हिंसक झड़प में RJD अध्यक्ष घायल
भागलपुर – Tilka Manjhi University Violence ने पूरे विश्वविद्यालय परिसर में तनाव पैदा कर दिया है। गुरुवार को छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प में RJD अध्यक्ष Lalu Yadav गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका इलाज फिलहाल सदर अस्पताल में चल रहा है।
छात्र राजद का आरोप है कि लालू यादव को फोन कर बुलाया गया और जैसे ही वे कैंपस पहुंचे, लगभग 15-20 ABVP workers ने उन पर लाठी-डंडों से हमला किया। घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें स्पष्ट देखा जा सकता है कि ABVP कार्यकर्ता लालू यादव और उनके साथियों पर हमला कर रहे हैं।

छात्रों के बीच वर्चस्व को लेकर संघर्ष
छात्र राजद के उपाध्यक्ष Ashish Kumar ने बताया, “हमारे विश्वविद्यालय अध्यक्ष को बुलाया गया और जैसे ही वे पहुंचे, हमला किया गया। यह पूरी घटना विश्वविद्यालय थाना पुलिस और सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी में हुई।”
पिछले कई दिनों से छात्र राजद और ABVP के बीच voter influence और campus dominance को लेकर संघर्ष चल रहा था। दोनों छात्र संगठन एक-दूसरे पर provisional certificate के नाम पर अवैध वसूली का आरोप लगा रहे हैं, जिससे तनाव और बढ़ गया।

प्रशासन और परीक्षा नियंत्रक की भूमिका पर सवाल
छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक Dr. Krishna Kumar की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि प्रशासन समय पर स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाया, जिससे यह हिंसक झड़प हुई।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है और परिसर में कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी और अप्रिय घटना को रोका जा सके।
पुलिस जांच और इलाज जारी
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। घायल छात्रों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि छात्र राजनीति और संगठनात्मक झगड़े विश्वविद्यालय में पढ़ाई और शांतिपूर्ण माहौल के लिए खतरा बन सकते हैं।

Tilka Manjhi University Violence की व्यापक प्रतिक्रिया
Tilka Manjhi University में हुई यह हिंसक घटना अब पूरे बिहार में चर्चा का विषय बन चुकी है। राजनीतिक छात्र संगठन और समाज में इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। छात्र नेताओं का कहना है कि यदि प्रशासन उचित कदम नहीं उठाता है, तो भविष्य में और भी हिंसक स्थिति बन सकती है।
यह घटना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि Tilka Manjhi University Violence न केवल छात्र राजनीति के बढ़ते दबाव को उजागर करती है, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा उपायों पर भी सवाल उठाती है।