हुए रूस से कच्चे तेल का आयात जारी रखा। उनके अनुसार, इस निर्णय ने भारत की वैश्विक पहचान एक संप्रभु और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में और मज़बूत की है।

अमेरिका के नए शुल्क और भारत पर असर

यह बयान ऐसे समय आया है जब डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रशासन ने भारत पर नए व्यापार शुल्क लागू कर दिए हैं। 1 अक्टूबर से लागू इन शुल्कों में दवाओं, फर्नीचर और भारी ट्रकों पर आयात कर में बढ़ोतरी शामिल है। पुतिन ने कहा कि इन प्रतिबंधों से भारत को भले ही नुकसान हो, लेकिन रूस उसके लिए नए अवसर लेकर खड़ा है।

उनके अनुसार, “अमेरिकी दंडात्मक शुल्क से भारत को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई रूस से बढ़े हुए कृषि और औषधीय आयात से होगी। साथ ही, कच्चे तेल की आपूर्ति भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करेगी।”

रूस-भारत व्यापार संतुलन सुधारने की कोशिश

पुतिन ने संकेत दिया कि रूस भारत से अधिक कृषि उत्पाद और दवाइयों का आयात कर सकता है ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि रूस की प्राथमिकता भारत के साथ संबंधों को गहराई देना है और किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव को इन रिश्तों के बीच नहीं आने दिया जाएगा।

अमेरिका पर सीधा संदेश

वाल्दाई मंच पर पुतिन ने अमेरिका को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी दी कि भारत जैसे बड़े और गर्वीले राष्ट्र पर कोई दबाव काम नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “अगर भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति को ठुकराता है, तो उसे निश्चित रूप से भारी नुकसान होगा। लेकिन मैं जानता हूं कि भारत की जनता और प्रधानमंत्री मोदी कभी भी किसी के सामने अपमानजनक स्थिति स्वीकार नहीं करेंगे।”

दिसंबर में भारत यात्रा की तैयारी

यह बयान पुतिन ने उस समय दिया जब वह दिसंबर में होने वाली अपनी भारत यात्रा की तैयारी कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस दौरे में दोनों देशों के बीच ऊर्जा, रक्षा, फार्मा और कृषि क्षेत्र में कई बड़े समझौते होंगे।

भारत-रूस संबंधों में स्थिरता

विशेषज्ञों का मानना है कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत और रूस दोनों ही देश एक-दूसरे के लिए रणनीतिक सहयोगी बने हुए हैं। अमेरिका और पश्चिमी देशों की नीतियों के बावजूद, भारत-रूस साझेदारी न सिर्फ बरकरार है, बल्कि और गहरी हो रही है।

रूस का यह रुख भारत के लिए राहत भरा संदेश है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका ने व्यापार मोर्चे पर दबाव बढ़ा दिया है। पुतिन के बयान ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले समय में भारत-रूस संबंध और मज़बूत होंगे और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था एक-दूसरे के लिए नए अवसर पैदा करेगी।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com