रायपुर, 28 सितंबर 2025: भारतीय बौद्ध महासभा, रायपुर के तत्वावधान में देवेंद्र नगर बुद्ध विहार में वर्षावास के पावन अवसर पर भंते धम्मपाल जी की धम्मदेशना एवं प्रदेश के नवनियुक्त पदाधिकारियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जो अत्यंत सफल और गरिमामय रूप में संपन्न हुआ। इस जानकारी की पुष्टि रायपुर जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके ने की।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता और धम्म प्रचारक जीतु सी एन ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज अब दान परिमिता से विमुक्त हो रहा है, और समाज को शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर सशक्त बनाने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म को जानने के लिए हमें बुद्धकालीन समय तक जाने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर द्वारा लिखित “Buddha and His Dhamma” पुस्तक का अध्ययन करना आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि अधिकांश लोग इस अध्ययन को अवश्य नहीं करते।

भंते धम्मपाल जी ने समाज में न्याय देने वालों के लिए कहा कि सच्चा न्याय तभी संभव है जब न्यायदाता बुद्धिज़्म को समझे। उन्होंने समझाया कि हमें दूसरों से अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए क्योंकि यदि वे धम्म को नहीं जानते, तो वे न्याय कैसे कर सकते हैं। उन्होंने “Buddham Sharanam Gacchami” के अर्थ पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह केवल बुद्ध की मूर्तियों की शरण लेने का नहीं है, बल्कि उस ज्ञान और तर्कसंगत समझ की शरण लेने का संदेश है, जो हमारे बोध का मार्ग प्रशस्त करती है।
कार्यक्रम में आठ शिलों के पालन और समाज में सक्षम व्यक्तियों द्वारा दूसरों को सशक्त बनाने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि जो सक्षम हैं, उन्हें समाज में दूसरों को सक्षम बनाने का प्रयास करना चाहिए।
समारोह के अंत में, भारतीय बौद्ध महासभा छत्तीसगढ़ प्रदेश के नवनियुक्त पदाधिकारियों का विशेष सम्मान किया गया। राष्ट्रीय ट्रस्टी सदस्य अल्का ताई बोरकर, प्रदेश अध्यक्ष भोजराज गौरखेड़े, महासचिव बेनीराम गायकवाड़, और कोषाध्यक्ष निलकंठ सिंगाड़े को शाल और पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही समाज सेविका सरीता गौर को मोमेंटो भेंट कर समाज सेवा के लिए सम्मानित किया गया।
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जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस सफल आयोजन का श्रेय भारतीय बौद्ध महासभा, रायपुर के कार्यकर्ताओं और वार्ड समितियों के पदाधिकारियों को जाता है। उन्होंने कहा कि समारोह में समाज के प्रबुद्धजन और विभिन्न समुदाय के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, जिससे यह आयोजन और भी गरिमामय बन गया।
इस अवसर पर जिला महासचिव विजय गजघाटे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कार्यक्रम की पूरी जानकारी साझा की। इस धम्मदेशना और सम्मान समारोह ने न केवल बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में योगदान दिया, बल्कि नव नियुक्त पदाधिकारियों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने और निभाने का मार्ग भी प्रशस्त किया।
इस कार्यक्रम ने दर्शाया कि धम्म, शिक्षा और सामाजिक विकास को साथ लेकर चलने वाला आयोजन समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सक्षम है।