राजनीति डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) के भीतर नेतृत्व संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के हाईकमान (Congress High Command) ने प्रदेश नेतृत्व (State Leadership) पर भरोसा खो दिया है, जिसके चलते दिल्ली से 17 Observers भेजकर जिला अध्यक्ष बनाने का काम किया जा रहा है।
कांग्रेस में आपसी संघर्ष
ठाकुर ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस दो या कई धड़ों (factions) में बंटी हुई नजर आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थकों की टीम अलग तरह से काम कर रही है, वहीं प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के गुट का कार्य भी अलग दिशा में दिखाई दे रहा है। भाजपा के अनुसार कांग्रेस के हाईकमान ने आदिवासी नेतृत्व पर कभी भरोसा नहीं किया, और इसी कारण दिल्ली से Observers भेजे जा रहे हैं।
ठाकुर ने आगे कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बड़े नेताओं का अपमान भी देखा जा रहा है। एक पूर्व आदिवासी मंत्री को प्रदेश प्रभारी की मौजूदगी में माइक छीनकर बोलने से रोका गया, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। इसी तरह अजजा वर्ग के पूर्व मंत्री को अपमानित करने वाले पदाधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दिल्ली हाईकमान का हस्तक्षेप
प्रदेश में बढ़ते विवाद और internal conflicts को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने निर्णय लिया कि जिला अध्यक्षों के चुनाव में Observers की मदद ली जाए। ठाकुर ने कहा, “यह साफ संकेत है कि हाईकमान अब प्रदेश नेतृत्व पर भरोसा नहीं करता। यही कारण है कि 17 Observers को सीधे दिल्ली से भेजा जा रहा है।”
पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के खिलाफ आवाज उठाई, जिससे पार्टी में internal tension और बढ़ गई। जिला अध्यक्षों की बैठक में भी बैज और बघेल समर्थकों के बीच तीखी तकरार हुई। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने मामला संभालते हुए पार्टी नेताओं को सलाह दी कि वे अपने कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करें।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी न केवल मुद्दाविहीन, बल्कि नेतृत्व विहीन हो चुकी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा सरकार सुशासन (Good Governance) की दिशा में काम कर रही है, जबकि कांग्रेस अपने internal संघर्ष से जूझ रही है।
ठाकुर का यह भी कहना है कि दिल्ली हाईकमान के Observers भेजने का कदम इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व में स्थिरता नहीं पाई जा रही। Observers का मुख्य काम जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया को सीधे नियंत्रण में रखना होगा।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस वर्तमान में गहन संकट (Political Crisis) से गुजर रही है। internal factionalism, आदिवासी नेतृत्व पर भरोसा न होना और बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच विवादों ने पार्टी की छवि को प्रभावित किया है। भाजपा का दावा है कि यह संकट कांग्रेस के लिए भविष्य में electoral challenges बढ़ा सकता है।
17 Observers के माध्यम से जिला अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया अब पार्टी के लिए test साबित होगी कि क्या internal conflicts के बावजूद संगठनात्मक मजबूती बनी रह सकती है या नहीं।
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