नागपुर, 30 सितंबर। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिए गए उस संकल्प को मंगलवार को वास्तविकता का रूप मिला, जिसके अंतर्गत पानंद मार्ग के किनारे वर्षों से आश्रय लिए गरीब परिवारों को अपने स्थायी घर का कानूनी हक दिया जाना था। इसी क्रम में इंगोले नगर, हुडकेश्वर में आयोजित विशेष समारोह में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे ने 104 नागरिकों को भूमि स्वामित्व की सनद सौंपी।
नागरिकों के चेहरे पर खुशी के आँसू
सनद पाते ही कई पट्टाधारकों की आँखों में खुशी के आँसू छलक पड़े। वर्षों से असुरक्षा और विस्थापन के भय में जी रहे इन परिवारों के लिए यह क्षण किसी पर्व से कम नहीं था। पानंद मार्ग पर बसे 59 परिवारों सहित कुल 104 नागरिकों को अब कानूनी स्वामित्व का अधिकार मिल गया है।

सेवा पखवाड़ा का विशेष अभियान
यह कार्यक्रम ‘राष्ट्रनेता ते राष्ट्रपिता सेवा पखवाड़ा’ के अंतर्गत आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस (17 सितंबर) से लेकर महात्मा गांधी जयंती (2 अक्टूबर) तक चलने वाले इस सेवा पर्व में स्वामित्व वितरण एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ। राजस्व मंत्री बावनकुळे ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने समाज के सबसे सामान्य और कमजोर तबके को न्यायपूर्ण और लोकाभिमुख शासन का प्रमाण दिया है।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य
समारोह में उपविभागीय अधिकारी वंदना सवरंगपटे, भूमि अभिलेख उपअधीक्षक सतीश पवार, तहसीलदार कल्याणकुमार दहाट सहित अन्य मान्यवर मौजूद रहे। अधिकारियों ने कहा कि यह पहल प्रशासनिक कार्यशैली की पारदर्शिता और गरीबों के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है।
स्थायी सुरक्षा और सम्मान का अहसास
अब तक अनिश्चितता में जी रहे परिवारों के लिए यह स्वामित्व प्रमाणपत्र न केवल कानूनी सुरक्षा लेकर आया है, बल्कि उन्हें सामाजिक सम्मान का भी अहसास दिला रहा है। नागरिकों ने सरकार और प्रशासन के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह कदम उनके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करेगा।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
इस पहल से साफ संदेश गया है कि सरकार गरीब और वंचित वर्गों को सशक्त करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। भूमि स्वामित्व का अधिकार केवल कागज़ी दस्तावेज़ नहीं बल्कि स्थायी घर, सुरक्षा और गरिमा का प्रतीक है। यह अभियान आने वाले समय में राज्य की शासन शैली के लिए एक आदर्श मिसाल बन सकता है।
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