नई दिल्ली, संवाददाता।
विजयदशमी के शुभ अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ऐतिहासिक लालकिला मैदान स्थित श्रीधार्मिक लीला समिति के भव्य समारोह में भाग लेकर देशवासियों को एक गहरा संदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए इसे आतंकवाद के रावण पर मानवता की विजय का प्रतीक बताया।
राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब आतंकवाद जैसे दानव मानवता पर प्रहार करते हैं, तब उनका दमन करना अनिवार्य हो जाता है। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल हमारे सैनिकों के साहस को प्रमाणित किया है, बल्कि यह इस बात का भी द्योतक है कि भारत अपनी मातृभूमि की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने भारत माता की रक्षा में तैनात सभी वीर जवानों को नमन करते हुए उनके साहस, त्याग और बलिदान को राष्ट्र की अमूल्य धरोहर बताया।

विजयदशमी का संदेश: बुराई का अंत, अच्छाई की जीत
राष्ट्रपति ने मंच से उपस्थित हजारों नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि रावण का दहन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह हमारे भीतर छिपी बुराइयों को मिटाने का प्रतीक है। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने जीवन से क्रोध, लोभ, अहंकार और असत्य जैसे ‘आंतरिक रावण’ को समाप्त करें।
उन्होंने कहा, “जब हम अपनी बुराइयों पर विजय प्राप्त करेंगे, तभी समाज में सुख, शांति और प्रेम की धारा प्रवाहित होगी। यही विजयदशमी का वास्तविक संदेश है।”
बारिश के बीच उमड़ा उत्साह
दिल्ली में दो दिनों तक लगातार वर्षा के बावजूद रामलीला मैदान में उमड़ा जनसैलाब राष्ट्रपति के संबोधन और विजयदशमी उत्सव के प्रति जनता के उत्साह को दर्शाता है। राष्ट्रपति ने स्वयं वर्षा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दिल्लीवासियों की आस्था और परंपराओं से जुड़ाव को प्रकट करता है।
राम और रावण के युद्ध का मंचन देखने के बाद राष्ट्रपति मुर्मु ने राजदरबार की आरती में भाग लिया, तिलक ग्रहण किया तथा परंपरागत रूप से सांकेतिक तीर चलाकर अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश दिया। इसके पश्चात् रावण का प्रतीकात्मक पुतला धधकते हुए जला और पूरा परिसर “जय श्री राम” के नारों से गूंज उठा।

विशेष उपस्थिति और आयोजन
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी विशेष रूप से मौजूद रहीं। समिति के महासचिव धीरजधर गुप्ता ने राष्ट्रपति को तीर चलाने में सहयोग प्रदान किया, वहीं स्वागत समिति के सचिव प्रदीप शरण और प्रवक्ता रवि जैन ने कार्यक्रम संचालन का दायित्व निभाया।
रावण दहन के दौरान वर्षा से भीगे होने के बावजूद जनसमुदाय का जोश चरम पर बना रहा। रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों में आग लगते ही पूरा मैदान उत्साह, उल्लास और धार्मिक ऊर्जा से भर गया।
विजयदशमी का राष्ट्रव्यापी महत्व
विजयदशमी केवल धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि यह अच्छाई की बुराई पर विजय का राष्ट्रीय पर्व है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि जब-जब आतंकवाद, हिंसा या अन्य सामाजिक बुराइयाँ समाज पर आक्रमण करती हैं, तब उनका दमन करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जिस प्रकार भगवान राम ने रावण का अंत कर धर्म की स्थापना की, उसी प्रकार हर नागरिक को अपने भीतर की नकारात्मक प्रवृत्तियों को समाप्त कर राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में योगदान देना चाहिए।