राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (2 अक्टूबर) पर गुरुवार को पूरे देश में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए। राजधानी नई दिल्ली से लेकर दक्षिण भारत के राज्यों तक नेताओं ने इन महान विभूतियों को याद करते हुए उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजघाट पर महात्मा गांधी और विजय घाट पर लाल बहादुर शास्त्री को पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजघाट पहुंचकर बापू को नमन किया और कहा कि उनकी सरकार गांधीजी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए एक विकसित भारत के निर्माण का प्रयास करेगी।
प्रधानमंत्री ने X पर लिखा—
“Gandhi Jayanti is about paying homage to the extraordinary life of beloved Bapu, whose ideals transformed the course of human history. Gandhi ji showed how courage and simplicity could bring great change.”
पीएम मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री को भी याद करते हुए कहा कि वे एक सच्चे राष्ट्रपुरुष थे, जिनकी ईमानदारी, सादगी और ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा आज भी हमें आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि Swadeshi विचारधारा गांधी-शास्त्री को सच्ची श्रद्धांजलि है और भारत को आत्मनिर्भर बनाने का मूल मंत्र भी।
उपराष्ट्रपति और अन्य नेताओं की भावभीनी श्रद्धांजलि
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने श्रद्धांजलि देते हुए गांधीजी के सत्य और सेवा के प्रयोगों को याद किया। उन्होंने कहा कि गांधी का जीवन “truth and selfless service” का सबसे बड़ा उदाहरण था।
उन्होंने शास्त्री जी को सादगी और नैतिक साहस का प्रतीक बताया और कहा कि उनका संदेश “जय जवान, जय किसान” किसानों और सैनिकों की अहम भूमिका की याद दिलाता है।
दक्षिण भारत के राज्यों में श्रद्धांजलि
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तमिलनाडु: मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने चेन्नई के एग्मोर म्यूजियम में गांधी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
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केरल: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गांधी और शास्त्री को याद किया। अर्लेकर ने राजभवन में श्रद्धांजलि दी, वहीं विजयन ने RSS की 100वीं वर्षगांठ पर टिप्पणी करते हुए गांधी की विचारधारा को प्रासंगिक बताया।
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आंध्र प्रदेश: राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने श्रद्धांजलि अर्पित की। नायडू ने कहा—“Gandhi ji’s values must continue to inspire our younger generation.”
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कर्नाटक: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि आज हम गांधीजी के त्याग और नेतृत्व को याद करते हुए उनके रास्ते पर चलने की शक्ति की प्रार्थना करते हैं।
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तेलंगाना: राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा और मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बापू घाट जाकर श्रद्धांजलि दी और सर्वधर्म प्रार्थना सभा में शामिल हुए।
गांधी-शास्त्री की विरासत
इस वर्ष महात्मा गांधी की 156वीं और शास्त्री जी की 121वीं जयंती मनाई जा रही है।
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गांधी (1869-1948) ने सत्य और अहिंसा के बल पर आज़ादी की लड़ाई को नई दिशा दी और पूरी दुनिया में पहचान बनाई।
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लाल बहादुर शास्त्री (1904-1966) ने प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सादगी, ईमानदारी और युद्धकालीन नेतृत्व से देशवासियों का विश्वास जीता।
दोनों नेताओं की विरासत आज भी भारत को आत्मनिर्भरता, सत्य और सेवा की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है।